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Ch 5 - अधुरा इजहार

"जिन्दगी में हमारे चाहने से कुछ नहीं मिलता,

पर हमें खुदा वो ज़रूर देता हें जो हमारे लिये बेहतर हो"

फेयर-वैल के लिये 2-3 दिन ही बचे थे,'अभी' एक रात लीसा को मैसेज करता हें ओर उस से पूछता हें ।

लीसा तुम फेयर-वैल में कोन से कलर की ड्रेस पहन रही हो,

लीसा कहती हें मेने एक ब्लैक कलर की ड्रेस खरीदी हे फेयर-वैल पार्टी के लिये ।

ओर लीसा उसे अपनी ड्रेस की फोटो भेजती हें, लीसा कहती हे 'अभी' तुम भी ब्लैक कलर का कुछ मैचींग का पहन के आना ।

वो उसे कहता हें ठीक हें ओर कहता हें  तुम उस दिन वो कान के पहन के आना,जो हम ने मसूरी में लिये थे ।

लीसा कहती हें में वही पहन ने वाली हूँ,वो मेरे ड्रेस के साथ मैच भी कर रहें हें  । 'अभी' कहता हे बड़ीया हें तब ,मिलतें हें फेयर-वैल में ।

लीसा 'अभी' को फेयर-वैल के एक दिन पहलें फोन करती हें ओर कहतीं हें । तुम मुझें कल पार्टी के लिये लेने आ सकतें हो, पार्टी में मै तुम्हारे साथ ही चल लुंगी ।

'अभी' कहता हें में अजाऊगा 

अगले दिन 'अभी'तयार होके अपने घर से निकलता हें,वो रास्ते में फ्लावर शॉप से लीसा के लिये रोज़ खरीदता हें, उसने इस दिन का बेसबरी इंतज़ार करा था, जब वो लीसा को अपने दिल की बात

कहेगा ।

वो लीसा के घर पहुच के लीसा को फ़ोन करता हें की वो बहार हें,

लीसा कहतीं हें बस 2 मिनट में आती हूँ ।

लीसा घर से बहार आती हे 'अभी' उसे देखता हें, उसने साडी पहनी थी।

''कानो में झुम्के,आखों में काजल,

उसे देख के सच में,कोई भी हो जाएगा पागल"

वो इतनी ज्यादा खुबसूरत लग रही थी।

लीसा 'अभी' को देखतीं हें ओर मुस्कुराती हें ओर कहतीं हें तुम अच्छे लग रहे हो 'अभी' ।

'अभी' भी कहता हें तुम भी अच्छी लग रही हो लीसा।

वो दोनो पार्टी के लिये जातें हें,दोनो ही साथ में बहुत अच्छे लग रहे थे,

दोनो खुब फोटो खिच-वाते हें हें दोस्तो के साथ,

ओर सबके साथ डांस भी करते हें ।

अभी डांस करतें वक़्त कहता हें लीसा तुमसे कुछ बात करनी थी,

लीसा कहतीं हें कहो, पर वहा म्यूज़िक तेज़ था ।

तो वो पार्टी हॉल के बहार आ जातें हें,

लीसा कहती हें कहो क्या बात हें ।

'अभी' कहता हें लीसा में बहुत दिन से कोशिश कर रहा था की तुम्हे यह बात कहू पर हिम्मत नहीं हो पा रही थी।

वो लीसा को रोज़ 🌹 देता हें ओर कहता हें मेने कोशिश बहुत करी की तुम्हे यह ना कहू ।

पर मे तुम्से कहे बिना रह भी नहीं सकता, तुम मुझें हर जगह दिखती हो,  यह मेरी दोस्ती लीसा महोब्बत में बदल गयी हें,

हा लीसा में  तुम से महोब्बत करता हूँ ओर हमेशा करूँगा ।

लीसा भी उस से उतनी ही महोब्बत करती थी जितनी अभी करता हें, पर वो कहती हें हम अच्छे दोस्त हें, तुम मुझें गलत मत समझना पर में इसका जवाब तुम्हे पेपर के बाद दे सकती हूँ ?

