webnovel

अंधेरों के साएं में

Realista
Contínuo · 91 Modos de exibição
  • 2 Chs
    Conteúdo
  • Avaliações
  • N/A
    APOIO
Sinopse

Você também pode gostar

जिंदगी 1

अब ये हम दोनो के बिच प्यार था या आकर्षण ये तो पता नही ,लेकिन जो भी था बहुत जबर्दस्त था । अब थोरे थोरे मेरे कदम भी लर्खराने लगे थे , मैने उसे बोला की अब चलते है ,मैने अभी पुरा बोला भी नही था की उसने अपनी उंगली मेरे लिप्स पे रख दी ,और बोली नही अभी नही अभी और , ये बोलते बोलते उसके कदम लर्खराने लगे थे,उसकी आँखे बन्द हो रही थी ,मेरे सिने पे उसने अपने सिर को रखा उसके हाथ मेरे गर्दन पर लिपटे थे,वो उपर आँखे कर के मुझे इक मदहोश नजरो से देख रही थी ।उसकी गरम सांसे मुझे बहुत ज्यादा रोमांचित कर रही थी , कुछ देर तक तो मै उसे ऐसे ही देखता रहा ।फिर मैने सोचा की अब हमे निकलना चाहिये ।मैने घरी देखी रात के 10बज चुके थे ,मैने सोचा हमे अब निकलना चाहिये ।

Anurag_Pandey_5625 · Realista
Classificações insuficientes
7 Chs

Avaliações

  • Taxa Geral
  • Qualidade de Escrita
  • Atualizando a estabilidade
  • Desenvolvimento de Histórias
  • Design de Personagens
  • Antecedentes do mundo
Opiniões
Uau! Você seria o primeiro revisor se você deixar seus comentários agora!

APOIO

Mais sobre este livro

General Audiencesmature rating
Relatório