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फुल मार्क्स हिडन मैरिज : पिक उप अ सन, गेट अ फ्री हस्बैंड

“प्रिये, मुझे इस नाटक की स्क्रिप्ट (कहानी) काफी पसंद आई है, पर एक ही समस्या है कि इस नाटक में पहले नाटकों की अपेक्षा सेक्स के दृश्य अधिक है| दुविधा में हूँ कि करूँ या नही? आपको क्या लगता है, क्या मैं यह नाटक कर लूँ?” “हाँ, क्यों नहीं?” लू टिंग ने बेहद शांत तरीके से जवाब दिया| उस रात निंग क्षी बमुश्किल ही खड़ी हो पा रही थी, लड़खड़ाते कदमों से बिस्तर के सिरहाने को पकड़ कर बड़ी मुश्किल से बिस्तर से नीचे उतर पायी | उसकी ऐसी हालत को देख कर लू टिंग ने उससे पूछा, “ऐसी हालत में भी तुम वो नाटक में काम करना चाहती हो? एक बार फिर सोच लो|”

Jiong Jiong You Yao · Urbano
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146 Chs

कहीं कमरे के अंदर वह तो नही

Editor: Providentia Translations

लू टिंग को इस प्रस्ताव में जरा भी रुचि नहीं थी| लू टिंग चाहता था कि झौ उसका और समय खराब नहीं करे इसलिए उसने बिना कुछ बोले वह कार्ड रख लिया और वहाँ से निकल लिया|

झौ क्षियांग चेंग की सांस में सांस आई पर उसे अभी भी चिंता थी कि लू टिंग उस कमरे में जाएगा कि नहीं|

लू जींगली अपने भाई के पीछे पीछे हो लिया| वह असमंजस में था| "वाह, भाई लड़कियों के मामले में आपकी किस्मत अच्छी चल रही है|" "भाई अपने झौ क्षियांग चेंग को एक किनारे कर दिया ताकि वह आपके लिए ऐसा कुछ बड़ा करे?" "उसने आपके लिए अगर लड़की लाई होगी तो ज़रूर बहुत ही खास होगी| भाई आप जाने वाले हो या नहीं? पर आपके पास तो भाभी है तो आप इस लड़की की तरफ देखेंगे भी नहीं| तो आप ऐसा क्यों नहीं करते कि यह चाबी मुझे दे दीजिये| मैं सही में देखना चाहता हूँ कि झौ क्षियांग चेंग ने आखिर कौन सी हुस्न की मल्लिका आपके लिए लाई है|"

लू टिंग ने उंगली उछालकर चाबी लू जींगली को दे दी|

लू जींगली ने चाबी का कार्ड कसकर पकड़ लिया,वह खुशी से उछल पड़ा, "मैं चला|"

"वोव 808, यह तो प्रेसीडेंशियल सुइट है| लू जींगली गुनगुनाते हुए कमरे की तरफ चल दिया|"

लू जींगली एलीवेटर से सबसे ऊपर वाले माले पर पहुँच गया| गलियारे के आखिरी सिरे पर कमरा था| लू जींगली कमरे ही तरफ बढ़ गया|"

कमरे के दरवाज़े पर पहुँच कर उसने कार्ड का इस्तेमाल कर दरवाज़ा खोला|

दरवाज़ा खुलने के पहले लू जींगली के दिमाग में अजीब अजीब से खयाल आने लगे| उसे तो बस इस लड़की को देखने की उत्सुकता थी इसी लिए वह चला आया था| अगर यह लड़की उसके गले पड़ गई और शादी की जिद कर बैठी तो क्या होगा?

उसे शादी में जरा भी विश्वास नहीं था पर वह इस शहर का मशहूर आदमी है| वह केवल गंभीर रिश्तों में ही बंध सकता था|

आखिरकार दरवाज़ा खुल ही गया|

अंदर घुसते ही उसने देखा कि एक बड़ा सा बिस्तर लाल गुलाब की पंखुड़ियों से सजा हुआ था| एक औरत बिस्तर के बीचों बीच सोयी हुई थी| पंखुड़ियों से वह अंदाजा लगा सकता था की उसने पारदर्शी गाउन पहना होगा| उसकी गोरी सफ़ेद टाँगे लंबी सुडौल थीं|

इन टाँगो को देख कर किसी भी आदमी की नीयत खराब हो सकती थी| इस बार झौ क्षियांग चेंग ने सारी सीमाएँ पार कर दी थी|

लू जींगली दो कदम आगे बढ़ा और उसने इस हसीना का चेहरा देखा|

औरत की आँखो पर रेशम की पट्टी बंधी थी फिर भी उसे पहचानने में देर नहीं लगी की यह कौन है|

हे भगवान!!

यह नज़ारा देख कर लू जींगली की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गयी| वह डर के मारे ऊछल गया और दरवाजे के सामने जा गिरा|

वह तुरंत कमरे के बाहर आया और किसी हवा के झोंके की तरह नीचे भागा|

लू जींगली बदहवास सा कार पार्किंग की तरफ भागा| लू टिंग की कार बाहर ही आ रही थी वह कार को रोकने को कार की तरफ दौड़ा|

ब्रेक की ज़ोरदार आवाज़ के साथ लू टिंग ने कार रोकी| उसे जींगली की इस हरकत पर गुस्सा आ रहा था|

लू जींगली लगातार कार की खिड़की को ठोके जा रहा था| लू टिंग कुछ कह पता उससे पहले ही लू जींगली ने घबराकर उसे कार से बाहर आने के लिए कहा| लू जींगली इतना ज्यादा घबराया हुआ था की ऐसा लग रहा था कि जैसे उसके घर में आग लग गयी हो और वह मदद मांग रहा हो|

"यह क्या है?"

"भाई कृपा करके मेरे साथ चलें, यह बहुत ही ज्यादा ज़रूरी है| आप खुद ही चल कर देख ले|"

"मुझे इस वक़्त सिर्फ एक ही चीज़ की चिंता है|"लू टिंग ने कहा|

"मुझे मालूम है भाई इस वक़्त आपको सिर्फ भाभी की ही फिकर है पर यह उनसे ही संबन्धित है|"

यह सुन लू टिंग तुरंत भाई जींगली के पीछे चल पड़ा|

दोनों भाई प्रेसीडेंटियल सुइट नंबर 808 में पहुँच गए|

दरवाजे पर पहुँचकर लू टिंग के चेहरे के भाव किसी बर्फ की तरह ठंडे थे| अच्छा होता यहाँ लाने से पहले जींगली उसे बता देता कि वह उसे यहाँ क्यों लाया है|

लू जींगली ने अपना चेहरा पोंछा और दरवाज़ा खोला, "भाई अंदर जाए और खुद देखिये|"

यह सुन कर लू टिंग और ज्यादा चिंतित हो उठा, कहीं कमरे के अंदर.....|