'अभी' कहता हें कोई नहीं में इंतज़ार करूँगा तुम्हारे जवाब का ओर कहता हें लीसा मेने तुम्से मिलने से पहले कभी महोब्बत का एहसास मेहसूस नही किया,तुम्हारे नाम आने पे खुश होता हूँ, तुम रो जाओ तो

में तकलीफ में होता हूँ, तम्हें ही में सुना चाहता हूँ तुम्हारे साथ ही में जीना चाहता हूँ ।

लीसा उसका हाथ पकड़ती  हें ओर कहतीं हें मुझें पता हें तुम क्या मेहसूस कर रहें हो,तुम्हारी आखो में चेहरे में इश्क़ साफ़ झलक रहा हें ।

वो कहतीं हें चलो, पार्टी में वापिस चलतें हें।

वो पार्टी में वापिस आते हें ओर पार्टी एन्जॉय करते हें ।

पार्टी ओवर होने के बाद  'अभी' लीसा को घर छोड़ने जा रहा था ,तो

लीसा 'अभी' से पूछती हें 'अभी' तुम जिंदगी में आगें क्या करोगे।

जेसे की मेरा खवाब डॉक्टर बन ने का हें ओर में मेडिकल की पढ़ाई के लिये हिमाचल पढ़ने चले जाऊंगी।

तुमने क्या सोचा हें, 'अभी' कहता हें फिलहाल नहीं सोचा हें,

क़िस्मत जहा लेके जाएगी वहा चले जाएंगे ।

ओर लीसा का घर आ जाता हें, लीसा बाइक से उतरती हें,

ओर उसे बाय कहती हें ओर कहतीं हें अच्छे से पढ़ना पेपर के लिये ।

'अभी' भी उसे बाय करके वहा से चला जाता हें,

ओर फ़िर कुछ दिनो बाद उन्के पेपर भी स्टार्ट हो जातें हें बोर्ड के,

वो दोनो ही पेपर के दिन मिलतें थे ओर दोनो को ही पेपर खतम होने का इंतज़ार था।

पेपर खतम होते हें लीसा उस शाम 'अभी' को मैसेज करती हे की  कल 1 बजे कॉफ़ी शॉप में मिलतें हें,

ओर कहतीं हें मेने कल हिमाचल चले जाना हें फ़िर अगले महीने आऊंगी ।

दिन की 4 बजे की बस हे ।

तो कल मिलते  हें ।

'अभी'  कहता हें ठीक हें

दोनो ही बेसबर थे, पर इस बार लीसा उसे सब बताने वाली थी की वो भी 'अभी' लिये वही फील करती हें 'जो' अभी करता हें ।

वो 'अभी' से तब से प्यार करती हें जब से उसने उसे,

पहली बार देखा था, पर वो कभी कह नही पायी ।

वो दोनो ही अगले दिन अपने घर से निकलते हें,

ओर लीसा कॉफ़ी शॉप पहुच जाती हें ।

लीसा को बेठे हुए काफी देर हो जाती हे वो अभी को कॉल करती हें ,

पर कोई फ़ोन उठाता नहीं हें वो थोडा इंतज़ार करती हें फ़िर कॉल करती हें कोई नहीं उठाता  3 बज जातें हें।

फ़िर लीसा को उसके पापा का फोन आता हें,

वो कहतें हे बेटा कहा हो तुम्हारी 4 बजे की बस हें

जल्दी आओ!

वो कॉफ़ी शॉप से जाने से पहले एक पेपर में लिखतीं हें,

अभी अगर तुम मेरे बाद यहा आये तो यह मेरा नया नम्बर हें ।

इसमे कॉल करना में अपना नम्बर चेंज कर रही हूँ ओर अभी तुम्हारे इजहार का जवाब हा हें ❤, में तुम्हे कभी कह नही पायी पर तुम्से पहलें महोब्बत मेने करी हें तुम्से ।

ओर लीसा वो  पेपर कॉफ़ी शॉप के टेबल में रख देती हें ,ओर अपने कान के झुम्के वहा छोड़ देती हें।ओर लीसा 4 बजे की बस से हिमाचल चले जाती हें ।

ओर दुसरी तरफ अभी हॉस्पिटल में अपनी माँ के साथ हें,

क्युकी जेसे ही अभी लीसा से मिलनें के लिये घर से निकल रहा था।

उसके पापा को Heart-attack आ जाता हें ।

वो अपने पापा को तुरंत हॉस्पिटल ले जाता हें पर 'अभी' के पापा बच नही पाते ।

कुछ दिन बाद उसके पापा का क्रिया करम होता हें,

ओर उसकी माँ कहतीं हें हम अब देहरादून वापिस जा रहें हें ।

वो कहता हें ठीक हे,

वो जाने से पहले लीसा को कॉल करता हें ।

पर फ़ोन स्विच ऑफ़ आ रहा था

वो उसके घर जाता हें,

पदोसीयो से पता चलता हें लीसा हिमाचल चले गयी हें।

ओर उसके घर वाले सब शहर से बहार गये हे

1 हफ्ते में वापिस आयेंगे ।

'अभी' को कुछ समझ नहीं आता,

उसके पापा भी उसके पास नही हें ।

ओर लीसा भी चले गयी हें,

'अभी' भी 2 दिन बाद अपनी माँ के साथ देहरादून चले जाता हें ।

" हमारी असली कहानी उस दिन से शुरु होती हें,

जिस दिन हम तबाह हो रहे हो ''

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