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द किंग'स अवतार

ऑनलाइन गेम ग्लोरी में, ये शिऊ को एक ज़बरदस्त और शीर्ष-स्तरीय खिलाड़ी माना जाता था। लेकिन असंख्य कारणों की वजह से उसे टीम से बाहर कर दिया गया। प्रोफेशनल खेलना छोड़ने के बाद, वह एक प्रबंधक के रूप में इंटरनेट कैफे में काम करता है। जब ग्लोरी ने अपना दसवां सर्वर लॉन्च किया, तो उसके पास दस साल के गेमिंग अनुभव के साथ एक बार फिर खुद को खेल में झोंकने का मौका आया। अपने साथ अपने अतीत की यादें और एक अधूरा, स्व-निर्मित हथियार लेकर, शिखर पर जाने के रास्ते पर उसकी वापसी शुरू होती है! "लड़ने और योजना बनाने के बाद, किसने मेरी महिमा छीन ली? हवा और तूफ़ान के उछाल के बाद भी, मेरे सपने अब भी दिखाई देंगे जैसे कि वे कभी बिखरे ही नहीं थे। अपने सारे वैभव के साथ, मेरा रास्ता कभी नहीं गुमेगा। सबकी नज़रों के सामने, मैं दुबारा लौटूँगा!"

Butterfly Blue · ゲーム
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90 Chs

संघ के नेता की दिक्कतें

編集者: Providentia Translations

"कभी सुना नहीं" नीलधारा ने बदलते बसंत क साथ दिया और वो भी ठगा सा था।

"अगर सही में ऐसा कोई आदमी है, तो मैं कभी आऊंगा और उसे देखूंगा" बदलते बसंत ने कहा।

"ठीक है। उसके 23 वे दर्जे तक पहुँचने का इंतजार करो और मैं कब्रिस्तान में नये कीर्तिमान स्थापित करने के लिए उसे बुलाऊंगा। जब समय होगा, तब तुम आना" नीलधारा ने कहा।

"वो अभी तक 23 वे दर्जे तक नहीं पहुंचा?" बदलते बसंत ने चौंकते हुए पूछा।

"अभी तक 21..." नीलधारा विकट देव के लिए थोड़ा शर्मिंदा हो गया। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप के बारे में क्या कहा जा रहा था, दर्जो से हमेशा फर्क पड़ता था। 10 वे सर्वर के सबसे चर्चित जानकार होने के नाते और दर्जों की महत्ता आम लोगो की तरह ही होने के कारण, इस बात ने नीलधारा, जो खुद 25 वे दर्जे पर था, को भी मौन कर दिया।

"ये ये ये.. मुझे उसे खुद देखना है, अगर कोई मौका हो तो" बदलते बसंत ने कहा।

"तो मैं अगली बार तुम्हे बुला लूँगा" नीलधारा ने कहा।

"ठीक है" बदलते बसंत ने कहा। वैसे तो उसने कहा नहीं, पर वो नीलधारा के यहाँ आने का मकसद समझ गया था। नीलधारा जानना चाहता था कि सच्चे संघ के नेता का फैसला, इस जानकार के बारे में क्या होगा? जो कुछ उनके पास था उसी से, लड़े या न लड़े? 

कुछ देर इधर उधर की बाते करने के बाद, बदलता बसंत चला गया। नीलधारा आदतन अपने ऊँचे दर्जे के खाते की तारीफ करता था। जैसे ही वो ऑफलाइन जाकर निकलने वाला था, उसने अचानक एक आवाज सुनी, "ओह! पुराने नील? तुम यहाँ क्यों आये हो?"

कितनी बुरी बात थी! वो सिर्फ थोड़ी देर के लिए ही आया था और वो इस आदमी से टकरा गया। नीलधारा ने ठंडी आह भरी और पलटा। उसने तुरंत ही समुद्री चिनार को देखा। ये अनोखा नाम और साथ ही अनोखे इक्विपमेंट शरीर पर डाले हुए।

"ज्यादा कुछ नहीं। मुझे कुछ काम था यहाँ" नीलधारा ने अलग सा जवाब दिया।

"अगर तुम्हारे पास इतना समय है तो, क्यों न हम रंगभूमि में पैंतरे बदल कर देखे?" समुद्री चिनार साफ़ तौर पर अभी भी अपनी अधूरी लड़ाई पूरी करना चाहता था।

"समय नहीं है, मुझे अभी भी नये सर्वर की कोठरी में वापस जाना है" नीलधारा ने बड़े सलीके से उसे मना कर दिया।

"इतना भी समय नहीं लगेगा" समुद्री चिनार अपनी आवाज को दबा रहा था ताकि वो दोस्ताना सा महसूस हो। इस आदमी के नाम से लेकर इक्विपमेंट तक, सभी कुछ बेहद अनोखा था। साफ़ तौर पर, उसने नाम का असली शाब्दिक मतलब था कि वो नील धारा मतलब नदी को खुद में समेट सकता था।

नीलधारा ऐसा आदमी था जिसे अपनी इज्जत बहुत प्यारी थी,इसलिए वो तुरंत गुस्सा हो गया। उसका खून खौलने लगा और उसके पास जिगर था की वो इस आदमी को तुरंत सबक सिखा सके, पर तभी उसने एक आवाज सुनी, "नीलधारा, क्या तुम्हे देर नहीं हो रही?"

