webnovel

मिस्टर सीईओ , स्पॉइल मी १०० परसेंट !

तलाक के कागज के एक टुकड़े ने शिया जिंगे को बेबस कर दिया था। हालांकि, एक कार दुर्घटना के बाद शिया जिंगे एक पेशेवर हैकर में बदल गई, जिसके पास इतना पैसा था, जिसे वो कभी पूरा खर्च भी नहीं कर सकती थी। "उन सभी के लिए जिन्होंने मेरा अनादर किया, मुझे परेशान किया और मुझपर हंसे, कृपा सभी लाइन में आए, मैं आप सबको दिखती हूं कि चेहरे पर थप्पड़ मारने का क्या मतलब है!" "रूको रूको रूको। वहां पर वह आदमी, मेरा पूर्व पति जिसके साथ मेरा कोई संबंध नहीं है, लाइन मत काटो।" "क्या, आप इन लोगों का सामना करने में मेरी मदद करना चाहते हैं?" "इतना ही नहीं, मैं सबसे पहले स्वयं को थप्पड़ मारूंगा!" अरबों डॉलर वाले सुंदर आदमी ने बिना रूके अपने चेहरे पर थप्पड़ मारने के लिए अपनी खुद की हथेली उठाई! ये एक लड़की की शक्ति की कहानी है, इस में धोखा नहीं है, गलतफहमी है। इस कहानी में अप्रत्याशित घटनाओं की उम्मीद करें, और इसे साधारण रोमांस न समझें।

Enchanting Smile · Urbano
Classificações insuficientes
61 Chs

एक घर जिस पर उसकी निगाह टिकी थी

Editor: Providentia Translations

कोई उसकी मदद करने के लिए तैयार नहीं था। सब जानना चाहते थे, कि तेंजिन अपने खाली समय में कहाँ जाती है?

तेंजिन जितना भी समझाने की कोशिश करें पर लोगों का उसे देखने का नज़रिया बदल चुका था।

उसकी पवित्रता और भोलेपन की छवि रातों रात चूर हो गई थी।

इस बात से तेंजिन ने खुद को लंबे समय तक घर में बंद रखा, वह लोगों से गुस्सा थी।

उसका ध्यान उस पाण्डुलिपि पर भी नहीं गया, जो उसने हमेशा के लिए खो दी थी ।

जिंगे को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था की तेंजिन के साथ क्या हुआ था।

उसकी योजना अलग थी।

चेंगवू जल्दी ही ठीक हो गया।ऑपरेशन के दो दिनों के अंदर उसकी हालत में सुधार आ गया।

जिंगे और शिया ची उसका ख्याल रख रहे थे; उन्हें राहत की सांस मिली।

इस समय जिंगे को खुद पर ध्यान देने का समय नहीं मिला था।वह सिर्फ अपने चाचा का ध्यान रख रही थी।

शिया ची अभी यह सोच रहा था कि तेंजिन ने किस तरह उसकी बहन को बदनाम किया।

उसने जिंगे से कहा, "दीदी, पिताजी की हालत सुधर गई है और मैं अकेले उनका ख्याल रख सकता हूं।तुम बाहर जाकर अपने लिए कुछ नए मनपसंद कपड़े खरीद लो। हमारे बैंक में अभी भी 100000 आरएमबी पड़ा हुआ है।पूरे पैसे खर्च कर सकती हो; मैं जल्द ही फ़िर कमा लूंगा।

जिंगे ने उसे मना करते हुए कहा, "कपड़े बाद में ले लेंगे, हमें पहले घर के समस्या का समाधान करना होगा। 

शिया ची को भी यह समझ में आया और वह मान गया,"तुम सही कह रही हो, हम लोग उस अपार्टमेंट में और नहीं रह सकते। हमें एक नई जगह ढूंढनी होगी। मैं जाकर एक बेहतर जगह ढूंढता हूं।अभी तुम आराम करो"। 

"मैंने एक घर पहले से देख रखा है, लेकिन मुझे खुद बात करनी होगी। तुम यहां रुको और चाचा की देखभाल करने में मेरी मदद करो, मैं जल्दी आती हूं"। जिंगे ने घर से निकलते हुए कहा। 

"तुम कहां जा रही हो?" शिया ची ने आश्चर्य से पूछा, लेकिन वह तब तक जा चुकी थी। 

उसने मुड़कर नहीं देखा। 

वह कहाँ जा रही थी? 

कहना न होगा कि, वह उस जगह को ढूंढने जा रही थी, जो किराए पर लेने की उसकी योजना थी.... अपने परिवार का पुराने बंगला।

कुछ सालों से, उस जगह को कुछ अनचाहे लोगों ने कब्जा कर लिया था। अब उनके निकलने का समय आ गया था । 

जल्द ही उसने खुद को शिया परिवार के पुराने बंगले के गेट के सामने पाया। 

उसने सर उठा कर उस जगह को देखा और उसके चेहरे पर मुस्कुराहट खिल उठी। 

जिंगे ने दरवाजे की घंटी बजाई और दरवाजा जल्दी ही खुल गया। 

दरवाजे पर जो औरत खड़ी थी वह शिया परिवार की पुरानी सेविका थी, श्रीमती चान। 

जिंगे को देखकर वो आश्चर्य में पड़ गई।"तुम शिया की छोटी लड़की हो?

"क्या वू रोंग घर पर है? जिंगे ने सीधे पूछा। 

श्रीमती चान को नहीं पता था कि, वो वहाँ क्या कर रही थी,इसलिए उन्होंने हिचकिचाते हुए कहा, "मैडम घर पर हैं"। 

जिंगे ने उसे सामने से हटाया और बंगले में घुस गई। वू रोंग एक पार्टी में जाने के लिए तैयार हो रही थी और उसे इसके लिए उसे नीचे आना था। 

"श्रीमती चान, कौन है, वहां"? वू रोंग ने धीमी आवाज में पूछा। फिर उसकी नजर जिंगे पर पड़ी जो सीढ़ियों के नीचे खड़ी थी।

वू रोंग को थोड़ा अचंभा हुआ। लेकिन, उसने जल्दी खुद पर काबू कर लिया। उसने जिंगे की तरफ देखा और जल्द ही उसकी आंखों में तिरस्कार झलकने लगा।

"शिया जिंगे"?वू रोंग की आवाज़ उसके गलें ही अटक गई।

 आखिरी बार मैंने इस नीच को कब देखा था?

दो साल पहले। मुझे याद है कि शिया चेंगवू को बहुत तेज़ बुखार था। उसने अपने सारे पैसे खर्च कर दिए थे और वह कर्ज में था। सबकुछ आजमा चुकने के बाद, जिंगे को यह ख्याल आया कि वह अपनी जायदाद लेने वापस आ सकती है। कहने की जरूरत नहीं, कि मैं उसे भगा दूंगी और एक पाई भी नहीं दूंगी।

दो साल की सुख शांति के बाद यह शिया जिंगे फिर से वापस आ गई। 

यह सारी बातें वू रोंग के दिमाग में घूम रही थी। देखा जाए, तो वह अपने मन को जिंगे की वापसी के लिए तैयार कर रही थी। 

उसे मालूम था कि एक दिन जब जिंगे बेघर होगी, तो वह वापस आएगी।