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मृत्य का देवता (भाग 6)

दोनो ग्रिफिथ अब पंख कट जाने पर नीचे गिर जाते हैं और वहीं पर वह  मर जाते है। अब डेथबॉय अपने पंख की मदद से उस साकड़ी सड़क को पार कर लेता हैं। अब डेथबॉय को धूल और धुंध के कारण आगे कुछ दिखाई नहीं देता।इसलिए अब डेथबॉय हवा से नीचे जमीन पर आ जाता है।जमीन पर भी उसे कुछ दिखाए नहीं दे रहा था, तो भी वह चलना जारी रखता है। कुछ देर के बाद उसे वहा पे एक छोटीसी जोपड़ी  दिखाए देती हैं। अब डेथबॉय उस झोंपड़ी के पास जाता है और चिल्लाता है कि कोई अंदर है।

 लंबे समय से कोई जवाब नहीं आता। लेकिन अंत में सफेद बालों वाली बुढ़िया धीरे-धीरे उस झोंपड़ी से बाहर आती है और कहती है,अब मेरी उमर हो चुकी हैं इसलिए जरा देर से सुनाई देता है। और कहती है कि बहुत समय के बाद यहां पर मैने इंसान देखा।

अब डेथबॉय कहता है की आपकी बात मुझे समझ नहीं आई, तब बुढ़िया कहती है कि जो भी इस पहाड़ी पे आता हैं उसके पास कुछ भी समझने का समय नही होता हैं। फिर भी तुम्हारे पास समझ ने का समय है तो में समझा सकती हूं।

डेथबॉय मना कर देता है की नही मेरे पास कुछ भी समझने और समझा ने का समय नही है। मुझे इस पहाड़ी की चोटी तक जाना हैं पर यह इस धूमस कि वजह से कुछ भी दिखाई नही दे रहा है। इसलिए में आपको रस्ता पूछने आया हूं।

बुढ़िया कहती है कि मैं यहां पिछले 100 साल से हूं और मुझे यहां का हर रास्ता पता है। लेकिन मैं तुम्हें क्यों बताऊं? तब डेथबॉय कहता है कि, आपको इसके लिए मेरे पास क्या करवाना चाहती हों,??

तब बुढ़िया कहती है कि तुम्हे सिर्फ मेरे 2 महीने से पड़े मेरे कपड़े धोने है,पूरे घर को साफ करना हैं,और कुवे से पानी भरकर लाना हैं। और कुवा मेरे घर के पीछे ही हैं । मगर तुम नही करना चाहते हो तो भी में तुम्हें चोटी तक जानें का रास्ता बतावुगी पर अब मेरी उमर हो गए हैं तो में यह काम कैसे करुगी।तुम्हें मुझ पर दया आ रही हों तो ही मेरी मदद करना।

डेथबॉय अपने भूतकाल के बारेमे सोचता हैं की ईसके पास भी मेरी तरह कोई ख़्याल रखने वाला नहीं हैं। यह सोचकर वो उस बुढ़िया का काम करने को मान जाता हैं। वह उस बूढ़ी औरत का काम करने को राजी हो जाता है।

पहले वह कूवे से पानी भरकर झोपडी में लाना शरु करता है।  बहुत सारा पानी भरने के बाद, डेथबॉय को लगता है कि अब पानी घड़े में से बहार निकल जायेगा,,,लेकिन देखने के बाद उसे पता चलता है कि अभी भी घड़े में थोड़ा सा पानी ही भरा है।  फिर डेथबोय बहुत ज्यादा बार पानी भरता है और फिर देखने पर पता चलता है कि अभी तो आधा घड़ा भी नही भरा था। डेथबॉय आश्चर्य करता है और सोचता है कि बार-बार पानी भरने के बाद भी घड़ा क्यों नहीं भरता।

फिर वह इसके बारेमे बुढ़िया से बात करता हैं तब बुढ़िया कहती है कि, जिंदिगी में लालस भी कुछ इस घड़े की तरह ही है जितना भी मिले हम संतुष्ट नहीं होते।

अब डेथबॉय बुढ़िया की बात समझ जाता है और वोह जिस बर्तन से कूव में से पानी निकाल रहा था उस बर्तन में इस बार जितना पानी घड़े में जहिए था इतना ले कर घड़े में डाला और इस बार घड़ा भर गया ।

