webnovel

Poem No 28 वो रास्ता,

वो रास्ता,

जो मेरा न था

फिर भी अपनाना पड़ा

क्यूंकि मजबूर था

वो रास्ता,

जो मेरा न था

मंज़िल कहा

कोई पता न था

वो रास्ता,

जो मेरा न था

----Raj