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Chapter 2: द्वितीय चैप्टर पुराने दोस्त से मुलाकात

चैप्टर 2: द्वितीय चैप्टर पुराने दोस्त से मुलाकात

"प्लान तो सिंपल है, सबसे पहले हमें वापस जाना होगा," अल्बर्ट ने कुछ और बोल पाता, उससे पहले स्विस के चिल्लाने की आवाज आई, "तुम्हारे दिमाग तो नहीं खराब हो गया है! हम अभी-अभी अपनी जान बचाकर आए हैं और तुम फिर भी वहीं जाना चाहते हो?"

अल्बर्ट ने समझाने की कोशिश करते हुए कहा, "देखो, हमारे पास एक यही मौका है। अगर हम अभी नहीं गए तो फिर हमारे पास कोई चांस नहीं होगा। वैसे भी वापसी जाने का कोई चांस नहीं है।" स्विस ने कुछ सोचते हुए कहा, "ठीक है, पर तुम गन्स भी ले जाओगे।"

अल्बर्ट मुस्कुराते हुए एक गन स्विस की ओर करके चला दी। स्विस ने डर के मारे अपनी आंखें बंद कर लीं, मगर जब कुछ नहीं हुआ तो उसने गुस्से से अल्बर्ट को देखा, जो मंद-मंद मुस्कुरा रहा था और उसने कहा, "ये स्पेशल गन है।" जब उसने कुछ और बोलने के लिए मुंह खोला, उसे एक डरावना एहसास हुआ। उसने बिना देर किए वहां से दौड़ लगाई और मुड़कर देखा कि स्विस डंडा लेकर उसके पीछे आ रही थी।

"माफ करना, माफ करना," अल्बर्ट ने माफी मांगते हुए कहा, "यह कोई नॉर्मल गन नहीं है, ये स्पेशल गन है जिसके बुलेट में एक स्पेशल केमिकल लगा हुआ है जिससे लोग तुरंत बेहोश हो जाते हैं। और भी गन हैं जो नॉर्मल हैं, मगर फिर कुछ ज्यादा ही खून-खराबा होगा और मुझे खून से डर लगता है। मेरा मतलब था कि मुझे खून-खराबा पसंद नहीं है।"

"ठीक है, ठीक है," स्विस ने उससे रुकते हुए कहा, "तुम्हारे पास कोई प्लान भी है?"

अल्बर्ट ने एक नक्शा निकालते हुए कहा, "यह है नक्शा ग्रेट म्यूजियम का, दूसरी सबसे बड़ी म्यूजियम। मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि इस म्यूजियम में भी एक टुकड़ा हो सकता है।"

"और तुम्हें ऐसा क्यों लगता है?" स्विस ने शंका भरी नजरों से अल्बर्ट से पूछा।

अल्बर्ट ने कहा, "मैं यह तो नहीं बता सकता, मगर ऐसा लगता है कि कोई खिंचाव सा है मेरा इन शक्तियों के साथ।"

"अल्बर्ट, तुम कुछ कह रहे हो?" स्विस ने बड़े ही अजीब ढंग से कहा।

अल्बर्ट ने डरते हुए कहा, "मैं मजाक नहीं कर रहा, मतलब पूरी तरह से तो नहीं। सच-सच कहूं तो मुझे पक्का नहीं पता, पर मुझे ऐसा लग रहा है कि इस म्यूजियम में भी दूसरा टुकड़ा हो सकता है। क्योंकि जो टुकड़ा मैंने तुम्हें दिखाया था, वह म्यूजियम में गायब होने से पहले एक बार चमक रहा था। उसमें कुछ पुराने शब्दों में कुछ लिखा हुआ था जो मुझे समझ नहीं आया, मगर उसमें एक छोटा सा निशान था जो ग्रेट म्यूजियम की ओर इशारा कर रहा था। क्योंकि वही निशान मैंने ग्रेट म्यूजियम के स्पेशल एग्जिबिशन हॉल में बना हुआ देखा था। यह मेरा अंदाजा ही है कि दूसरा टुकड़ा भी वहीं होगा, इसीलिए मैं पूरी तरह से नहीं कह सकता कि वह वहीं होगा। अभी के लिए तुम आराम कर लो, सुबह हमें ब्राउन के पास जाना है।"

"कौन मार्शल ब्राउन?"

"हां, उसकी भेष बदलने की कला बहुत ही बेहतरीन है।"

"अच्छा ठीक है," स्विस ने उबासी लेते हुए कहा।

अल्बर्ट ने कुछ सोचा और फिर मार्शल को फोन मिलाया, "और भाई मार्शल, क्या हाल-चाल? सब ठीक?"

