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Raza ki Inayat

Urbano
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Sinopse

यह कहानी है ऐसे दो लोगों की जो एक दूसरे से बहुत ही अलग और जुदा थे , रज़ा एशिया का नंबर वन बिजनेसमैन होने के साथ ही एक माफिया था , एक बे दिल माफिया , जिसे ना अपनों पर भरोसा था ना इश्क पर और ना ही खुदा पर , वहीं दूसरी तरफ इनायत जो अकेले ही अपने बेदर्द किस्मत से लड़ रही थी क्योंकि उसके पास ना अपनों का साथ था ना सिर पर किसी का हाथ था , इनायत एक बार डांसर थी और इनायत यह काम सिर्फ अपने अब्बा के लिए करती थी , क्योंकि इनायत के अब्बा कोमा में थे और इनायत के पास कोई काम नहीं था जिस वजह से मजबूरी में इनायत एक बार डांसर बन गई ......... तो आखिर कैसी होगी एक बे दिल माफिया और बार में डांस करने वाले इनायत की मुलाकात ? जिसे भरोसा नहीं इश्क पर क्या उसका इश्क बन पाएगी इनायत ? Raza ki Inayat Hindi Love story

Chapter 1Raza ki Inayat

Let's start..

रात का समय ।

एक खाली सुनसान रोड पर एक लड़की नंगे पैर भागे जा रही थी । उस लड़की के बाल बिखरे हुए थे और उसका चेहरा रोने की वजह से लाल हो गया था ‌।

उसकी आंखें सूजी हुई दिख रही थी । उस लड़की ने ब्लैक कलर के ग्लिटर वाली साड़ी पहनी हुई थी जो इस अंधेरी रात में भी चमक रहा था ।

वह लड़की दिखने में चांद का टुकड़ा लग रही थी लेकिन इस समय उसकी हालत बत से पत्थर थी । भागने की वजह से उसके पैरों में छाले पड़ गए थे ।

उस लड़की के बेबी पंप थे जिससे साफ पता चल रहा था । वह लड़की पेट से है । उस लड़की का एक हाथ अपने पेट पर था । और दूसरा अपनी कमर पर । वह लड़की रोते हुए रोड पर भा गे जा रही थी ।

तभी अचानक से मौसम एकदम से बदल जाता है और बारिश स्टार्ट हो जाता है । बारिश को देखकर वह लड़की अचानक से रुक जाती है और आसमान की तरफ देखने लगती है ।

रहम खा ए खुदा , सुना है कि तू अपने बच्चों को दर्द में नहीं देख सकता तो तु मुझे इतना दर्द क्यों दे रहा है । क्या मैं तेरी बच्ची नहीं हूं । आज तुझे मेरी हिफाजत करनी पड़ेगी । क्योंकि आज एक लड़की नहीं एक मां तुझे आवाज लग रही है । मेरे बच्चे की हिफाजत करना होगा तुझे ।

हिफाजत कर मेरे खुदा इतना जुल्म मत मेरे ऊपर , उन जालिम से मुझे बचा ले ।

आज तेरा खुदा भी तुझे नहीं बचा सकता है , बरखा रानी । वह लड़की खुदा से दुआ मांग ही रही थी तभी उसे अपने कानों में एक आदमी की आवाज सुनाई देती है । उस आदमी की आवाज सुनकर उस लड़की की बॉडी थर थर कांपने लगती है ।

वह लड़की धीरे से पीछे मुडती है तो देखती है वह आदमी अपने हाथों में गन लिए खड़ा था । और उस ही देख तिरछा मुस्कुराए जा रहा था ।

अब कहां बच कर जाएगी बरखा रानी । हमारे साहब को जो चीज पसंद आ जाती है वह उनकी हो जाती है तेरी हिम्मत भी कैसे हुई हमारे साहब के चंगूल से भागने की ।

देखिए भैया ऐसा ना करिए खुदा के वास्ते हमें छोड़ दीजिए । हम मां बनने वाली हैं । खुदा के वास्ते रहम खाईए । वह लड़की अपने दोनों हाथों को जोड़कर जोर-जोर से रोते हुए उस आदमी से कहती है ।

वहीं दूसरी तरफ दरगाह में ।

एक आदमी नंगे पैर भागते हुए दरगाह पहुंचता है । उसने व्हाइट कलर का बिजनेस सूट पहना हुआ था । उसके ऊपर के शर्ट के तीन बटन खुले हुए थे । उसका पूरा चेहरा पसीने से लथपथ था । उसके बाल पूरे तरीके से मैसी हो गए थे । उसके बावजूद भी वह बहुत ही हैंडसम एलिगेंट दिख रहा था ।