नीलधारा पलटा और उसे पता भी नहीं चला कि कब, पर बदलता बसंत वापस आ गया था।

"मैं जा रहा हूँ" नीलधारा ने जवाब दिया और समुद्री चिनार पर ज्यादा ध्यान न देते हुए, तुरंत ही बाहर चला गया।

बदलता बसंत उसे मुसीबत से निकालने ही आया था। नीलधारा इसे साफ़ तौर पर समझ रहा था। 

जहाँ तक समुद्री चिनार का सवाल था, संघ के बहुत से खिलाड़ी उसके दबाव के बारे में जानते थे। वैसे अभी की हालिया अफवाह ये थी कि संघ ने नीलधारा को 10 वे सर्वर में इस लिए भेजा था जिससे समुद्री चिनार को कोई पदवी दी जा सके। नीलधारा इसे अच्छे से जानता था कि बदलते बसंत के बीच बचाव का एक कारण ये भी था कि वो उसके और समुद्री चिनार के बीच कोई झंझट नहीं चाहते थे। ऐसा इसलिए था क्योंकि कौन जीतता इससे फर्क नहीं पड़ता, हारने वाले की इज्जत कम हो जाती और ये भी हो सकता था कि हारने वाला संघ भी छोड़ दे। ये जबरदस्ती निकाले जाने जैसा था। ऐसा होने से बहुत से लोगों की हमदर्दी जाग उठती और इससे बहुत से लोगों का विश्वास संघ पर से कम हो जाता। इससे लगने वाला झटका हल्का नही होता। आखिरकार, समुद्री चिनार और नीलधारा नील नदी संघ की नए और पुराने खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व करते थे।

दूसरा पहलू देखा जाये तो, बदलते बसंत ने छिपाकर, अपना स्थान बचाने में नीलधारा की मदद की। एक नजर में ऐसा लगता था जैसे नीलधारा को अनंत द्वार से दूर रखा गया था पर 10 वे सर्वर में नीलधारा ही मुखिया था। कौन जानता था कि वो कितने नए जानकारों को वो वहां ढूंढ निकालेगा। एक बार ये खिलाड़ी अनंत द्वार में प्रवेश कर गये तो कौन बदलते बसंत को देखना पसंद करता, समुद्री चिनार को तो शायद कोई जानता भी नहीं।

नीलधारा को नए सर्वर में भेजकर उसे मौका दिया गया था एक नयी बुनियाद का निर्माण करने के लिए। निकाल देना या उस तरह की सोच काफी बचकानी होती।

नीलधारा इसे अच्छे से समझ रहा था क्योंकि बदलते बसंत ने उसे शांति से ये सब समझाया था। उसने नीलधारा से सीधे कहा था कि अगर उसके और समुद्री चिनार के बीच पीके हुए तो उसे नीलधारा के लिए ज्यादा उम्मीद नहीं थी। उसे विश्वास था कि अगर दोंनो तीसरे दौर में पहुंचे तो नीलधारा के पास बस 30 % मौका होगा जीतने का।

नीलधारा बेबस था। उसे खुद बहुत विश्वास नहीं था की वो समुद्री चिनार को हरा देगा। अब ऐसा लगता था कि बदलता बसंत इसे और साफ़ ढंग से देख पा रहा था।

नीलधारा, जिसका दिल शीशे की तरह साफ़ था, ने बदलते बसंत को वापस, उसकी मदद करने को, आते देखा। वो दिल से भावविभोर हो उठा। नतीजतन, वो समुद्री चिनार से बहस करने के बदले सीधे बाहर चला गया।

इसके बारे में सोचकर, जिस लम्हे वो निकला, एक अजीब ख्याल नीलधारा के मन में आया। वो सही में, समुद्री चिनार को विकट देव से हारता हुआ और उसके डर से बौखलाया हुआ देखना चाहता था।

वैसे तो ये ठीक नहीं था... नीलधारा ने अपने सर पर हाथ मारा। चाहे जो हो, समुद्री चिनार अभी भी उसकी संघ का साथी था। उनमे भले ही थोड़ी कटुता थी, पर वो किसी बाहरी को कैसे उसकी बेइज्जती करने दे सकता था?

