भाग 3
मैं अपना एडमिट कार्ड आईडी और पैन लेकर के अपना रूम ढूंढने लग गया। मुझे मेरा रूम मिल गया। और जाकर के अपनी सीट पर बैठ गया। वहां पर लोग बात कर रहे थे कि पेपर तो नॉर्मल आता है। और कई कई तो ऐसे भी बात कर रहे थे कि वह पेपर को पहले से देखकर ही आ गए हैं आंसर भी याद करके आए हैं।
इसका मतलब साफ़ था कि यह पेपर लीक हो जाता है। यह सब भले ही चुपके से हो मगर पहले लीक कर देते हैं। आजकल की सरकार ही ऐसी है। कुछ पैसों के लिए बिक जाती है। उन्होंने इस पेपर को भी लीक कर दिया था। मगर किसी को कोई आपत्ति नहीं थी। बस लोग अपनी जुगाड़ बनाने में लगे हुए थे। कि तुम मुझे ऐसे बता देना तुम मुझे ऐसे बता देना और हमारा काम हो जाएगा।
मगर मुझे नकल करने वालों से सख्त नफरत थी इसीलिए मैं तो अपना आईडी कार्ड और पैन पकड़े पेपर का इंतजार कर रहा था। जब पेपर हाथ में आया तो मैंने उसको देखा कि यह तो बहुत ही आसान सा था। और मुझे पहले ही बताया गया था कि पेपर में 14 क्वेश्चन सही करने हैं जिससे कि में आराम से पास हो जाऊंगा।
इसीलिए मैं पेपर को पढ़ ही रहा था। मैंने पेपर में देखा कि मुझे बारह सवाल आ रहे थे। और बाकी के ऐसे ही डाउटफुल थे। मतलब सवाल बहुत सारे थे। फिर भी मैंने उनको नहीं किया। क्योंकि मुझको ऐसे लग रहा था। जैसे इस में नेगेटिव मार्किंग होगी। अगर मैंने गलत किया तो कहीं मेरे जो नंबर आ रहे हो वह भी ना कट जाए।
इसीलिए मैंने बारह तो क्या तेरह सवाल कर लिए। और तेरह सवालों पर आराम से पास हो सकते हैं। आराम से मैंने जो सवाल किए थे वो शुरू के 10 मिनट में ही कर लिए थे। इसके अलावा में बस लोगों को देखता रहा। कि उन्होंने कितना किया है। लोग तो अपना पेपर पूरा करके कॉपियां भरने में लगे हुए थे। मैं सोच रहा था अगर मैंने गलती से भी गलत कर दिया तो इसको सही करना मुमकिन नहीं होगा।
इसीलिए मैंने डर के मारे किया ही नहीं। और इसी में धीरे-धीरे पूरा टाइम निकल गया। मैंने गिन कर के पूरे तेरह सवाल किए थे। और मैं पेपर को करके घर आ गया। जब मैंने घर पर बताया कि मैं तो फिक्स तेरह सवाल ही करके आया हूं। तब मुझे घर पर बहुत डांट पड़ी। जबकि मुझको कई सारे क्वेश्चन आ रहे थे। फिर भी मैं नहीं करके आया। और जो मैंने क्वेश्चंस किए थे वह मुझको अच्छी तरीके से आते थे। इसीलिए मैंने सिर्फ जो आ रहे थे वो ही क्वेश्चन किए थे।
यहां तक कि पेपर में कई सवाल ऐसे थे जिन पर मैने टिक लगाया था। और वह बिल्कुल सही था मगर मैं फिर भी उनको नहीं करके आया था। जब घर पर इस बात का पता लगा तो मुझको बहुत डांट पड़ी। और फिर मैंने अपनी ओएमआर शीट की डुप्लीकेट कॉपी को चेक किया तो उसमें एक गोले को मैं गलती से गलत करके गया था। जिसकी वजह से जो 13 क्वेश्चन सही होने थे वहां पर 12:00 ही सही थे।