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द किंग'स अवतार

ऑनलाइन गेम ग्लोरी में, ये शिऊ को एक ज़बरदस्त और शीर्ष-स्तरीय खिलाड़ी माना जाता था। लेकिन असंख्य कारणों की वजह से उसे टीम से बाहर कर दिया गया। प्रोफेशनल खेलना छोड़ने के बाद, वह एक प्रबंधक के रूप में इंटरनेट कैफे में काम करता है। जब ग्लोरी ने अपना दसवां सर्वर लॉन्च किया, तो उसके पास दस साल के गेमिंग अनुभव के साथ एक बार फिर खुद को खेल में झोंकने का मौका आया। अपने साथ अपने अतीत की यादें और एक अधूरा, स्व-निर्मित हथियार लेकर, शिखर पर जाने के रास्ते पर उसकी वापसी शुरू होती है! "लड़ने और योजना बनाने के बाद, किसने मेरी महिमा छीन ली? हवा और तूफ़ान के उछाल के बाद भी, मेरे सपने अब भी दिखाई देंगे जैसे कि वे कभी बिखरे ही नहीं थे। अपने सारे वैभव के साथ, मेरा रास्ता कभी नहीं गुमेगा। सबकी नज़रों के सामने, मैं दुबारा लौटूँगा!"

Butterfly Blue · เกม
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बादशाह (दो)

Editor: Providentia Translations

"कोई दिक्कत नहीं है" भूमि सप्तम और बाकी लगभग इस बात पर तैयार हो गए थे। इस समय इस जानकार की कीमत गिरने वाले सामानों की कीमत से लगभग आगे चली गई थी। वह ज्यादा परेशान थे कि कैसे खुद को शुभ चिंतक की तरह पेश करे। किसने सोचा था कि यह जानकार इस तरह की किसी मांग के साथ सामने आएगा? यह सही में आराम की बात थी। अगर वह गिरे हुए सभी सामान भी मांगता, तो भी भूमि सप्तम और अन्य लोगों को उस देने में कोई परेशानी न होती।

इसके साथ भूमि सप्तम, अपनी शुभेक्षा और आगे भी आगे बढ़कर प्रकट करना चाहता था। वह मुड़ा और कहा, "नन्हे मुन्ने चंदू, पार्टी का नेता जानकार साथी को बन जाने दो"

"अगर तुमने ऐसा फिर कहा तो मैं तुम्हें जान से मार दूंगा" सुषुप्त शेखर ने दांत पीसते हुए कहा।

"हा हा कितना प्यारा है ना? तुम्हे पसंद क्यों नहीं आता?" भूमि सप्तम हँसा पर उसने यह मजाक बहुत ज्यादा नहीं किया था और तुरंत कहा "अगर तुम नहीं चाहते तो मैं तुम्हें ये नहीं बुलाऊंगा। पर पार्टी नेता की जगह जानकार साथी के लिए खाली कर दो"

सुषुप्त शेखर इसका मतलब समझता था। पार्टी नेता की उपाधि देने का मतलब था कि अब पार्टी वह चलाएगा, बाकी लोग अपनी शंकाएं उससे बताएंगे। अब बाकी सब के साथ उसका विश्वास का रिश्ता था। इस अवस्था पर पहुंचने के बाद सुषुप्त शेखर ने आखिरकार समझ लिया। विकट देव को किसी भी कहानी की जरूरत नहीं थी। अगर वह कुछ चाहता था तो उसके एक बार कहने पर उसके तीनों साथी बिना किसी शिकायत के उसे दे देते। सुषुप्त शेखर के पास कोई चारा नहीं था अपनी जगह खाली करने के अलावा।

अंत में विकट देव ने कोई बदलाव नहीं किया और कहा "चलो आगे बढ़ते हैं" और उसने लोगों का नेतृत्व करना जारी रखा।

उनके मारने का तरीका बिल्कुल भी नहीं बदला था और सभी चीजें बिना किसी रूकावट के चल रही थी। आगे मकड़ी के बादशाह की गुफा के सामने एक दोराहा आया। सभी लोग जानते थे कि कौन सा रास्ता मकड़ी के बादशाह की गुफा में जाता है। विकट देव ने एक बार भी हिचकिचाहट नहीं दिखाई और सीधे मकड़ी बादशाह की ओर चल दिया। बाकी चार भी उसके पीछा चल दिए।

