webnovel

wife by contract

作者: Navia_khan
都市
連載中 · 6.3K ビュー
  • 5 章
    コンテンツ
  • レビュー結果
  • N/A
    応援
概要

Chapter 1Ep 1 धौका!

Bhag 1 धोखा!

एक लड़का एक लड़की के घर के बाहर बारिश मे भीगते हुए, अपने हाथो मे गुलाब से बना हुआ एक बुके ले कर खड़ा था, उसकी नजरें एक टक उस लड़की के रूम की तरह देख रही थी। अब धीरे धीरे बारिश भी बहुत तेज होने लगी थी पर उस लडके को इतनी तेज बारिश मे भीगने से भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। क्यों की उस लडके को बस इंतजार था तो  एक लड़की के घर से बाहर आने का, वे ही लड़की जिस से वह लड़का बहुत प्यार करता था और आज वह उस लड़की से अपने प्यार का इजहार करने आया था।  

जी हा यह ही है हमारी स्टोरी का हीरो हर्ष सिंह उम्र 28 साल हाईट 5. 8  इंच रंग गोरा काले बाल और काली आँखे। 

तभी हर्ष को उस घर के अंदर से एक सुन्दर सी लड़की बाहर निकलती हुई दिखाई दी, यह लड़की वह ही लड़की थी जिसका हर्ष बाहर बारिश मे भीगते हुए उसके घर से बाहर आने का इंतजार कर रहा था। उस लड़की के फेस को देखते ही हर्ष के फेस पर एक प्यारी सी स्माइल आ गई और फिर  वह लड़का उस लड़की के अपने पास आने का इंतजार करने लगा। यह लड़की और कोई नहीं हमारी कहानी की हीरोइन अंशिका है उम्र 19 साल हाइट 5.6 इंच, अंशिका का छोटा सा चेहरा,  तीखे नैन नखश और बड़ी बड़ी आंखें पतले पतले गुलाबी होंठ और कुछ ज्यादा ही पतला अंशिका का शरीर अंशिका को बिलकुल नाजुक सी गुड़िया की तरह दिखाता था। 

अंशिका बिना किसी भाव के साथ हर्ष की तरफ आ रही थी जहाँ हर्ष के फेस पर इस समय एक प्यारी सी स्माइल थी। वही दूसरी तरह अंशिका के फेस एक्सप्रेशन भाव शून्य थे। जिस से यह पता लगा पाना मुश्किल था की वह अभी खुश थी या दुखी थी। और जैसे ही हर्ष अंशिका से कुछ बोलने के लिए अपना मुँह खोलने वाला था तभी उसके कुछ बोलने से पहले ही अंशिका ने हर्ष से कहा " देखो हर्ष मैं जानती हु तुम मेरे से प्यार करते हो, पर तुम्हे भी समझना चाहिए की मै तुम्हारे जैसे एक गरीब लडके से शादी नहीं कर सकती हु। नहीं कर सकती मैं एक गरीब लडके से शादी , गरीब लडके से शादी कर के अपनी जिंदगी खराब नहीं कर सकती मैं। अब मैं और पैसो के लिए या पैसो से मिलने वाली किसी भी चीज के लिए नहीं तरसना चाहती। मैं अब जान गई हु पैसा ही सब कुछ होता है इस दुनिया मे, मै अब समझ गई हु इस बात को तो तुम प्लीज अभी यहाँ से चले जाओ। "

अंशिका की ऐसी बाते सुन कर हर्ष अंशिका से कुछ बताने वाला था, पर तभी दुबारा से अंशिका ने हर्ष से कहा " हर्ष तुम चले जाओ यहाँ से, आज के बाद तुम यहाँ पर नहीं आना, क्यों की कल से मैं तुम्हे यहां पर नहीं मिलूगी। "

 यह बोल कर अंशिका तेज तेज कदमो से वापस घर के अंदर चली गई। ओर वापस घर के अंदर जाते हुए उसकी आँखो मे आंसू की बुदे थी। पर बारिश के पानी मे उसके आंसू दिखाई नहीं दे रहे थे। इस का मतलब वह अभी रो रही थी।

वही  दुसरी तरह हर्ष  सिंह अभी भी उस जगह पर ही किसी बर्फ की तरह जमा हुआ खड़ा था, मानो उसके पैर जैसे जमीन पर जम गए हो। अभी उसको अपने दिल मे एक तेज दर्द महसूस हो रहा था। और उसकी आँखो से आंसू उसके गलो से होते हुए जमीन पर गिर रहे थे।  तभी उसने अपने मन मे कहा " अंशिका मे तुम्हे आज ये ही तो बताने आया था की मैं कोई गरीब इंसान नहीं हु। वो तो मैं तुम्हारा प्यार पाने के लिए एक गरीब इंसान बन गया था। "

अपने मन मे यह बोलता हुआ हर्ष सिंह देखते ही देखते अपनी ओरनी यादो मे चला गया। अब उसकी आँखे शून्य me देख रही थी। लगभग दो घंटे तक हर्ष बारिश मे भीगते हुए अपनी और अंशिका की पुरानी यादो मे खोया रहा कैसे वह अंशिका से मिला था कैसे उसको अंशिका से प्यार हो गया था कैसे अब उस का दिल टूट गया ये ही वह सोच रहा था। उसको इस बात का यकीन ही नहीं हो रहा था की इतनी जल्दी अंशिका की सोच कैसे बदल गई क्यों की अंशिका तो पहले ऐसी बिलकुल भी नहीं थी  वह इस अंशिका को तो नहीं जनता था उसने इस अंशिका से तो प्यार नहीं किया था।  ऐसे ही हर्ष को अंशिका के घर के बाहर खडे खडे दो घंटे बीत गए। 

