मेरी किस्मत का जवाब नहीं।
इधर मैं अपने बेटे को ठीक करने में परेशान था, और घर पर भी ध्यान देना था, उधर घर पर मेरी माँ थी और भी छोटे भाई थे, और एक छोटी बहन थी,और मेरी माँ के पास घर खर्च के लिए पैसे भी नहीं थे,मुझे मेरी माँ को पैसे भी देने थे,
वैसे भी मेरी माँ के पास या मेरे पास पैसे रहते कहाँ से?जो भी एक रास्ता था पैसे आने का ट्रक से, वो ट्रक तो मेरे पापा को मरते ही वो ट्रक मेरे चाचा ने मुझसे छीन लिए थे,मुझे बहुत चिंता होने लगी के कैसे और कहां से पैसे अपनी माँ को लाकर दूँ।
पैसे तो मुझे दोनों तरफ देना था, मेरी माँ को घर खर्च के लिए और दूसरी तरफ मेरे बेटे के इलाज के लिए, यही सब हालात को देखते हुए मैंने किसी और का ट्रक ड्राइव करने लगा, और दोनों तरफ पैसे भेजने लगा, मेरे ड्राइविंग करने से उतने पैसे मुझे नही बचते थे के मैं दोनों तरफ का खर्च को पूरा कर सकूं।
लेकिन मेरी माँ बहुत मुश्किल से उतने ही पैसे में घर चलाया करती थीं, और मेरे घर का भी वही हाल था, चारों तरफ से घर टूट चुका था, समझ नही आता था के आगे क्या होगा, बस ज़िन्दगी कट रही थी, बहुत मुश्किल से।
मेरे घर मे दो और भाई थे, जो मुझसे बहुत छोटे थे, मैंने उनमे से एक भाई को अपने साथ हेल्फर में रखकर ड्राइव करने लगा, और फिर उसे भी कुछ महीनों में ड्राइव करना सीखा दिया, और जो भाई को मैंने पहले ट्रक चलाना सिखाया था वो शादी करके अपने ससुराल में ही रहने लगा था, और जो वो पैसे कमाता था वो वहीँ देता था, कभी कभी माँ को कुछ पैसे दे देता था,
मैंने ये वाले भाई को भी ट्रक चलाना इसलिए सीखा दिया के कम से कम मेरी कुछ मदद होगी । उसके बाद जो भी मेरे पास थोड़े बहुत पैसे बचेंगे, उस पैसे से मैं अपने बेटे का ठीक तरह से इलाज करवाऊंगा। और कुछ बैलेंस करूँगा और घर बनाऊंगा,
लेकिन क्या बताऊं दोस्तों आज तक आज तक उतना पैसा बैलेंस ही नही हुआ के मैं एक अपना घर बना सकूँ, वैसे पैसे तो balance हुए भी।लेकिन एक बहन थी।और उसकी शादी भी करनी थी, और दो छोटे भाई भी थे, तो उनके बारे में भी सोचना था, तो मैंने पाँच साल ट्रक में ड्यूटी किया और जो भी मेरे पास पैसे बैलेंस हुए, उस पैसे से मैंने अपनी छोटी बहन की शादी कर दी,
अब मेरी सभी बहन अपने पति के घर चली गयी।अब घर में मेरी माँ और मेरा एक छोटा भाई रहते थे, उसके बाद मेरी माँ को घर खर्च के लिए कुछ पैसे मैं देता था और बाकी के पैसे वही छोटा भाई देता था, जिसे मैंने ट्रक चालक बनाया था, उसके कुछ महीने बाद मेरे छोटे भाई की भी शादी मेरी माँ ने कर दि।
जहाँ तक मेरे परिवार की बात करें तो मेरी फैमिली रांची में ही मेरे ससुराल में रहती थी उस वक्त भी aur आज भी और न जाने कब तक रहना लिखा हुआ है, उस वक्त मैं जब भी अपने बेटे को वहां लेकर जाता था तो मेरे बेटे की बहुत ज़्यादा खासी बढ़ जाती थी, और वहां ठीक तरह से इलाज भी नहीं हो पाता था, और खांसी की वजह से मेरा बेटा अपनी दादी के यहां रह नहीं पाता था।
इसलिए वहां डॉक्टर की कमी होने के कारण मेरी माँ खुद मेरे बेटे को वहां रखने की इजाज़त नहीं देती थी, इसलिए मेरी फैमिली और मेरे बच्चे अपने नाना के यहां रहते थे, अब आगे पार्ट 28 में,,,,
Real story
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My luck doesn't answer.
Here I was troubled to take care of my son, and also had to pay attention to the house, there was my mother at home and also younger brothers, and a younger sister, and my mother did not even have money to spend at home I had to give money to my mother too.
Anyway, from where my mother or I would have the money? Whatever was the way to get the money from the truck, that truck was snatched from me by my uncle as soon as my father died, I started worrying a lot about how And from where should I bring the money to my mother?
I had to give money on both sides, my mother for the house expenses and on the other side for the treatment of my son, in view of all this, I started driving someone else's truck, and started sending money on both sides, for my driving. I did not save that much money that I could meet the expenses on both sides.
But my mother used to run the house very hardly for the same money, and my house was also in the same condition, the house was broken from all sides, I could not understand what would happen next, just life was going on, very hard .
I had two more brothers in my house, who were much younger than me, I started driving with one of them in a helmet, and then he also learned to drive in a few months, and the brother I taught to drive a truck first Had he married and started living in his in-laws' house, and whatever money he earned, he used to give it there, sometimes he used to give some money to his mother,
I also taught this brother to drive a truck so that at least I would get some help. After that whatever little money I have left with me, with that money I will get my son treated properly. And I'll do some balance and build a house,
But what should I tell friends, till today there has not been enough money balance so that I can build a house of my own, although the money was balanced. But there was a sister. And she had to get married, and she had two younger brothers too I also had to think about it, so I did duty in a truck for five years and whatever money I had, I got my younger sister married with that money.
Now all my sister went to her husband's house. Now my mother and I had a younger brother lived in the house, after that I used to give some money to my mother for household expenses and the rest of the money was given by the same younger brother whom I had A few months after I had made a truck driver, my younger brother was also married by my mother.
As far as my family is concerned, my family used to live in my in-laws' house in Ranchi itself. There was a severe cough, and there was not even proper treatment, and because of cough, my son could not stay with his grandmother.
Therefore, due to the lack of doctor there, my mother herself did not allow my son to be kept there, so my family and my children used to live at their maternal grandfather's place, now in the next part 28,,,,