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chapter 3: तृतीय चैप्टर अल्बर्ट फिर नहीं

मार्श ने कल की ओर एक बंदूक उछाली। कल ने बंदूक पकड़ी, मगर उसने मार्शल को हराने से देखा और कहा, "इसका मैं क्या करूं?" मार्शल कुछ देर शांत रहा और अल्बर्ट की ओर देखकर, गहरी सांस लेकर कहा, "यह बस डराने के लिए है, तुम्हें सचमुच चलाने की जरूरत नहीं है।"

मार्श ने अल्फ्रेड को इशारा किया और अल्फ्रेड समझ गया। वह आगे बढ़ने लगा। कुछ ही देर में एक अलार्म की आवाज से पूरे शहर में हड़कंप मच गया।

स्विस ने बिना स्विच चलाए कहा, "मैंने कहा था ना, हम इसपर भरोसा नहीं कर सकते।" अल्फ्रेड हंसते हुए बोला, "इसी में तो मजा है।" स्विस ने दौड़ते-दौड़ते मार्शल से कहा, "अगर अभी हमारे पीछे पुलिस नहीं पड़ी होती तो मैं इसे पक्का बिना साबुन धो देती।" मार्शल ने अपनी गति बढ़ाते हुए कहा, "एक बार यहां से निकल जाएं, उसके बाद मैं भी अपना हिसाब पूरा कर दूंगा।"

एलीफेंट ने डांटते हुए कहा, "तुम दोनों का हो गया हो तो आगे देखो, गॉड्स आगे हैं।" मार्शल हंसते हुए बोला, "उनके ऊपर तो मैं गोलियां भी नहीं बर्बाद करूंगा, जितने कमजोर हैं।"

कुछ देर के अंदर तीनों बेसमेंट से बाहर आ गए और बेसमेंट के अंदर से आवाजें आने लगीं। शूज ने कुदरती अंदाज में कहा, "मर गए, पुलिस की सायरन की आवाज नजदीक आती जा रही है। अभी भी उन्हें आने में 2 से 5 मिनट लगेंगे। मार्शल, गाड़ी कहां है?" अल्बर्ट ने मार्शल की ओर देखा और उसे कुछ याद आया।

कुछ देर पहले दो लोग अल्फ्रेड की गाड़ी के पास आ रहे थे। उसने कहा, "लगता है इन्हें हम पर शक हो गया है, चलो हम यहां से चलते हैं।" गाड़ी म्यूजियम से बाहर निकाल ली। स्विस ने पूछा, "तुम गाड़ी कहां रख रहे हो?" अल्फ्रेड पार्किंग की जगह ढूंढते हुए बोला, "कहीं भी जहां जगह मिल जाए। आजकल तो पैसे की तंगी है, चालान का पैसा नहीं दे सकता।"

अल्फ्रेड का मूड एकदम से खराब हो गया। उसने स्विस की ओर देखा, जिसने उसे किताब से उसके सर पर मस्त गिफ्ट दे दिया था। अल्फ्रेड ने बेचारी शक्ल बनाते हुए कहा, "मैं मजाक नहीं कर रहा था।" इससे पहले कि स्विस कुछ और सोच पाता, मार्श ने गाड़ी को पार कर लिया। जब स्विस ने गाड़ी में समय देखा तो गुस्से से अल्फ्रेड को डांटते हुए बोला, "तुमने यह जानबूझकर किया। कुछ और बात है जब हमें गाड़ी में ही 15 मिनट लग रहे हैं, तो पैदल तो फिर भूल ही जाओ।"

वर्तमान में वापस आते हुए, अल्फ्रेड ने कहा, "यह तो गड़बड़ हो गई। टैक्सी मिलेगी क्या?"

इस बार मार्शल अपने आप को रोक नहीं पाया और एक ही पंच में अल्फ्रेड को नॉक डाउन कर दिया। स्विस ने नजारा देखते हुए कहा, "अब यह बेहतर है।"

मार्शल ने अल्बर्ट को अपनी पीठ पर लादा और दौड़ने लगा, लेकिन वह कुछ ही दूर पहुंचे थे कि पुलिस ने उन्हें घेर लिया। दोनों ने ज्यादा विरोध नहीं किया और थाने चल पड़े। कुछ देर बाद इंस्पेक्टर की आवाज आई, "इस बार तो छोड़ रहा हूँ, अगली बार अगर म्यूजियम में बिना परमिशन के गए तो लंबा अंदर करूंगा। और इसको क्या हुआ है? किडनैप तो नहीं कर रहे हो?"