 तो तभी हर्ष के कानो मे किसी की आवाज सुनाई पड़ी जिस वजह से हर्ष उस आवाज को सुन कर अपनी यानि उसकी और अंशिका की पुरानी यादो मे से निकल कर वापस अपने सेन्स मे आ गया।  यह आवाज हर्ष के एक गार्ड की थी जो हर्ष से कह रहा था "  सर आपके असिस्टेंट संजय ये पूछ रहे है की क्या वह उस लड़की को ही कांट्रेक्ट मैरिज के लिए आप की वाइफ बनने के लिए फाइनल कर दे जिन को उन्होंने चुना है? "

अपने बॉडीगार्ड की बात सुन कर हर्ष ने बेरुखी से अपने गार्ड से कहा " हा कर दो। अब उस अनजान लड़की को ही मेरी शादी से करने के लिए फ़ाइनल कर दो जिस को असिस्टेंट संजय ने चूज किया है मेरे प्यार ने तो मेरे से शादी करने के लिए मना कर दिया। अब तो मुझे उस लड़की जे साथ ही शादी करनी पड़ेगी। "

ये सब हर्ष अंशिका के घर की तरफ अंशिका के रूम वाली विंडो की तरफ देखते हुए बोल रहा था।  क्यों की उसको अभी भी यह समझ मे नहीं आ रहा था की उस की अंशिका उस के साथ ऐसा कैसे कर सकती है। 

आपको क्या लगता है हर्ष किसी लड़की के साथ कांट्रेक्ट मैरिज करने वाला है?आप को क्या लगता है अंशिका ने हर्ष को गरीब बोल कर शादी करने से मना क्यों किया होगा? 

अब आगे की कहानी अगले भाग में जारी रहेगी ,

तब तक के लिए अलविदा।

   नव्या खान 

あなたも好きかも

गुड मॉर्निंग , मिस्टर ड्रैगन !

यह कहानी एक ऐसी लड़की के जीवन पर आधारित है जिसने अपने ही परिवार वालों की वजह से अपना सब कुछ खो दिया। उसे उसके घर से निकाल दिया गया, साथ ही उसने अपने जीवन के बहुत बुरे दिनों का सामना अकेले ही डट कर किया। उसे उसके तथाकथित सबसे अच्छे दोस्त और सौतेली बहन द्वारा फंसाया गया। जब सु कियानक्सुन वहां से बच कर भागने की कोशिश कर रही थी तो वह एक अनजान आदमी के साथ टकरा गयी थी। वह आदमी इतना सुंदर था कि ऐसा लग रहा था जैसे उसका चेहरा देवताओं द्वारा नक़्क़ाशा गया हो , लेकिन उसका दिल पत्थर के जैसा ठंडा और कठोर था। वहां से उसके जीवन ने एक अलग ही मोड़ ले लिया। उसी वक़्त से एक जंगली और उग्र रात की शुरुआत हुई, और तब से, वे जुनून, वासना, साजिश और विश्वासघात से भरी यात्रा पर निकल पड़े।

हान जिआंग्क्सुए · 都市
4.5
347 Chs

द ९९'थ डाइवोर्स

यह कहानी पुनर्जन्म से शुरू होती है। सु कियानसी अपने पिछले जीवन की त्रासदियों को इस जन्म में कैसे रोकती है। उसके पिछले जीवनकाल में, उनकी शादी को पाँच साल हुए थे। वह उसके लिए सब कुछ था, लेकिन उसे एक पुराने जूते की तरह फेंक दिया गया। उसके पुनर्जन्म के बाद, सु कियानसी ने उसे तलाक का अनुबंध पहले से ही दे दिया था- "एक वर्ष के बाद तलाक, अनुबंध की शर्तें इस प्रकार से थी: पति और पत्नी एक कमरा या बिस्तर को साझा नहीं करेंगे। अंतरंगता मना है?" उसके पति ने अपनी भौहें उठाई। कौन जानता था कि वह एक दिन नशे में धुत हो जाने के बाद, हेडबोर्ड पर झुक कर उसने अपनी गहरी आँखें उस पर टिका के कहेगा, "आपने अनुबंध को तोड़ दिया, श्रीमती ली।"

Wan Lili · 都市
4.7
300 Chs

फुल मार्क्स हिडन मैरिज : पिक उप अ सन, गेट अ फ्री हस्बैंड

“प्रिये, मुझे इस नाटक की स्क्रिप्ट (कहानी) काफी पसंद आई है, पर एक ही समस्या है कि इस नाटक में पहले नाटकों की अपेक्षा सेक्स के दृश्य अधिक है| दुविधा में हूँ कि करूँ या नही? आपको क्या लगता है, क्या मैं यह नाटक कर लूँ?” “हाँ, क्यों नहीं?” लू टिंग ने बेहद शांत तरीके से जवाब दिया| उस रात निंग क्षी बमुश्किल ही खड़ी हो पा रही थी, लड़खड़ाते कदमों से बिस्तर के सिरहाने को पकड़ कर बड़ी मुश्किल से बिस्तर से नीचे उतर पायी | उसकी ऐसी हालत को देख कर लू टिंग ने उससे पूछा, “ऐसी हालत में भी तुम वो नाटक में काम करना चाहती हो? एक बार फिर सोच लो|”

Jiong Jiong You Yao · 都市
レビュー数が足りません
146 Chs

レビュー結果

  • 総合レビュー
  • テキストの品質
  • リリース頻度安定性
  • ストーリー展開
  • キャラクターデザイン
  • 世界観設定
レビュー
ワウ!今レビューすると、最初のレビュアーになれる!

応援