इस तरफ आम कोठरियों में सड़क का किनारा नहीं दिखता। रास्ते में कुछ मकड़ी के अंडे थे। जब खिलाड़ी उनके नजदीक आए तो अंडे से मकड़ी निकलने लगी। बहुत ही छोटी मकड़ी कूद के बाहर आई और खिलाड़ियों पर हमला कर दिया। उनके द्वारा पहुंचाया नुकसान बहुत ज्यादा तो नहीं था, पर वह बहुत छोटे थे और उन्हें मारा नहीं जा सकता था। चारों खिलाड़ियों ने अपनी आंखें बड़ी करते हुए खोल ली, तब तक जब तक वो निकल के बाहर नहीं आ गई। तीन से चार हमलों में एक बार मकड़ी को लग रहा था। पर विकट देव के लिए, भाले से एक प्रहार ही काफी था, उन्हें तेजी से साफ करने के लिए। यह देखकर कि बाकी चारों को कोई मुसीबत नहीं हो रही, वह मुड़ा और उनकी मदद करने लग गया। बाकी चारों अपनी सांस खींचे बैठे थे। इस आदमी के बगैर, वह मकड़ी के बादशाह की गुफा में भले पहुंच जाते पर उन्हें इस सड़क से कम से कम एक घंटा लगता।

"क्या तुम्हें लगता है कि हम मकड़ी के बादशाह को मारने वाले, भी सबसे पहले होंगे?" वरुण लहर ने आगे भविष्य में देखते हुए कहा।

"यह हमारी किस्मत पर निर्भर करता है। हमें नहीं पता कि हम अपनी किस्मत से कब कहाँ कैसे मिलेंगे" भूमि सप्तम ने कहा।

"हम इसे पार करने वाले सबसे पहले होंगे मतलब हम सबसे पहले मकड़ी गुफा में दूसरी बार पहुंचेंगे। हमारी रफ्तार धीमें भी नहीं है। अब यह हमारा तीसरा चरण है और अभी तक कोई घोषणा नहीं हुई है। हमें लगता है कि हमारे पास अच्छा मौका है" वरुण लहर ने विश्लेषण किया। 

"बिना ताकत के अगर हम मकड़ी बादशाह से मिलेंगे भी तो, हम उसे मार नहीं पाएंगे" सूर्यास्त मेघ ने कहा।

"किस्मत से हमारे पास जानकार साथी है" भूमि सप्तम ने कहा।

"सही बात, एक दम सही बात" बाकी दोनों ने तोते की तरह रटना चालू रखा।

"तुम लोग मुझे पागल कर दोगे" सुषुप्त शेखर ने अत्यंत निराशाजनक भाव से कहा। वह दुखी था कि यह तीनों हमेशा विकट देव को खुश करने में लगे रहते थे। वह विकट देव के सुन लेने से भी नहीं डर रहा था।

बाकी तीनों खिलाड़ी भी शर्मिंदा हुए और सुषुप्त शेखर से और नाराज भी हो गए। अपने पुराने संबंधों को लेकर भी वो आदमी गलत था। वो क्यों हल्का सा पीछे नहीं रह सकता था? भूमि सप्तम ने एक बार फिर सुषुप्त शेखर को सबक सिखाने के लिए एक निजी संदेश भेजा। सुषुप्त शेखर जाहिर तौर पर भूमि सप्तम को कोई सही कारण नहीं बता सकता था। अंत में वह बस इतना ही दिखा पाया कि "मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा है"। भूमि सप्तम भी अपना धीरज खो रहा था। जब सुषुप्त शेखर ने कहा कि उसे कुछ ठीक नहीं लग रहा है तो भूमि सप्तम ने कहा तुम कोठरी छोड़कर चले जाओ और हमें और मुसीबत पहुंचाना बंद करो।

सुषुप्त शेखर को बुरा लगा और वह गलत भी था। क्या आखिरकार वो समय आ गया है जब ये लोग उसे एक जानकार के लिए छोड़ देंगे।

"हम यहाँ हैं" ये क्सिउ ने आगे बढ़ना चालू रखा। यह देखकर कि अभी एक और मकड़ी गुफा है उसे लगा कि यही बादशाह मकड़ी की गुफा होगी।

"हम उसे कैसे मारेंगे?" भूमि सप्तम ने पूछा

"तुम लोग थोड़ा इंतजार करो। मैं जा कर गुफा पार करने में मदद करने वाली किताब में देख कर आता हूँ" ये क्सिउ ने कहा। 

बाकी चारों तुरंत ही पहेली में उलझ गए। यह कौन सी अवस्था है? एक गुफा पार करने में मदद करने वाली किताब में देखकर समस्या सुलझाएगा, यह आखिरी समय में किस तरह की तैयारी है?

"जानकार साथी तुम..." भूमि सप्तम नहीं जानता था कि वह अपनी बात कैसे रखेगा। अंत में उसने विकट देव को देखा और वह बिना किसी जवाब के वहाँ खड़ा था। वह सही में खेल से लगभग बाहर निकल के, गुफा पार करने में मदद करने वाली किताब के लिए देखा। बाकी चारों ठगे हुए से थे। उन लोगों ने उससे पहले ही एक बहुत बड़े जानकार के रूप में मान लिया था, पर कैसे एक छोटी सी बात जानने के लिए इतना बड़ा जानकार बाहर जाएगा?

