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Shairy No 36

अर्ज़ कुछ यूँ किया हैं जरा गौर फरमाइयेगा

बेईमानी की इस दुनिया में ईमानदारों की कमी है

बेईमानी की इस दुनिया में ईमानदारों की कमी है

लाख ढूंढो तो एक बड़ी मुश्किल से मिलतें हैं