चैंग बहुत अच्छे से सोवी की बेचैनी को समझ रहा था, उसने सोवी का मजाक बनाते हुए कहा "काश हम तुम्हारा स्पिरिट ले सकते लेकिन नही! अफसोस इसी बात का है स्वान कबीले की प्राचीन पुस्तक को जागृत करने के लिए जिस आखिरी योद्धा की स्पिरिट चाहिएं वो केवल तुम्हारे सोलमेट यानि की जियान की स्पिरिट से हो सकता है! फिर उसने जियान के ऊपर एक तेज अध्यात्म वार किया !जियान बेहोश था लेकिन उसके मुंह से खून निकल आया।
सोवी एक पल के लिए शून्य में चला गया । जियान का खून देख कर उसे असहनीय पीड़ा हो रही थी, वो समझ गया था कि वो अगर कुछ और बोलेगा तो चैंग उसे और तकलीफ देने के लिए जियान पर वार करेगा, इसलिए सोवी चुप रहा। सोवी के आंखो में जियान के लिए आसू थे और शिन जुई की हालत खराब हो चुकी थी जियान का खून देख कर।
चैंग ने लीं से कहा "हमे 3 बजे सुबह का इंतज़ार करना चाहिए, 3 बजते ही इस नौजवान की स्पिरिट को निकाल कर स्वान कबीले की पुस्तक के जागृत करेगे, इसके बाद मै काली दुनियां में सबसे शक्ति शाली बन जाऊंगा और अन्य सभी कबीले मेरे कदमों में होगे । चैंग इसके बाद वहा से चला जाता है ।
लीं 3 बजने का इंतज़ार करने लगती है और काली आत्माओं के सिपाहियो ने शिन जुई और सोवी को पकड़ रखा था ।
लीं , शिन जुई के पास आकर उसके मुंह को जोर से पकड़ कर बोली "मैं सहायता कर सकतीं हूं लेकिन इसके लिए तुम्हारे मास्टर को मुझे कुछ देना होगा।
शिन जुई ने कहा क्या चाहिएं तुम्हे मास्टर से? और अब तुम पर हम भरोसा ही क्यो करे ? तुमने तो दोस्त बन कर साजिश किया ! थू है तुम पर! इस तरह हमारी भावनाओं से खेलने की क्या जरूरत थी? शिन जुई की बात सुन कर लीं ने गुस्से में अपने जादुई शक्ती से शिन जुई के चेहरे पर ज़हर का घाव दे दिया । शिन जुई दर्द की वजह से चिल्ला उठी और सोवी के बर्दास्त से बाहर हो गया । उसने अपनी अध्यात्म शक्ती से कुछ पल के लिए वहा धुंध उत्पन्न कर दिया सभी सिपाहियो को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था और इससे पहले सोवी कुछ और करता चैंग वहा आ गया और उसने सोवी को अर्ध मूर्छित कर दिया यानि सोवी सब देख, सुन, समझ सकता था लेकिन वह कुछ भी क्रिया नहीं कर सकता था। एक बार फिर सभी सिपाहियों ने सोवी को पकड़ लिया ।
"3 बजने वाले लावोमेंन थे कबीले के सिपाहि सबसे पहले शिन जुई के कबीले के राजकुमार को वही लाए उसको भी उन लोगो ने जंजीर में जकड़ा हुआ था , सबसे पहले उसके खून और स्पिरिट की जरूरत थी, लीं ने सिपाहियो से कहा इसकी सोल जिस जगह है हमे वही इसकी बलि देनी होगी, यानि की उसे जहां कैद किया गया था उसकी बलि वही होनी थी सिपाहि राजकुमार को वही ले कर चले गए ,लीं भी उनके पीछे गई शिन जुई बस चिल्लाते रह गई और खुद को बेबस महसूस कर रही थी। लीं के वहा से जाते ही सोवी ने अपनी अध्यात्म शक्ती से खुद को आजाद कर लिया और शिन जुई को आजाद करने के बाद उसने यकायक कई आत्माओं के सिपाहियो को उनके वार का जवाब दिया। सोवी ने शिन जुई से कहा तुम जियान को जंजीर से आजाद करो मै राजकुमार को बचाने की कोशिश करता हूं! चुकी सोवी को लगा था कि शिन जुई जियान को छुड़ा लेगी इसलिए उसने उसे नही पता था कि ये चैंग की साजिश हो सकती है सोवी किसी को खोना नही चाहता था इसलिए वो पहले राजकुमार को बचाने के लिए उन सिपाहियो के पीछे गया ,उनके पीछे जाते जाते वो कैद खाने के काफ़ी अंदर पहुंच गया वहा बहुत अंधेरा था कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था एक पल में वो सिपाही राजकुमार को लेकर कहा गायब हो गए थे । उसे समझ आने लगा था कि ये सब एक छलावा है।