स्विस ने जल्दबाजी में कहा, "नहीं इंस्पेक्टर, यही तो वह आदमी है जिसके चक्कर में हमें म्यूजियम में बिना परमिशन के जाना पड़ा। इसने कुछ ही देर पहले कुछ उल्टा-सीधा खा लिया था, तब से इसकी हालत ऐसी है।"

"ठीक है, ठीक है। अब जाओ," इंस्पेक्टर ने कहा।

कुछ देर बाद मार्शल और स्विस अल्बर्ट को साथ लेकर गाड़ी की ओर चल पड़े। सब-इंस्पेक्टर ने इंस्पेक्टर से कहा, "सर, वह कर तो मिल गए।"

इंस्पेक्टर मुस्कुराते हुए बोले, "कर तो मिल गए, मगर पकड़ नहीं सकते।"

सब-इंस्पेक्टर ने हैरानी से पूछा, "सर, कौन सी तिकड़ी?"

इंस्पेक्टर ने दरवाजे की ओर देखते हुए कहा, "वही तिकड़ी जो अभी-अभी यहां से निकली।"

सब-इंस्पेक्टर ने हैरानी से कहा, "मगर सर, उनके पास तो चोरी का कोई सामान नहीं था।"

"वही तो," इंस्पेक्टर ने निराशा से कहा, "अगर मुझे कुछ भी मिल जाता तो मैं उन्हें लंबा अंदर करता। जब तक वह खुद कुछ गलत नहीं करते, हम बस उन पर नजर रख सकते हैं।"

तभी हेड कांस्टेबल दौड़ते हुए अंदर आया और हांफते हुए बोला, "सर, वे तो भाग गए!"

इंस्पेक्टर ने उसे शांत करते हुए कहा, "भाग गए मतलब?"

हेड कांस्टेबल ने कहा, "जैसे आपने कहा, मैं उनका पीछा कर रहा था। जैसे ही वे बाहर निकले, वैसे ही गायब हो गए।"

सब-इंस्पेक्टर ने कहा, "ये जादू है," और जब उसकी नजर इंस्पेक्टर से मिली तो उसने सर नीचे कर दिया, "सॉरी सर।"

इंस्पेक्टर ने सख्ती से कहा, "साफ-साफ कहो कांस्टेबल, वहां क्या देखा?"

"सर, वही तो, देख भी नहीं पाया। जैसे ही वे बाहर निकले, जोर से हवा चलने के कारण मेरी आंखों में मिट्टी घुस गई। जब मैंने अपनी आंखें फिर से खोलीं, वे सब गायब हो चुके थे। मैंने आसपास पूछा तो लोगों ने कहा, वे गाड़ी में बैठकर निकल गए, पर किसी ने गाड़ी का नंबर नहीं देखा।"

इंस्पेक्टर ने कांस्टेबल के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा, "इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है। अब तो मुझे पूरा शक हो गया कि किसी न किसी तरह से वे इससे जुड़े हुए हैं। कांस्टेबल, गाड़ी निकालो, लगता है घूम के आना पड़ेगा।"

कुछ देर पहले, जैसे ही मार्शल और स्विस बाहर निकले, मार्शल को एहसास हुआ कि कोई उन्हें देख रहा है। स्विस ने पूछा, "तुम्हारे पास गाड़ी है क्या?"

स्विस ने ना में सिर हिलाया, "चाबी तो अल्फ्रेड के पास थी।"

"जैसी बात है," मार्शल ने कहा और चुपके से अल्बर्ट की जेब में हाथ डाल दिया। चाबी मिल गई और उसने एक बटन दबा दिया।

कुछ देर बाद मार्श ने स्विस को धीरे से कहा, "तीन गिनने पर अपनी आंखें बंद करना।"

स्विस ने ज्यादा न सोचते हुए कहा, "ठीक है।"

मार्श ने धीरे से गिनती शुरू की, "एक, दो, तीन, अभी!" और दोनों ने अपनी आंखें बंद कर लीं। जैसे ही उन्होंने आंखें बंद की, हवा में धूल और मिट्टी उड़ने लगी। हेड कांस्टेबल जो उन्हें पीछे से देख रहा था, उसकी आंखों में मिट्टी घुसने के कारण वह देख नहीं पाया। जब उसकी आंखें खुलीं, तो सब गायब हो चुके थे।

स्विच ने मार्शल से पूछा, "यह अभी क्या हुआ था?"

