ये कहानी हे शियान की है जिसकी शादी तीन साल पहले हो गयी थी पर अभी तक उसका कोई बच्चा नहीं हुआ था। वह हर संभव कोशिश करती है कि अपने पति को खुश रख सके और अपनी सास का दिल जीत सके पर उसे हमेशा दुत्कार दिया जाता है। फिर जब वह बांझपन का इलाज करवा कर बच्चे को जन्म देने के काबिल हो जाती है तो उसका पति अपनी गर्भवती प्रसिद्ध प्रेमिका को अपने घर ले आता है। "अगर तुम गर्भवती नहीं हो सकती तो यहाँ से चली जाओ। या क्या तुम चाहती हो कि मेरा बेटा 'मो परिवार' का आखिरी वारिस हो?" उसकी सास ने बेरहमी से ताना दिया। उसके पति ने निर्दयता से तलाक के समझौते को उसके चेहरे पर फेंका, "मैंने साइन कर दिए हैं। जब तुम तैयार हो जाओ तो चली जाना।" यह बाद में सुनने में आया कि दो लोग ये शहर में दो बच्चों के साथ, अपनी पत्नी को वापस पाने और जीतने के लिए जमकर लड़े! यह एक महिला के नए जीवन की खोज और अपने दुखद अतीत को भूलकर खुशी ढ़ूढ़ने की कहानी है।