"अब तुम्हें मुझसे क्या चाहिए?" मार्शल ने बिना किसी भाव के कहा।

"कुछ नहीं, कुछ नहीं। मैंने सोचा थोड़ी बात कर लूं अपने बचपन के दोस्त से।"

"बचपन का दोस्त?" मार्शल ठहाके मार के हंसने लगा। "कुछ ज्यादा जल्दी नहीं आई तुम्हें बचपन के दोस्त की याद? चार साल पहले जब तुम्हारे इसी दोस्त को तुम्हारी जरूरत थी तब कहां गया था ये बचपन का दोस्त? मैं अभी बिजी हूं, मुझे फोन करने की कोशिश भी मत करना।"

अल्बर्ट कुछ कह भी पाता, इससे पहले ही मार्शल ने फोन काट दिया।

"क्या हुआ? वह अभी भी उसी बात से नाराज है?" स्विस ने कहा।

"लगता तो है," अल्बर्ट कुछ सोचते हुए कहा। "तुम उससे बात करो, वह तुम्हारी बात बिल्कुल नहीं टालेगा।"

स्विस ने कहा, "वह बात तो ठीक है, मगर वह तो तुम्हारा फोन उठाएगा भी नहीं। तो मैं बात कैसे करूं?"

अल्बर्ट ने पूछा, "अपने नंबर से करो और कैसे करोगी?"

स्विस ने दोनों हाथ खड़े करते हुए कहा, "फोन तो घर में ही भूल गई।"

अल्बर्ट ने सर पकड़ के कहा, "बस यही उम्मीद थी।"

स्विस ने हंसते हुए कहा, "ज्यादा सेंटी मत हो, मैं मजाक कर रही थी। क्यों, तुम ही मजाक कर सकते हो? बस बैटरी खत्म हो गई थी, फोन चार्जिंग पर लगा हुआ है।"

10 मिनट बाद स्विस ने अपने फोन से मार्शल को फोन किया।

"हेलो," फोन की दूसरी तरफ से एक भावहीन आवाज आई।

"मैं कार्ला।"

"कौन कार्ला?" मार्शल ने कुछ सोचते हुए कहा।

मार्शल को कुछ याद आया और वह बोलने ही वाला था कि कार्ला ने कहा, "मैं कार्ला स्विस।"

"कार्ला स्विस!" मार्शल की आवाज में खुशी आई। "तुम वही कार्ला स्विस हो क्या?" मार्शल ने अपनी खुशी काबू करने की कोशिश करते हुए कहा, मगर फिर अचानक चुप हो गया। "तुम्हारे साथ वह अल्बर्ट भी है? जरा उसको फोन तो पकड़ाना।"

जैसे ही स्विस ने अल्बर्ट को फोन पकड़ा, दूसरी ओर से उसे गालियों की बरसात सुनाई दी। अल्बर्ट ने मजाक के ढंग से कहा, "भाई, तेरा आज का कोटा पूरा हो गया कि अभी और बाकी है?"

मार्शल ने अपना गुस्सा दबाते हुए कहा, "तेरे से तो मैं वहीं आकर बात करूंगा। मुझे आना कहां है?"

अल्बर्ट ने कहा, "आना तो कहीं नहीं है। बस तैयार रहना, हम तुझे लेने आएंगे सुबह 9 बजकर 9 मिनट पर।"

"यह कैसा टाइम है?" मार्शल ने शिकायत करते हुए कहा।

"चलो, कोई ना," अल्बर्ट ने कहा। "और सिर्फ जरूरी सामान लाना।"

मार्शल ने चिढ़ते हुए कहा, "जानता हूं, जानता हूं। तुम्हारी तरह नहीं हूं जो सारा सामान लेकर आता है। और कार्ला को फोन पकड़ाना।"

अल्बर्ट ने कार्ला को फोन पकड़ाते हुए कहा, "लो, कर उससे बात।"

मार्शल ने गहरी सांस लेकर कहा, "मैं जानता हूं, यह बहुत परेशान करता है, मगर यह दिल का बुरा नहीं है। इसका ध्यान रखना।"

कुछ देर इधर-उधर की बात करने के बाद मार्शल ने फोन बंद कर दिया और अपने सामान पैक करने लगा। "चलो, सामान तो पैक हो गया, अब थोड़ा नहा लिया जाए।"

कुछ देर बाद मार्शल तैयार होकर अपने कमरे में आया और समय देखने के लिए अपना मोबाइल निकाला। "अरे यार, लगता है अब नई घड़ी लेनी ही पड़ेगी," मार्शल दीवार घड़ी को देखते हुए कहने लगा। "इसका मतलब अभी भी मेरे पास 3 घंटे हैं, अब मैं क्या करूं?"

