अगली सुबह विलियम उठता है, फिर देखता है कि जॉन नही है, वो सोचता है "ये क्या मुझे जल्दी उठना था उफ्फ" ये सोचकर घड़ी देखता है, तो 10 बज गए थे "ऊओओ ये क्या इतना लेट मुझे मॉम ने उठाया क्यों नहीं" विलियम फ्रेश होने जाता है। विलियम अपनी मां के पास जाता है बोलता है "मॉम आपने मुझे उठाया नही कॉलेज के लिए देर हो गई न"
जेसिका " क्या कहा शायद तुमने कैलेंडर नही देखा आज सन्डे है"
विलियम अपने फोन में देखता है और कहता है।
विलियम "मैं तो भूल ही गया (कुछ सोचकर) पर दीदी कही दिख नही रही कहा है?"
जेसिका "साराह वो अमांडा और जॉन के साथ गई है"
विलियम "ये क्या मॉम आपने दीदी को ऐसे कैसे किसी के साथ भेज दिया"
जेसिका "वो कोई और नहीं है वो मेरी दोस्त हैं, मैं उस पर आंख बंद करके विश्वास करती हूं, उसकी वजह से आज मैं तुम्हारी मॉम हू वरना नही होती उसने मेरी बहुत बड़ी मदद की थी मैं उसका ये एहसान कभी नहीं भूल सकती"
विलियम "मॉम उन्होंने ऐसा क्या किया था? मैने आपकी दोस्त ज्यादा देखी नही बचपन से देख रहा हूं आप सिर्फ हमारे साथ ही ज्यादा समय बिताती हो, कोर्ट में जाते हो वहा भी कोई दोस्त नहीं मुझे तो लगता था कि आपको दोस्त बनाना बिल्कुल पसंद नहीं है, इन्होंने ऐसा किया क्या जो आप उनका एहसान नही भूल सकती? मुझे भी बताइए ना।"
जेसिका "तुम बहुत बड़े हो गए हो, ये बहुत लंबी कहानी है कभी फुर्सत से बताऊंगी अभी मेरे पास समय नहीं है मुझे कहीं जाना है"
विलीयम " ओके मॉम, पर ये तो बताइए दीदी गई कहा है?"
जेसिका "वो किसी अनाथ आश्रम में गई है एड्रेस ये रहा वो लिख कर गई है इस पेपर पर ये लो मैं जा रही हु?
विलियम " पर मॉम आज तो सन्डे है, शायद कोर्ट बंद होता है तो आप कहा जा रहे हो?"
जेसिका "हा पर मुझे अपने क्लाइंट से बात करना है तो मुझे जाना होगा। "
विलियम "मॉम आपने ब्रेकफास्ट किया?"
जेसिका "हा बेटा मैने ब्रेकफास्ट कर लिया तुम ये फिनिश कर लेना ओके"
विलीयम "ओके मॉम ध्यान से जाना बाय"
जेसिका "ओके बाय बेटा"
जेसिका चली जाती हैं। विलियम कुछ सोचता है फिर
अपने मन में बोलता है "मॉम चाहे कितना भी विश्वास कर ले पर मैं किसी पर विश्वास नहीं करूंगा" पेपर को देखता है, बोलता है "दीदी मैं अब रहा हूं" विलियम चला जाता है।
जॉन गाड़ी चलाता है, पीछे साराह और अमांडा बैठे हैं, कुछ सोचती है फिर जॉन से बोलती हैं।
अमांडा "जॉन अब मेरी तबियत खराब सी लग रही है तो प्लीज तुम गार्ड को कॉल करके बता दो और मुझे यहीं छोड़ दो मैं चली जाऊंगी, तुम दोनों अनाथ आश्रम चले जाओ।"
साराह "पर मेम आपको देखना था ना"
अमांडा "हां बेटा मुझे देखना था मेरी किस्मत नहीं है मेरी तबियत बहुत ज्यादा खराब लग रही है मुझे घर जाना चाहिए फिर किसी दिन जाऊंगी पर तुम दोनों बच्चो से मिलकर आना ठीक है। बच्चे खुश हो जाएंगे"
जॉन "पर मां"
अमांडा "(बात को काटते हुए) जॉन तुम पहुंच जाओगे तो कॉल कर देना देखो अब मेरा गार्ड आ गया मैं जा रही हूं।"
अमांडा जॉन के कुछ कहने से पहले ही गाड़ी से निकल जाती है। अमांडा को विदा करके दोनों अनाथ आश्रम पहुंच जाते हैं। सारे बच्चे उनको देखकर बहुत खुश हो जाते है और भागते हुए साराह के पास आते हैं साराह भी बहुत खुश हो जाती है। जॉन बहुत ध्यान से साराह को देखता है। साराह की नजर जॉन पर जाती हैं तो जॉन हड़बड़ा कर फोन निकालता है "मां को फोन करने का बोलकर बाहर चला जाता है। मन में सोचता है कि "पता नहीं मुझे क्या हो गया था? मां हमारे साथ आई क्यों नहीं? (अचानक याद आता है) मां ने बोला था कॉल करने के लिए" फिर जॉन मां को कॉल करता है। अमांडा कॉल उठाती है।
जॉन "मां हम पहुंच गए हैं।"
अमांडा "ठीक है,अब तुम दोनो अच्छे से समय बिताना।"
जॉन "आप हमारे साथ क्यों नहीं आए?"
अमांडा "बेटा तुम कुछ भी नहीं समझते तुम साराह को पसंद करते हो न तो उसके साथ समय बिताओ और हो सके तो अपनी दिल की बात बताओ"
जॉन "पर मां"
अमांडा "पर वर कुछ नहीं मुझसे बात करोगे तो मेरी बहु से बात कैसे करोगे मैं फोन काट रही हु जल्दी जाओ"
अमांडा फोन काट देती हैं फिर जॉन हंसते हुए साराह और बच्चो के पास चला जाता है।