हल्की हलचल के साथ, बिस्तर से उठते हुए उसने अपनी आँखें खोली| वो एक जीवित व्यक्ति के समान उठ खड़ी हुई|
"बाई ... रूओ .... यान ... तुमने मुझे मारा .... फिर भी तुमने मेरी सम्पति लेने की हिम्मत दिखाई ..... तुम्हारी इतनी हिम्मत?"
यह सुनकर, बाई रूओ यान के पैरों तले जमीन खिसक गयी, जबकि उसका ध्यान थर्ड सिस्टर के माथे से टपकने वाले ठंडे पसीने की बूंदों पर था। वही उसके पीछे से, डरी हुई रोने की आवाज़ सुनी जा सकती थी क्योंकि डरे हुए नौकर हकलाते हुए कह उठे : "भ ... .. भू ... भूत -– !!!"
बाई रुओ यान का चेहरा पीला पड़ गया था। वह पूरी तरह से डरी हुई थी, वह डर के मारे सीधे फर्श पर गिर गई। वह खड़े होने में पूरी तरह से असमर्थ थी और गुस्से में खुद को दरवाजे की तरफ धकेल रही थी ।
हुआंग यू ली के चेहरे पर हल्की सी हँसी उभर आई ।
इस नेत्र तकनीक ने केवल उसे भूत में नहीं बदला बल्कि, इसने बाई रुओ यान के सबसे गहरे और अँधेरे डर को सामने ला दिया ।
यह कल्पना करना कठिन था कि अभिमानी और निरंकुश दिखने वाली बाई रुओ यान को इस तरह के डर सताते हैं। बड़ी थर्ड सिस्टर का डर, जिसे उसने वापस लौटने के लिए तंग किया और उसे सताया ।
सच ही कहा जाता है कि नीच लोगो में कोई साहस नहीं होता । अभी कुछ समय पहले वह उसे वेश्या कह रही थी । क्या उसे लगता है कि महान राजकुमारी एक नीच नौकर के समान थी? क्या उन्हें इतनी आसानी से नीचा दिखाया जा सकता है ?
यदि वह इस उपकार का बदला नहीं चुकाती है, तो यह अपमान होगा यंग कजिन के ईमानदार प्यार और उसकी देखभाल का जो उसने पिछले वर्षो में उसे दिया।
बिस्तर से उठकर, हुआंग यू ली धीरे से बाई रुओ यान के पास पहुँचा।
बाई रुओ यान घबराहट में चीख उठी "तुम … मेरे पास मत आओ! चले जाओ ! मुझसे दूर रहो !"
आवाज़ गूँज उठी, हुआंग यू ली एक बेहद शैतानी मुस्कुराहट के साथ बोला: "बाई रूओ यान, तुमने मेरी हत्या की थी। भले ही मैं भूत बन जाऊँ, मैं तुम्हें जाने नहीं दूँगा..."
उसने बाई रूओ यान को जबरदस्ती से एक कोने में धकेलते हुए उसके बर्फ से ठंडे हाथ बाहर निकले और उसकी पतली गर्दन पकड़ लिया।
बाई रुओ यान भयानक तरीके से चीखी और रोकर दया की भीख माँगने लगी : "नही..मुझे मत मारो! मुझे मत मारो! मैं हत्यारी नहीं हूँ ... मैं ... वो... वो सेकेंड सिस्टर थी। .... वह सेकेंड सिस्टर थी और सेकेंड मैडम थी! इसका मुझसे कोई लेना-देना नहीं है, हाँ, मुझे कुछ नहीं पता!"
हुआंग यू ली खनखनाते हुए हँस पड़ा, उसकी हँसी भयानक और अजीब लग रही थी।
"फिर क्यों .... मेरे कमरे में आने का क्या कारण है? मेरी संपत्ति चुराना चाहती हो? लगता है ... मुझे तो यह लगता है कि तुम एक बेशर्म महिला हो जो अमीरों के लिए हत्या जैसा काम करती है ।"
नहीं, नहीं, नहीं .... वास्तव में मैं वह नहीं हूँ।
"जब उसे अपनी गर्दन के चारों ओर बर्फ की ठंडी उंगलियों का दबाव महसूस हुआ, तो बाई रुओ यान दहशत की स्थिति में आ गई। उसने घबराहट में सब कुछ बता दिया ।
"सच में इसका मुझसे कुछ लेना देना नहीं है....वू .... वह सेकेंड सिस्टर थी जिसने मुझे आने के लिए कहा था। वही थी जिसने मुझे एक चाबी लाने को कहा था और कहा था कि बाकी सब मैं ले सकती हूँ ।" थर्ड सिस्टर ... ... क्षण भर के लिए मेरे मन में लालच आ गया था, कृपया मुझ पर विश्वास करें। सभी ऋणों के कर्जदार होते है। जिसने आपके बारे में जो व्यभिचार की अफवाहें फैलाई गईं थी उसका मुझ से कुछ भी लेना देना नहीं है ..... "
"हुआंग यू ली ने गरजते हुए कहा: "मेरी संपत्ति पर नज़र रखने की हिम्मत .... तुम भी मरने के ही लायक हो!
उसकी अंगुलियाँ कड़ी होती गईं जिससे बाई रुओ यान ने फिर से चीखना शुरू कर दिया | कृपया नहीं ! बड़ी थर्ड सिस्टर .... थर्ड सिस्टर , मुझे बख्श दो। मैं तुम्हे सब कुछ वापस दे दूँगी ..." जैसा ही उसने यह कहा, उसने अपने कपड़ों में छुपाई गई सारी चीज़ो को घबराहट में जमीन पर पटक दिया ।
मैंने आपको सब कुछ लौटा दिया है। थर्ड सिस्टर मैं आपसे उदारता की और मुझे माफ करने की भीख माँगती हूँ!
उसने फर्श से बिखरी चीज़ों को टटोला। इस दौरान उसने अपने हाथ को ढीला नहीं किया और सीधे सवाल किया : "और कुछ"
"और कुछ"
याद करने की कोशिश करते हुए परेशान बाई रुओ यान की आँखे शून्य हो गयी । जो भी पहले उसने लिया था वो सब चीज़ें उसने वापिस कर दी, तो अब क्या बचा है ? क्योंकि वह कुछ और याद नहीं कर पा रही थी तो उसने बैचेनी में जो कुछ उसका था बाहर निकालना शुरू कर दिया । उसने पैसे, गहने, यहाँ तक कि अपने सर के हेयरपिन भी बाहर निकाल दिए ।
थर्ड सिस्टर, जो कुछ मेरे पास था सब मैंने बाहर निकाल दिया है । मैं तुम्हे सब कुछ दे दूँगी| बा दया करो और कृपा करके मेरी ज़िंदगी बख्श दो ।