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एक अजनबी शहर

बेहोश होने के बाद मैं खुद को एक बिस्तर पर मिलता हूं‌। मेरा सिर चकरा रहा था और बहुत दर्द कर रहा था। कमरा बहुत अच्छा था परंतु मेरी कल्पनाओं से परे ऐसा लग रहा था कि मैं कहीं बादलों के शहर में हूं। वहां हर चीज बादलों से बनी हुई थी । बहुत ही मुलायम थी। होश आने के थोड़ी देर बाद मैं कमरे से बाहर आया तो बहुत अलग ही दुनिया थी इंसानों को छोड़ कर सभी तरह के प्राणी थे लेकिन उनका आकार पृथ्वी के जानवरों से थोड़ा बड़ा था जो की बहुत डरावने लग रहे थे मगर वो मुझको चोट नहीं पहुंचा रहे थे। कमरे से निकलते ही मुझे किसी के पैरों के निशान दीखायी दिए तो मैं उनकी तरफ बढ़ता गया और थोड़ी देर चला । मुझे वहां पर एक इंसान की तरह धीकने वाला कुछ नजर आया।मेरा सिर चकरा रहा था पास मैं ही पानी की नदी बह रही थी । जब उसके नज़दीक गया तो वहां पर एक लड़की थी जो मेरी ही उमर की थी जो वहां बैठी हुई थी और अपनी बिल्ली के साथ खेल रही थी।जब मैं वहां पहुंचा तो वो एक दम डर गई और उसकी बिल्ली पानी में जा गिरी । वो बहुत गबराई हुई उसको बचाने के लिए नदी में कूद पड़ी मगर उसे तैरना नहीं आता था । नदी के बहाव के कारण दोनो आगे बड़ रहे थे जो की एक झरने में गिरने वाले थे । मुझे तैरना आता था मैं अपने स्कूल में जो सीखा था । बड़ी मुस्किल से मैं दोनो को बाहर लाया। शरीर में पानी जाने की वजह से वो बेहोस हो गई साथ मैं बिल्ली भी कमजोर लग कर वहीं गिर गई।