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___yashvilii___एक दिन मोमबत्ती की जगह उस बलात्कारी को जलाकर तो देख,

औरत पर हाथ डालने वाले को एक बार फाँसी चढ़ाकर तो देख,

जीते जी उस औरत को मार देने वाले को नर्क दिखाकर तो देख,

इंसान के रूप में जानवर के बजाए

जानवर ही बनाकर तो देख,

लड़की के कपड़े छोटे को दोष नही

एक बार उस बलात्कारी को बलात्कारी बोलकर गलती लड़की की होगी, पता नही क्या करती होगी

देख,

एक बार उस बेटे को रोक कर तो देख, औरत का खून बहाने वाले का

कभी उसी का खुन दिखाकर तो देख,

लड़की को चिल्लाने से रोकने वाले को तड़पाकर उसी को चिखने पर मजबूर करकर तो देख,

लड़की को

चुप

'करने की जगह

उसके लिए आवाज़ उठाकर तो देख,

लड़की की सोच बन जाए " में पैदा क्यूँ हुई" उस दरिंदे को ही पैदा मत कर कर देख ।

ए दरिंदे

बहन या बेटी की जगह रखकर तो देख,

मुझ पर दया करो, हे दुष्ट

भगवान भी ना डर जाए

एक बेटी देने से।

यशवी