लेकिन इस समय उसे आदमी की आंखें हद से ज्यादा लाल थी और आंखों में नमी और उसके पतले होठों पर सिर्फ अपनी मोहब्बत का नाम ।

वह आदमी धीमी कदमों से चलते हुए दरगाह के अंदर जाने लगता है वही उसे आदमी के पीछे तीन -चार बॉडीगार्ड भागते हुए आते हैं ।

अपने बॉस की ऐसी हालत देखकर उन बॉडीगार्ड्स को भी बिल्कुल अच्छा नहीं लग अच्छा था ।

आज हमारे रज़ा बॉस बदल गए , मुझे समझ नहीं आ रहा है मैं.....मैं इस बात से खुश हो जाऊं की एक लड़की ने हमारी शैतान बॉस को इंसान बना दिया या , इस बात से रोउ आज हमारे बॉस अकेले हो गए हैं । उनमें से एक बॉडीगार्ड रियाज को जाते हुए देख कर कहता है । उस बॉडीगार्ड के बातों में भी एक नामी थी ।

वही रज़ा दरगाह में अंदर पहुंचता है । और अपने पेंट की पॉकेट में से रुमाल निकाल कर अपने सिर पर बांधता है ।‌

आज तेरे दर पर आया हूं मैं ए मेरे खुदा जिसने पूरी कायनात को अपने कदमों के नीचे झुका दिया आज सब कुछ हार कर तेरे पास आया है ।

जिसने कभी भी किसी के सामने अपना सिर नहीं झुकाया आज तेरे सामने झुकने आया है । मेरे इबादत को कबूल कर । इतना हसरत शोहरत होने के बावजूद भी आज यह रज़ा शेख गरीब हो गया , मैंने अपनी इश्क को रुसवा कर दिया ए खुदा । मेरा इश्क मेरी इनायत की हिफाजत कर ।

Shah-E-Madeena Suno Ilteja Khuda Ke Liye

Karam Ho Mujh Pe Habeeb-E-Khuda Khuda Ke Liye

Huzoor Ghuncha-E-Ummeed Ab To Khil Jaaye

Tumhaare Dar Ka Gadaa Hoon To Bheek Mil Jaaye

कहते हुए रज़ा घुटने के बाल नीचे बैठ जाता है और इबादत करने लगता है । रियाज को यहां पर देख कर वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह जाते हैं ।

अरे देखो देखो यह तो रज़ा शेख है न एशिया का नंबर वन बिजनेसमैन । एक औरत रियाज को देखते हुए हैरानी से कहती है तभी रज़ा के बॉडीगार्ड भी अंदर पहुंचते हैं और रज़ा के आजू - बाजू फेल कर उसे घेर लेते हैं । वही रज़ा अपनी आंखें बंद करके इबादत कर रहा था ।

Bhar Do Jholi Meri Ya Muhammad

Lautkar Main Na Jaaunga Khaali

Tumhaare Aastaane Se Zamaana Kya Nahin Paata

Koi Bhi Dar Se Khaali Maangne Waala Nahin Jaata

वहीं दूसरी तरफ रोड पर इनायत अपने दोनों हाथों को जोड़ अभी तक रोए जा रही थी और उसे आदमी से अपने लाइफ की भीख मांग रही थी । लेकिन वह आदमी तो इनायत को ऊपर से लेकर नीचे तक बहुत ही अजीब नजरों से देख रहा था ।

सच में तेरे हुस्न का दीदार करना तो सपना मेरा भी था लेकिन क्या करूं मेरे बॉस स को तू पसंद आ गई है और मैं उनके वफादार कुत्ता हूं । जो उनके लिए कुछ भी कर सकता हूं । चल मेरे साथ.....बरखा रानी.... वह आदमी अजीब तरीके से कहते हुए जबरदस्ती इनायत का हाथ पकड़ता है और खींचते हुए आगे की तरफ लेकर जाने लगता है ।

प्लीज रीडर आप लोग मेरी नवल को सपोर्ट करिए और प्लीज कमेंट और रिव्यू भी दीजिएगा ।

क्या रज़ा की इबादत खुदा करेंगे काबुल ?

कैसे इनायत बचेगी इस आदमी के चंगुल से ?

आगे की स्टोरी जानने के लिए आप जुड़ी रहिए कहानी के साथ ।

Raza ki Inayat

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