मार्शल ने गाड़ी चलाते हुए कहा, "यह अल्बर्ट के अजीबोगरीब कारनामे हैं। अब तो मुझे इसकी अजीब चीजें देखने की आदत सी हो गई है। जब मैंने इसकी जेब में हाथ डाला तो गाड़ी की चाबी मिल गई, जिसके बटन को दबाने से गाड़ी वाइब्रेट हुई। इससे मुझे पता चला कि गाड़ी पास ही है और यह बहुत धूल उड़ाती है। मैंने सोचा, जो भी हमें देख रहा है उसकी आंखों में धूल जाएगी और हम जल्दी से गाड़ी में बैठकर भाग जाएंगे। चलो, अंत भला तो सब भला।"

मार्शल ने पीछे मुड़कर देखा और कुछ सोचते हुए कहा, "अब इस अल्बर्ट का क्या करें? मैंने इतनी जोर से भी नहीं मारा था कि यह बेहोश हो जाए।"

अल्बर्ट ने चुपके से अपनी आंखें खोलीं और इससे पहले कि कोई उसे देख पाता, उसने उन्हें फिर से बंद कर लिया। स्विच को कुछ गड़बड़ का एहसास हुआ और वह अल्बर्ट के चेहरे के पास गई। उसने देखा कि अल्बर्ट की आंखें फड़फड़ा रही थीं। यह देखकर उसने फिर से नोटबुक निकाली।

अल्बर्ट ने अचानक अपनी आंखें खोल दीं। उसने देखा कि स्विच उसे घूर रही थी और चिल्लाते हुए कहा, "तुम कितनी देर से नाटक कर रहे थे?"

अल्बर्ट ने कुछ सोचते हुए कहा, "शायद जब तुमने मारा तब से। मार्शल को कितना गुस्सा आया होगा।"

मार्शल ने तुरंत ब्रेक मारी और गाड़ी को किनारे लगाया। स्विस ने मार्शल को शांत करते हुए कहा, "तुम टेंशन मत लो, तुम आराम से चलाओ।"

अचानक, स्विस की किताब गिर गई और अल्बर्ट फिर बेहोश हो गया। स्विच ने अच्छे से चेक किया कि वह एक्टिंग कर रहा था या सच में बेहोश हो गया था। उसने कहा, "इस बार वह एक्टिंग नहीं कर रहा, मगर बेहोश भी नहीं है। मतलब, यह तो सो रहा है।"

मार्शल ने कहा, "चलो, इसकी बड़बड़ से तो अच्छा ही है।"

कुछ देर के बाद वे पैदल चलने लगे और अल्बर्ट को फोटोग्राफ ढूंढने का इंतजार करने लगे। एक-दो मिनट में ही अल्बर्ट को वह टुकड़ा मिल गया और वह गाड़ी की ओर दौड़ते हुए आने लगा।

"चलो, यहाँ का काम तो पूरा हो गया। अब अभिनव के पास चलते हैं," मार्शल ने कहा।

स्विच ने हैरानी से पूछा, "अभिनव कौन है? और मत बताना कि वह भी तुम्हारी तरह ही दिमाग से तेज है।"

अल्बर्ट ने हंसते हुए कहा, "होशियार तो मैं सबसे ज्यादा हूं, मगर वह भी किसी से कम नहीं है। जब तुम उससे मिलोगी, तो खुद समझ जाओगी।"

स्विच ने कहा, "ठीक है, ठीक है, तुम सो जाओ। अगली ड्राइविंग तुम्हारी है।"

अल्बर्ट ने एक बड़ी सी जम्हाई लेते हुए कहा, "ठीक है, मेरी बारी आए तो उठा देना। वैसे भी कल से भागमभाग में सोने का टाइम ही नहीं मिला।" और कुछ ही देर में वह गहरी नींद में खो गया।

जब अल्बर्ट सो गया तो स्विच ने मार्शल से कहा, "जब तुमने पहले इससे बात की थी, तो तुम कुछ कह रहे थे कि 4 साल पहले क्या हुआ था?"

मार्शल ने एक गहरी सांस ली और कहा, "4 साल पहले... 4 साल पहले कुछ ऐसा हुआ था जो मैं हर दिन भूलने की कोशिश करता हूं, पर फिर भी भूल नहीं पाता। छोड़ो, उसे तुम बताओ तुम इसके साथ कैसे फंस गईं?"

स्विच समझ गई कि मार्शल इसके बारे में बात नहीं करना चाहता और बात बदलने के लिए उसने मार्शल के सवाल का जवाब दिया, "परसों रात को करीब 8 बजे इसका फोन आया था और कहने लगा कि सामान पैक करके जल्दी नीचे आओ, एक बहुत जरूरी काम है। मैं भी आ गई तो पता चला यह महाशय पुलिस से भाग रहे हैं। अब आगे जो होगा देखा जाएगा।"