एक लड़का जिसका नाम लील है जो सिर्फ दस साल का है। लील के पिता जी खेतों मे काम करते थे। खेतों से पैदा हुए अनाज को बेचकर जो पैसे मिलते थे उनसे वो अपना घर चलाते थे। लील के पिता के अलावा गांव के दूसरे बच्चों के पिता शहर मे नौकरी करते थे।
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सभी बच्चे लील के साथ बहुत कम खेलते थे क्योंकि उसके पिता गांव मे ही रहते थे। "मुझे भी तुम्हारे साथ पेड़ पर खेलना है।" "नहीं हम तुम्हे अपने साथ नहीं खिलाएंगे। चले जा यहां से।" लील गांव मे घूम कर घर आ गया। "बेटा तू मायूस दिख रहा है।
अगर किसी ने कुछ कहा तुझे तो मुझे बता मै तेरी मां हूं।" "मम्मी मुझे खेलते हुए देरी हो गई थी, इसलिए मै लेट हो गया। तुम यूहीं चिंता कर रही हो।"
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लील ने चिड़ते हुए कहा। "तू हाथ धो ले मै खाना लगा रही हूं और कल से अंधेरा होने से पहले ही घर पंहुचा कर।" लील खाना खा कर बिस्तर पर सो गया। जो लकड़ी का था।। लील को एकदम नींद आ गई। "तूने खाना खाया लील या नहीं?" लील की मम्मी ने मुड कर देखा तो लील रसोई वाले कमरे मे उसके साथ नहीं था।
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"आज फिर लील बिस्तर पर सो गया होगा। ये रोज ऐसे ही बिना हाथ धोए सो जाता है। मुझे ही इसके हाथ धुलाने होंगे।" लील की मम्मी ने बड़े प्यार से उसके हाथ धुला दिए। हाथ धुलाते हुए लील पर उसकी मम्मी को प्यार भी आ रहा है जैसा हर मां अपने बच्चे को देखकर करती है।
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"लील उठ जा स्कूल के लिए देरी हो जायेगी, कबसे सुबह हो गई है और तू अभी भी सो ही रहा है।" लील नींद से उठ गया।
"अब जल्दी मुंह धोले।" लील हाथ मुंह धोने लग गया। लील के परिवार मे उसकी मम्मी पापा के अलावा कोई नहीं था। लील स्कूल के लिए तैयार हो गया। "लील खाना खा ले जल्दी यहां मैने खाना रख दिया है।" "मम्मी मुझे खाना नही खाना है।" "बेटा खाना खाए बिना स्कूल नहीं जाते हैं।" लील ने मम्मी के साथ थोड़ी मस्ती की लेकिन खाना खा लिया। लील अब स्कूल के लिए निकल गया।
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"बेटा ध्यान से स्कूल जाना, कहीं रास्ते मे खेलने मत लग जाना।" लील स्कूल के लिए हर रोज की तरह पैदल ही जा रहा है जो उसके घर से आधे घंटे की दूरी पर है। "लील मैने स्कूल का काम नहीं किया है। तूने किया है?" लील को पीछे से किसी ने आवाज दी। लील ने मुड कर देखा तो ये उसका दोस्त तगू था। लील को रास्ते में तगू मिल गया।
तगू लील का इकलौता गांव का दोस्त है।
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लील और तगू हमेशा साथ मे स्कूल जाते हैं। "तगू वहां कीचड़ में क्यूं जा रहा है।" तगू अचानक रास्ते मे खेतों में जाने लगा। रास्ते मे तगू को कुछ दिखा है। "तगू वहां तेरे कपड़े खराब हो जायेंगे। फिर स्कूल में पिटाई हो जायेगी।
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तगू नंगे पैर खेतों मे से होकर एक पेड़ के पास गया। "लील मुझे यहां पेड़ के नीचे कुत्ते का बच्चा मिला है।" तगू ने लील को आवाज मारी दोनो एक दूसरे से सतर कदम दूर थे। तगू को पेड़ के नीचे छोटा सा कुत्ते का बच्चा मिला जिसे तगू ने अपने हाथों मे उठा लिया। लेकिन तगू के कपड़े कीचड़ से पूरे खराब हो गए।
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फिर भी तगू के मुंह पर एक बहुत बड़ी मुस्कान थी। कुत्ते के बच्चे को हाथ मे उठाकर तगू बहुत खुश था। तगू खेतों को लांग कर लील के पास आया। "आज पक्का तगू तेरे कपड़ों के लिए तुझे स्कूल में मार पड़ेगी।" लील ने तगू के कपड़ों की हालत देखकर कहा। अचानक से बादल गरजने लगे। तगू की खुशी और बड़ गई।
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"लील बारिश होने वाली है।"
तगू ने किलकारी मे हंसकर कहा। इतनी देर मे बारिश भी गिरना शुरू हो गई। "लील वहां उस पेड़ के नीचे चलते हैं।" दोनो बारिश से बचने के लिए पेड़ के नीचे आ गए। लेकिन फिर भी दोनो के कपड़े गीले हो गए। "अब तो लील हम दोनों के कपड़े गीले हो गए तो अब स्कूल में पिटाई दोनो की होगी।" ही ही ही ही ही। एक बहुत सी प्यारी हंसी दोनो हसे।