इधर शिन जुई जल्दी जल्दी जियान के पास गई वो अभी भी बेहोश ही था जैसे उसने जंजीर को हाथ लगाया वैसे ही किसी ने बिजली जैसे तेज चाबुक से उस पर वार कर दिया, शिन जुई घायल होकर वही गिर गई वार करने वाली कोई और नहीं बल्कि लीं थीं । लीं ने शिन जुई के पास आकर कहा तुम लोग इतने बेवकूफ कैसे हो सकते हो ? ये तो बस एक छोटा सा खेल था सोवी को जियान से दूर करने का! आखिरकार वो अपने आखों के सामने अपने सोलमेट की स्पिरिट को निकालते हुए कैसे देख सकता था? वो एक योद्धा है हमारे लिए मुसीबत बन सकता था अब हमने उसे ऐसी जगह भेज दिया है कि आसानी से वहा से वापस आना संभव नहीं ,तब तक हम जियान की स्पिरिट लेकर स्वान कबीले की प्राचीन पुस्तक को जागृत कर लेगे और वो सोवी, तुम्हारा मास्टर हमारे कदमों में होगा।
शिन जुई चोट की वजह से बोल भी नही पा रही थी न उसके मास्टर वहा थे और न ही जियान होश में था ,थोड़ी देर में चैंग ने वहा आकर लीं से कहा शाबाश लीं तुम्हे इस काम के लिए बेहतरीन इनाम मिलेगा। 3 बज चुके हैं स्वान कबीले की प्राचीन पुस्तक को लाया जाय उसने सभी सिपाहियो को आदेश दिया।
थोड़ी देर में सिपाहियो ने पुस्तक लाकर जियान के पास ही रख दिया और चैंग के वो हैवान सिपाही भी आए जिनको जियान की स्पिरिट छीननी थी ,उन लोगो ने जियान को चारो तरफ़ से घेर लिया और जैसे ही 3 बजे चैंग ने कहा स्पिरिट निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दो।
जैसे ही उन हैवानों ने अपने अपने चाबुक को आगे किया जियान की स्पिरिट छीनने के लिए । शिन जुई हिम्मत करके उठ गई और अपने जादुई चाबुक से उन हैवानों पर वार कर दिया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ शिन जुई को फिर से सिपाहियो ने पकड़ लिया वो चिल्लाते रह गई कि जियान को छोड़ दो! मास्टर आप कहा है।
लेकिन उन हैवानों ने जियान की स्पिरिट को निकालना शुरू किया धीरे धीर जियान की सारी अध्यात्म शक्ती उसके शरीर से निकलती जा रही थी और शिन जुई अपनी आंखो के सामने जियान के मुंह से निकलते खून को देख कर बस रोए जा रही थी और मास्टर, मास्टर को पुकारे जा रही थी।
उधर सोवी को अंधेरे में किसी की आहट महसूस हुई सोवी समझ गया कि कोई न कोई साजिश है ,सोवी ने तुरंत अपनी तलवार निकाल कर उस पर अपनी उंगली के खून से कुछ मंत्र लिखे । कुछ ही पल में तलवार एक तेज रोशनी की मदद से चमकने लगीं फिर उस कैद खाने में रोशनी होती ही उसने वापस आने का रास्ता खोज लिया वो वापस आने के लिए रुका ही था कि उसे एक ल़डकी की आवाज़ आई मेरी मदद करो। मेरी मदद करो।
सोवी ने देखा तो सामने के कैदखाने से आवाज़ आ रही थी वो समझ गया कि वो ल़डकी कोई और नहीं बल्कि असली राजकुमारी है तभी वहां काली आत्माओं ने सोवी पर हमला कर दिया तभी कोई सोवी के सामने आ गया और उन आत्माओं का खात्मा कर दिया वो कोई और नहीं बल्कि स्वान कबीले के वही दो शिस्य थे जिन्हे लावोमेन के सिपाही ने पकड़ लिया था !आज मौका पाकर उन दोनो ने खुद को आजाद कर लिया था । सोवी को देखते ही उन्होने आदर से कहा" प्रणाम गुरु जी। आप जल्दी से जियान राजकुमार को बचाइए ये सब उस चैंग की चाल है ताकि आपकों यहां उलझा सके । मै यहां से राजकुमारी को आजाद करके लाता हूं आप जियान राजकुमार को बचाइए। दुसरे विधार्थी ने कहा हां गुरु मैं भी आपके साथ चलता हूं।
जियान का सुनते हैं सोवी का मन कांपने लगा क्युकी वो शिन जुई को अकेला छोड़ कर आया था ,उसे कहाँ पता था कि ये उन लोगो की चाल हो सकती हैं, सोवी और उनमें से एक विधार्थी जल्दी से वहा आए जहा जियान को रखा गया था! सोवी ने दूर से देखा की बहुत से हैवानों जियान की शक्ती को मायावी रूप खींच रहे हैं यानी कि जियान कि स्पिरिट को निकाल रहे हैं और शिन जुई जियान को छोड़ने के लिए गिड़गिड़ा रही है, सोवी समझ गया कि बहुत देर हो चुकी है उसकी आंखो के सामने अंधेरा छा गया गया उसे लग रहा था जैसे किसी ने उसकी जिंदगी छीन ली हो । उसकी बेबसी पर बस उसकी आंखो में आसू थे!