webnovel

Wolf Girlfriend chapter 1

राज एक बहुत ही हैंडसम और स्मार्ट लड़का है, वो सभी लड़कियों का क्रश है, वो एक बहुत बड़े कॉलेज में पढ़ता है, राज एक बहुत ही रिच फैमिली से है, उसे दूसरों से बात करना ज़्यादा पसंद नहीं है, उसके बस दो ही दोस्त है, वो कॉलेज का टॉपर है, कॉलेज की सारी लड़कियां उससे बात करना चाहती है,।

पर वो किसी को भाव नहीं देता एक दिन कॉलेज में वो तीनो साथ खड़े होते है,। एक लड़की राज से नोट्स मांगने आती है, हाय राज वो में कल कॉलेज नहीं आई थी तो तुम मुझे कल के नोट्स दे सकते हो इससे पहले की राज कुछ बोलता उसके दोस्त शेखर ने अपने नोट्स निकाल कर दे दिए वो बिना नोट्स लिए मुंह बनाकर चली गई

तब शेखर कहता है, "यार तू कितना लकी है, सारी लड़की तुझपे मरती है,। पता नहीं तुझे किस हसीना की तलाश है, लगता है, तेरे लिए आसमान से उतरकर कोई हूर आएगी तब तू उसे अपनाएगा।"

राज कहता है, "अच्छा बस करो तुम दोनो मैं घर जा रहा हूं।" "यार कल तो thursday है, तू तो आयेगा नहीं तब हम भी आकर क्या करेंगे लेकिन यार आज तक तूने ये नहीं बताया की तू हमेशा thursday को क्यों नही आता? आज तो बता दे। "

"मैने कहा ना उस दिन मां घर में पूजा रखती है, और मुझे आने नहीं देती और तुम दोनो क्यों नहीं आओगे मुझे कौन नोट्स देगा?" "यार तुझे तो कोई भी लड़की नोट्स दे देगी।"

"अच्छा चल हम किसी से दिलवा देंगे लेकिन कॉलेज तो नहीं आएंगे तेरे बिना कॉलेज में अच्छा नहीं लगता अपने घर चले जाते है,।"  दूसरी तरफ सिमरन के पापा का ट्रांसफर दिल्ली में हो जाता है। और सिमरन का एडमिशन भी उसी कॉलेज में होता जहां राज पढ़ता है।

सिमरन बहुत ही खुश रहने वाली लड़की है, वो जिससे भी मिलती है, उसे अपना बना लेती है, उसके पापा ने उसे बहुत ही प्यार से पाला था किसी भी चीज की कमी नहीं की थी वो बहुत अमीर घर की लड़की है, पर उसमे जरा भी घमंड नहीं है,

वो अपने मम्मी पापा की बहुत लाडली है, वो रात से ही कॉलेज जाने की तैयारी करने लगती है, उसे थोड़ा डर भी लग रहा था की कैसा कॉलेज होगा लोग कैसे होंगे यही सब सोचते हुए वो सो जाती है, अगले दिन वो कॉलेज जाती है, और अपनी क्लास ढूंढ रही होती है,

तभी उसे एक लड़की दिखाई देती है, वो उससे पूछती है, वो लड़की भी उसी क्लास की होती है, वो उसे क्लास में ले जाती है, दोनो में बात होती है, सिमरन उसका नाम पूछती है, उसका नाम रिया होता है, सिमरन की रिया से दोस्ती हो जाती है, दोनो ढेर सारी बातें करती है,।

सिमरन रिया से पूछती है, "मुझे कॉलेज के बारे में कुछ बताओ?"

तो रिया कहती है, "यार कॉलेज तो बहुत अच्छा है, और यहां के लड़के भी बहुत हॉट है,। और सबसे ज्यादा हॉट तो वो राज है, जो हर thursday के दिन ना जाने कहां गायब हो जाता है, उसकी वजह से मेरा पूरा दिन खराब जाता है, उसका चेहरा जो नहीं देखने को मिलता है।"

रिया लगातार बोले जा रही थी। तभी सिमरन कहती है, "तुम्हारा स्टॉप बटन कहां है?" 

"ओह सॉरी मैं जब भी राज की बात करती हूं ना तो ऐसे ही बहक जाती हूं मैं तुमसे यहां की पढ़ाई के बारे में पूछ रही हूं ना की लड़की के बारे में अब पढ़ाई तो बहुत अच्छी है, पर मुझे समझ में कुछ नहीं आता अबकी बार अगर फेल हुई ना तो पापा घर बैठाल देंगे लेकिन मैं क्या करूं मुझे कुछ समझ ही नहीं आता।"

सिमरन कहती है, "कोई बात नहीं अबकी बार तुम जरूर पास हो जाओगी। रिया क्या तुम मुझे अपने नोट्स दे सकती हो?"

रिया खुश होते हुए कहती है, "थोड़ी गंदी राइटिंग है, पर समझ में आ जाएगी।"

दोनो ऐसी ही बातें करती है, और उसे पूरा कॉलेज दिखाती है, सिमरन को कॉलेज अच्छा लगता है, और रिया भी उसके बाद कॉलेज खत्म होने के दोनो कैंटीन में बैठी होती है, तभी एक लड़की सिमरन से आकर बोलती है, तुम वही हो ना जिसका इस कॉलेज में ट्रांसफर हुआ है,

मैने सुना है, की तुम उस कॉलेज की टॉपर थी पर यहां का टॉपर राज है, और उसे कोई भी हरा सकता क्योंकि वो सबसे बेस्ट है, कहकर वो लड़की वहां से चली जाती है, तब सिमरन रिया से पूछती है, की ये राज है, कौन जो सारी लड़कियां उसकी दीवानी है,।

