अर्ज़ कुछ यूँ किया हैं जरा गौर फरमाइयेगा
मौत अगर लिखी होती तकदीर में तो अब तक कोरोना लग जाता हमें
जिसका मौत खुद उसके हाथ में दिया हो बाला उसे कोरोना क्या करें