मार्शल की नजर टीवी पर पड़ी। "चलो, टीवी ही देख लिया जाए," मार्शल ने न्यूज़ चैनल चलाया।

"हुई हजारों साल पुरानी एक आर्टिफैक्ट की चोरी," न्यूज़ में म्यूजियम में चोरी की खबर आ रही थी।

"अच्छा, यह बात है," मार्शल ने किसी को फोन लगाया।

कुछ देर बाद मार्शल के घर में पांच लोग आए जिनके पास 20 ब्रीफकेस थे।

"सारा सामान आ गया?" मार्शल ने उनसे पूछा।

"यस बॉस," सबने एक ही स्वर में कहा।

"गुड, मैन। चलो, एक ब्रीफकेस खोल के दिखाओ।"

3 घंटे बाद अल्बर्ट ने मार्शल को फोन किया, "9 मिनट में हम लोकेशन पर पहुंच जाएंगे। तुम जल्दी आ जाओ।"

मार्शल ने कहा, "मैं यहीं इंतजार कर रहा हूं, जल्दी आओ।"

9 मिनट बाद मार्शल भी गाड़ी में चढ़ गया और वह फिर वहां से चल पड़े।

मार्शल ने पूछा, "तुम मुझे बताओ, तुम इस इंसान में कैसे फंस गए?" उसने स्विस की ओर देखते हुए कहा।

स्विस ने अल्बर्ट की ओर इशारा करते हुए कहा, "पूछो अपने बचपन के यार से।"

अल्बर्ट ने मजाक के ढंग से कहा, "इन बक्सों में क्या डाला है, बारूद?"

मार्शल ने हंसते हुए कहा, "नहीं, नहीं, बारूद नहीं है, बंदूकें हैं।"

अल्बर्ट ने एकदम से ब्रेक लगाए, "ब...ब...बंदूकें?"

अल्बर्ट ने अपने आप को संभाला और फिर से गाड़ी चलानी शुरू कर दी।

स्विस ने कहा, "मतलब तुम सच में बंदूकों से डरते हो?"

"नहीं, नहीं," अल्बर्ट ने हंसते हुए कहा।

अल्बर्ट की टीम को म्यूजियम पहुंचने में ज्यादा वक्त नहीं लगा। उन्होंने आम कपड़े पहने हुए थे, मगर फिर भी अल्बर्ट और स्विस ने गाड़ी से बाहर आने की हिम्मत नहीं की। बस मार्शल ही अंदर जाकर सब कुछ देखकर आने के लिए निकला।

सारे सीसीटीवी कैमरा की लोकेशन और सिक्योरिटी चेक करने के बाद, आधे घंटे बाद बाहर आया और कहा, "अच्छा है, आज गाइड भी यहीं थे। उनसे मालूम चल गया, एक तो इतनी सिक्योरिटी है, एनीवेज, म्यूजियम में 120 कैमरे हैं और जगह-जगह पर लेजर लाइट का शो है। मेरा मतलब, लेजर लगी हुई है, अलार्म वाली। ऑफकोर्स, पर जो तुम ढूंढ रहे हो, वह मुझे कहीं नहीं दिखा।"

अल्बर्ट हंसते हुए कहा, "इतनी आसानी से कहां मिलेगा। तुमने बेसमेंट चेक किया?"

"यहां बेसमेंट भी है?" मार्शल हैरानी से पूछ बैठा।

अल्बर्ट ने हंसते हुए कहा, "सिर्फ यही नहीं, जहां-जहां भी यह टुकड़े हैं, मेरा मतलब, जिस भी देश के पास टुकड़े हैं, उनके म्यूजियम के नीचे एक गुप्त तहखाना है।"

स्विस शक की नजरों से अल्बर्ट को देखने लगी, "तुमने तो कहा था, तुम्हें ज्यादा कुछ नहीं पता।"

अल्बर्ट ने कहा, "देखो, इसके बारे में बात करने का यह वक्त सही नहीं है। मैं तुम्हें सब कुछ बाद में बताऊंगा।"

रात 1:15 पर अल्बर्ट, मार्शल, और स्विस म्यूजियम में दाखिल हुए। गार्ड्स उनको देखकर आगे आए और बोले, "म्यूजियम बंद हो गया है, कल आना।"

अल्बर्ट मुड़ते हुए जाने लगा। गार्ड को देखकर उसने कहा, "हम अंदर जाने के लिए आए हैं।"

मार्शल ने गार्ड को पकड़ कर बेहोश कर दिया।

मार्शल मजाक करते हुए बोला, "तुमने उसे क्यों किया?"

अल्बर्ट ने कहा, "मैं उसे पर बंदूक टेस्ट करना चाहता था।"

स्विस की आंखें बड़ी-बड़ी हो गईं।

मार्शल ने कहा, "मैं मजाक कर रहा था, सच में थोड़ी करूंगा।"

अल्बर्ट ने पूछा, "मार्शल, कितने गार्ड्स अंदर हैं?"

"कम से कम 30 गार्ड्स तो बाहर थे, सिक्योरिटी रूम में शायद 57 गार्ड्स होने चाहिए। क्योंकि एरिया बहुत बड़ा है और जो तुमने बोला, बेसमेंट है तो वहां पर एंट्रेंस में भी कुछ गार्ड्स होने चाहिए। पता नहीं, एनीवेज हमें तो लड़ाई करने से मतलब है।"

"एक दुश्मन तो रहना ही चाहिए, नहीं तो मजा नहीं आएगा। सब साथ में आना चाहिए।" यह कहते-कहते मार्शल हंस पड़ा।