अरे सिमरन तुम भी उसे देखोगी तो उसकी दीवानी हो जाओगी वो है, ही ऐसा लेकिन किसी को भाव नहीं देता लेकिन वो है, कहां सिमरन ने पूछा अरे यार पता नहीं हर thursday कहां गायब हो जाता है, चलो कल आएगा तो मैं तुम्हे दिखाऊंगी फिर तुम भी उसकी दीवानी हो जाओगी ऐसा कुछ भी नहीं है, मैं कॉलेज सिर्फ पढ़ने आती हूं ना की

ये सब सिमरन ने कहा अरे यार तुम तो नाराज़ हो गई वैसे भी तुम तो टॉपर हो तुम्हे पढ़ाई के सिवा कहां कुछ दिखता होगा लगता है, सारे टॉपर एक जैसे होते है, खड़ूस अच्छा तो क्या मैं तुम्हे खड़ूस लगती हूं बोलो

रिया अरे नहीं सिमरन मैं तो मजाक कर रही थी अच्छा अब जल्दी से रिया मुझे अपने नोट्स दो और कल से हम साथ ही पढ़ेंगे तुम्हे पास होना है, ना रिया हां में सिर हिलाती है, फिर दोनो अपने घर चली जाती है,। आज सिमरन बहुत खुश थी

क्योंकि आज उसका कॉलेज का पहला दिन बहुत अच्छा गया और उसे इतनी प्यारी दोस्त भी मिल गई इधर राज की हालत बहुत खराब होती है, वो बहुत बुरी तरह ज़ख्मी होता है, उसकी मां उसे दवा लगा रही होती है, और साथ ही रो रही होती है,।

राज अपनी मां से कहता है, मां रो क्यों रही हो ये तो हर बार का है, तो उसकी मां कहती है, बेटा आखिर कब तक ऐसा चलेगा मुझसे तेरा ये दुख देखा नहीं जाता मेरे कितने अरमान थे। की तेरी शादी करूंगी बहु घर लाऊंगी पर तेरी ये हालत देख कर मुझे बहुत डर लगता है,

मां बहु के सपने छोड़ दे अब यही सच है, पर बेटा कहीं तो कोई तो लड़की होगी जो तुझे ठीक कर सके भगवान इतना निर्दई नहीं हो सकता अच्छा ठीक है, मां अब जाकर आराम करो बहुत थक गई हो अपनी मां के जाने के बाद राज सोचता है,

की अगर उस रात मैने मां की बात मान ली होती और मैं वहां ना गया होता तो आज सब कुछ ठीक होता और मैं भी नॉर्मल होता मेरी वजह से मेरी फैमिली को कितनी परेशानी उठानी पड़ रही है, यही सब सोचते सोचते राज को नींद आ जाती है, और वो सो जाता है,

उधर सिमरन अपने घर पहुंचती है, और अपने मां बाप से कॉलेज की सारी बात बताती है, उसके पापा कहते है,। मुझे पता था मेरी बेटी हर जगह एडजस्ट कर लेगी पर इतनी जल्दी ये नहीं सोचा था चलो इसी बात पर आज कहीं बाहर जाकर खाना खाते है,।

सिमरन के पापा ने कहा तो सब बाहर खाने पर चले गए जिस जगह वो लोग जातें है,। वहां एक न्यूज चल रही होती है, की कल रात एक भेड़िए ने बहुत तबाही मचाई कई लोगो की जाने भी गई ये सब देखकर सिमरन कहती है,

पापा भेड़िया वो भी शहर में हां बेटा मैं भी पहली बार सुन रहा हूं पर इसे पकड़ने के लिए कोई टीम नहीं आई बहुत सारी टीमें आ चुकी है,। पर इस भेड़िए को कोई पकड़ नहीं पाया ये भेड़िया हर बुधवार की रात को तबाही मचाता है,

इसलिए तो अब इस रात कोई बाहर नहीं निकलता है, पास बैठे एक अंकल ने बताया लगता है, आप इस शहर में नए हो अंकल ने पूछा हां मेरा ट्रांसफर कल ही हुआ है,

पापा ने कहा फिर पापा ने पूछा इस भेड़िए को आज तक कोई पकड़ क्यों नहीं पाया और कबसे ये सब चल रहा है, तब अंकल ने बताया की पिछले 10साल से ये भेड़िया हर बुधवार की रात को आता है, और तबाही मचा कर न जाने कहां चला जाता है,

उसके बाद सब लोग खाना खा कर घर आ जाते है, घर आकर सिमरन कहती है, पापा क्या ये सब सही है, हां बेटा सही होगा तभी तो सब लोग कह रहे थे।

"अब से तुम भी रात में बाहर नहीं निकलोगी और खासकर बुधवार की रात को।" "पर पापा..."

"मैं कुछ नहीं सुनुगा ये मेरा ऑर्डर है।"

"अच्छा ठीक है, पापा मैं रात में बाहर नहीं निकलूंगी।"

उसके बाद सब लोग सोने चले जाते है, सिमरन अपने कमरे में लेटी होती है, पर उसे नींद नहीं आ रही थी। वो उस भेड़िए के बारे में सोच रही होती है, की आखिर वो भेड़िया कितने सालों से तबाही मचा रहा है, और कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ पा रहा आखिर ऐसा क्या राज छुपा है,

इस शहर में जिसका किसी को भी पता नहीं पर में कोशिश करूंगी की में इस राज का पर्दाफाश कर सकूं क्योंकि मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है, यही सब सोचते हुए उसे नींद आ जाती है, क्या सिमरन इस राज का पता लगा पाएगी या फिर वो खुद ही एक राज बन जाएगी जानने के लिए आगे पढ़े