अगले दिन बुढ़िया ने कपड़े धोने का काम दिया, डेथबॉय कपड़े धोने लगा। 

अब डेथबॉय कपड़े धोना शुरू करता है लेकिन कपड़े के दाग बार-बार रगड़ने के बाद भी नहीं निकल रहे थे, दोपहर हो गई।

डेथबॉय बुढ़िया को इसकी वजह पूछता है तब वह कहती है कि हमारे मनकी ईर्षा भी कुछ इस तरहा ही होती है कुछ भी करो निकलती ही नही।और वह  अब आगे कभी भी ईर्षा नही करनेका सोचता हैं तभी धीरे धीरे कपड़ों में से दाग निकल ने लगते है इसे ही दूसरा दिन भी बीत जाता हैं।

अब अगले दिन बुढ़िया डेथबॉय को घर साफ करने का काम देती हैं। डेथबॉय के बार बार घर को साफ करने के बाद भी कुछ जगह बाकी ही रह जाति थी।जब डेथबॉय इसका कारण पूछता हैं तब बुढ़िया कहती है कि हमारे मनका दुःख भी कुछ इस प्रकार ही होता हैं कितना भी भूलने का प्रयास करो वह याद आए जाता है।

तब डेथबॉय सोचता है कि,में हमेशा पहले अपने भूतकाल के दुःख में डूबा रहा करता था अब में अपने दुःख से भागूगा नही उसका सामना करूंगा। यह सोचातेही अचानक वह जोपडी और बुढ़िया वहासे गायब हो जाती हैं।

                        अब धीरे धीरे से वहाका कोहरा जाने लगता हैं और सब कुछ दिखना शरू हों जाता हैं। अब डेथबॉय को चोटी तक जाने का रास्ता दिखने लगता हैं। और फिर से वह चलने का शरू कर देता है।आखिर कार डेथबॉय पहाड़ी के ऊपर पोहच जाता है।

                डेथबॉय पहाड़ी के ऊपर एक छोटा मोगल मां का मंदिर देखता है।और फिर आगे चलना शुरू करता हैं। अब आगे उसे वही काले कपड़े वाला व्यक्ति दिखता है। डेथबॉय उसके पास जाता हैं और कहता हैं की मेरा भाई कहा पे हैं तुम्हारे कहने पर मैं यहां पर आ गया हूं,तो अब उसे तुम छोड़ दो।

तब वह व्यक्ति अपने हाथ से चुटकी बजाता है,तभी अचानक प्रकाश का देवता वहा पर प्रगट हो जाता हैं।

प्रकाश का देवता डेथबॉय से कहते है कि जब इस व्यक्ति की आंखों मेने देखा फिर क्या हुआ यह मुझे नही पता और आज में यहां कैसा आया यह भी मुझे नही पता है??

अब वह व्यक्ति जिसने अपना पूरा शरीर काले कपड़े से ढका होता हैं और अपना चेहरा और सरभी। सिर्फ उसकी लाल रंग की आंखे ही दिखती है,

वोह अपनी आंखो की मदद से डेथबॉय प्रकाश के देवता की तरह भ्रमित करके खतम करना चाहता था पर डेथबॉय उसकी आंखों से मायाजाल में उसीके को फसाता हैं।

डेथबॉय अपनि ताकत से उस व्यक्ति को दिखाता है की,वह व्यक्ति एक बहुत ही गरम जगा पे है,और उस पर नर्क के बहुत सारे राक्षस घेर लेते हैं।

पर तबहि वह व्यक्ति एक अजीब से हास्य देता है,और उसका पूरा शरीर काले रंग के औरा (किसी शक्ति से शरीर ढक जाना) निकलने लगता है,और वह औरा चारों और बहुत शक्ति के साथ जाता है और डेथबॉय की भ्रमाणा को तोड़ देता हैं।

डेथबॉय को एक जटका लगता है उस व्यक्ति के औरा की वजह से डेथबॉय के मुहसे खून भी निकल जाता है। और अब डेथबॉय भी समझ जाता है की मेने इसको कम समझ ने की भूल कर दी हैं।

अब वह व्यक्ति अपने मुंह और सरका कपड़ा निकलता है,और सबको उसका चेहरा दिखता हैं।,,,