"क्या ऐसा हो सकता है कि उसने अपने आप को किसी से बदल लिया हो?" भूमि सप्तम ने बस एक अंदाजा लगाया जिससे बाकी सभी चौंकन्ने हो गए।

"जैसा मैंने पहले कहा था, कि इतना बड़ा जानकार दिव्य द्वार में कैसे नहीं है? वह अकेले इस नए सर्वर में क्यों है?" वरुण लहर ने कहा

"भाड़ में गया सब कुछ, वह सही में जानकार है जिसने हमारी उस दिन खेलने में मदद की थी। पर अब वह एक नकली जानकार के रूप में क्यों दिखा रहा है? क्या उसे भाग जाना पड़ेगा और देखना पड़ेगा, एक गुफा पार करने में मदद करने वाली किताब में?" सूर्यास्त मेघ ने कहा। 

जानकार साथी तुम हमें ऐसे कैसे छोड़ सकते हो? क्या तुम इस कोठरी को पार करने में हमारी मदद नहीं करोगी? बाकी तीन खिलाड़ियों के गालों से आंसू बहने लगे। सुषुप्त शेखर ने एक शब्द नहीं कहा पर उसने एक अलग अंदाजा लगाया। यह आदमी इतने शांत स्वभाव से है और कोई प्रतिक्रिया भी नहीं दे रहा है। क्या इसकी ये वही छवि है जिस से वो पहली बार टकराया था? 

जब वह अपने आप को इस कठिन अवस्था से निकाल नहीं पाया। तब तक ये क्सिउ ने गुफा पार करने में मदद करने वाली किताब खत्म करके लौट भी आया था।

"ठीक है" ये क्सिउ ने कहा।

"जानकार साथी... तुम... क्या तुमने किसी खिलाड़ी से अदला-बदली की है?" भूमि सप्तम ने आराम से पूछा। 

"खिलाड़ी से अदला बदली?" ये क्सिउ को कुछ समझ नहीं आया।

"क्या इस खाते से तुम्हारे द्वारा ही पूरे समय खेला गया था?" भूमि सप्तम ने पूछा।

"हाँ" ये क्सिउ ने कहा।

"तब मुझे बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा है। तुम्हारे जैसा बेहतरीन जानकार को क्यों किसी गुफा पार करने में मदद करने वाली किताब में देखने की जरूरत पड़ेगी?" भूमि सप्तम ने कहा

"मैंने इस कोठरी को बहुत सालों से पार नहीं किया है। अगर मैं गुफा पार करने में मदद करने वाली किताब नहीं देखूंगा तो मुझे याद नहीं आएगा किसे कैसे हराना है" ये क्सिउ ने कहा

"पर पहले..."

"पहले भी मैंने वो किताब देखी थी" ये क्सिउ ने कहा

चारों खिलाड़ी मौन थे।

"कब?" भूमि सप्तम ने पूछा।

"कौशल सीखने के बाद मैं देख लिया करता था। पर वह बहुत लंबे होते थे तो मैं उसे छिपे हुए सरगना के पास पढ़ नहीं सकता था" ये क्सिऊ ने कहा। 

चारों अभी तक पहेली में उलझे हुए थे। वह उन सभी ने पहले ही मकड़ी गुफा पार करने में मदद करने वाली किताब पढ़ी हुई थी। पर कोई किताब उसके बराबर नहीं थी जैसे विकट देव ने आदेश दिया था। किस तरह की किताब उसने देखी?

ये क्सिऊ ने वापस समझाना चालू कर दिया था कि मकड़ी बादशाह से कैसे लड़ना है "बस कुछ क्षण पहले मैंने देखा मकड़ी बादशाह का ब्यौरा। उससे लड़ने के लिए हम वापस वही पुरानी रणनीति इस्तेमाल कर सकते हैं जो हमने जाला फेंकने वाले मकड़ी के खिलाफ की थी। उसे घेरने के बाद हम उसे बांध देंगे। पर यहाँ एक कठिनाई है, मकड़ी का बादशाह मकड़ी के अंडे देता रहता है, जिसे किसी भी कुशलता या प्रभाव द्वारा रोका नहीं जा सकता। उसके द्वारा दिए गए अंडे से निकली मकड़ी गलियारे में मिली मकड़ी की तरह ही होंगी पर उनके काटने पर 3 सेकंड के लिए लकवा जैसे मार जाता है। हर कोई लकवा मारने वाले प्रभाव बारे में जानता है? तुम हिल नहीं सकते, तुम चल नहीं सकते पर तुम्हें घायल भी नहीं किया जा सकता है। हालांकि इससे कोई नुकसान नहीं था पर ये हमारे बांधे रखने की क्षमता को तोड़ देता है। इसलिए हमें उन छोटी मकड़ियों से काटे जाने से बचना है"

"तो हमें क्या करना चाहिए?" भूमि सप्तम ने पूछा।

"चलो मैं आगे चलकर सब छोटी मकड़ियों को साफ करता हूँ। तुम लोग उसकी चिंता मत करो। सबसे कठिन भाग यह होगा कि तुम लोग लगातार मकड़ी बादशाह को चैन से बांधे रह पाओगे, जब तक वह मर न जाए।"