webnovel

chapter7

एक समय की बात है, गांव के पास एक पुराना हवेली था। इस हवेली का माहौल हमेशा ही डरावना रहता था, और लोग कहते थे कि वहाँ रात को अजीब-अजीब आवाजें आती थीं।

एक दिन, एक युवक नामक आमिर ने उस हवेली की तरफ अपनी करिगरी की नजर डाली। वह सोचा कि यह अच्छा मौका हो सकता है उसके लिए। उसने हवेली की चाबी पाई और वहाँ पहुँचा।

रात के समय, जब आमिर अकेला हवेली में था, तो वह अजीब-अजीब आवाजें सुनने लगा। वह डर के मारे अपनी लक्ष्य से भगवाने की तरफ देखा और देखा कि एक बड़ा और भयंकर आदमी उसकी ओर आ रहा है।

आदमी ने आमिर से कहा, "तुमने मेरी हवेली में क्यों घुसा?"

आमिर ने डर के मारे जवाब दिया, "मुझे यहाँ खोजने का कोई इरादा नहीं था, सर। मैं बस यहाँ आया था काम के लिए।"

आदमी ने उसे एक अजीब खिलौना दिया और कहा, "तुम इस खिलौने को लेकर जाओ, और फिर जाने दूंगा।"

आमिर ने वह खिलौना लिया और वही से फिर निकल गया, लेकिन उसके बाद कभी भी उस हवेली के पास वापस नहीं गया। जब वह खिलौना देखता तो वह आवाजें आती थीं, जिसमें वो आदमी किसी गर्मजोशी से किसी को डराने के लिए कह रहा था।

इस घटना के बाद, गांववाले कभी भी उस हवेली के पास नहीं जाते और उसे 'डर की हवेली' कह दिया। वह खिलौना भी वहाँ अब अदृश्य हो जाता है, लेकिन उसकी आवाजें रात के समय अभी भी सुनाई देती हैं।