पर.. वो ऐसा देखना भी चाहता था! नीलधारा ने पाया कि वो खुद को ही धोखा दे रहा था। दो बार ठंडी आहे भरने के बाद, उसने फिर से नीलधारा के खाते का कार्ड लगाया और वापस 10 वे सर्वर में पहुंचा।

जैसे ही वो ऑनलाइन हुआ, उसके संघ से किसी ने उसे कोठरी में बुलाया। नीलधारा ने देखा कि वो लगभग 25 वे दर्जे पर था। उसका दिल अचानक बैठ गया; वो कुछ भूल रहा था।

ये सोचकर, वो तुरंत विकट देव को अपने दोस्तों की सूची में देखा, "तुम जमे हुए जंगल को हम लोगों के साथ फिर से कब पार करना चाहोगे?"

जमे हुए जंगल को पार करने का कीर्तिमान अपनी सीमा पर पहुँच गया था। ऑनलाइन मौजूद बहुत से खिलाड़ी 25 वे दर्जे पर पहुँचने वाले थे। 25 वे दर्जे के इक्विपमेंट बदलने के बाद, वो लम्हा था जब वो जमे हुए जंगल के अंतिम कीर्तिमान को तोड़ सकते थे। हालांकि अगर वो 25 वे दर्जे के इक्विपमेंट लेकर भी विकट देव के एक लहर भीड़ की नकल करना चाहे तो उनके लिए संभव नहीं था। उन लोगों पहले भी लगभग अदृश्य होकर ऐसा करने की कोशिश की थी।

नीलधारा सोचा रहा था कि विकट देव के 23 वे दर्जे पर पहुँचने पर वो कब्रिस्तान पार करेगा और भूल चूका था कि जमे हुए जंगल के कीर्तिमान को अभी पूरी तरह से तय नहीं किया था।

"ये" ये क्सिऊ का जवाब हल्का झिझक भरा था।

"क्या कोई और तुमसे बात कर चूका है?" नीलधारा बेहोश होने को था।

"मैंने पहले ही किसी से कह दिया है" ये क्सिऊ ने बेबस होकर कहा।

"फिर से भयावह महत्वाकांक्षा?" नीलधारा ने दुखी होकर कहा।

"हम्म"

"भाई, मैंने तुमसे कब्रिस्तान में ही बात की थी, तब तुमने कहा था कि तुम बाद में बात करोगे! ऐसा क्यों है कि जब भी वो बात करते है, तुम मान जाते हो?" नीलधारा के गाल आँसुओं से भीग गये।

"जिस चीज के लिए तुमने पूछा था वो मैं अभी नहीं कर सकता! मैं जमे हुए जंगल में आज रात जा सकता हूँ" ये क्सिऊ ने कहा।

नीलधारा बेबस था। उसने तय किया कि वो विकट देव को ध्यान से देखेगा। जैसे ही वो 23 वे दर्जे में पहुंचेगा, वो तुरंत ही उससे कब्रिस्तान के लिए बात कर लेगा।

जमा हुआ जंगल... नीलधारा को हल्का दर्द सा महसूस हुआ। हालांकि उन सब के दर्जे 25 हो गये थे, उनके इक्विपमेंट शायद इतनी तेजी से अपनी क्षमता न बढ़ा पाए। अब जाकर नीलधारा और अन्य के पास 20 वे दर्जे के बैंगनी हथियारों का पूरा जखीरा था। वो भी इसलिए क्योंकि शुरुआती गाँव की कोठरियां बिना सीमा के पार की जा सकती थी। 20 वे दर्जे तक कोठरी पार करने की प्रक्रिया में, उन्हें साफ़ तौर पर अच्छे इक्विपमेंट मिलते थे। पर अब? हालांकि 25 वे दर्जे के इक्विपमेंट, जमे हुए जंगल और कब्रिस्तान दोनों जगह गिरते थे, बैंगनी हथियार के गिरने की दर कम थी। अब तक बस 2 दिन हुए थे, हर एक कोठरी केवल 4 बार पार की गयी थी, क्या इससे वो पूरी पार्टी के लिए हथियार ले सकते थे?

उसने गणना की, पर नीलधारा दुखी हो गया। वैसे तो 25 वे दर्जे के बैंगनी हथियारों की संख्या उतनी नहीं थी, जितना 21 वे दर्जे पर थी, फिर भी इतना थे कि एक पार्टी के लिए पूरा पड़े। उनका नील नदी संघ कर सकता था, तो भयावह महत्वाकांक्षा भी कर सकता था। ओफ्फ....