सही में, नीलधारा एक अनोखा जानकार था। यह तलवार की धार सटीक था और सही था। वो तलवार एक आदमी के सामने से होते हुए गुजरी और खूबसूरती से गोब्लिन व्यापारी पर पड़ी। अगर यह भूमि सप्तम होता, तो उसके लिए ऐसा करना कठिन होता।
नीलधारा ने इस आक्रमण को तिगुने वार के साथ इस्तेमाल किया। यह हमला और हरकत खड्ग प्रधान कुशलता थी। जैसे ही गोब्लिन व्यापारी जमीन पर गिरा, उसका पात्र धीरे से आगे सरकते हुए और शुआ शुआ शुआ तीन बार तलवार की रोशनी चमकी और तीन खून के छींटे हवा में उड़े।
ऊपर से वार! नीलधारा ने अपनी तलवार से फिर से वार किया, वो गोब्लिन व्यापारी को हवा में उड़ाने को तैयार था। तभी अचानक, एक अजीब सा युद्ध भाला उड़ता हुआ आया। नीलधारा ने इस अजीब से युद्ध भाले को देखा और उसका दिल पत्थर का हो गया। उसने एक नजर देखा और उसे पता था ये विकट देव था।
एक तलवार और एक भाला, गोब्लिन व्यापारी की तरफ एक साथ चल पड़े। तलवार तेज थी, भाला लंबा था, पहले कौन पहुंचेगा?
क्या ये मैं था? नीलधारा ने महसूस किया कि उसके द्वारा किया गया ऊपरी घाव ठीक उसी समय पर हुआ था, जब विकट देव ने भाला घोंपा था। पर जब तक गोब्लिन अपने हमले से सम्भला वो तब तक हवा में ऊपर उछल चुका था।
युद्ध भाला चौथी बार उसके आर पार हो चुका था। गोब्लिन व्यापारी तुरंत ही आधे गोले की तरह घुमा कर, विकट देव द्वारा जमीन पर पटक दिया गया।
गोल झूला
दोनों की ही कुशलता से गोब्लिन व्यापारी चोटिल था। दुःख की बात थी, विकट देव ने कब्ज़ा करने वाली कुशलता का इस्तेमाल किया। जब तक गोब्लिन व्यापारी हिलता, वो नीलधारा के सामने पड़ा हुआ था, उसका रास्ता रोके।
विकट देव का चेहरा उसके सामने था, पर उसके पात्र का चेहरा हमेशा खाली सा रहता था। नीलधारा नहीं जानता था कि विकट देव के मन में क्या चल रहा था पर वो जानता था कि वो खुद बहुत शांत था। बिना झिझक के, उसने तलवार के नोक विकट देव की ओर चलाई।
हमले से बचते हुए, विकट देव पीछे की ओर कूद पड़ा। बीच हवा में कूदना, वो गोब्लिन व्यापारी के पीछे जा खड़ा हुआ। अचानक, आकाशीय आक्रमण गोब्लिन व्यापारी से जा टकराया। तुरंत ही गिरते हुए फूलों का पंजा गोब्लिन व्यापारी के शरीर पर पड़ा।
गोब्लिन व्यापारी उड़ता हुए नीलधारा की तरफ जा टकराया।
बहुत तेज!
इस समय पर, निजी तौर पर लड़ते हुए, नीलधारा को एहसास हुआ कि विकट देव कितना तेज था। थोड़ी देर पहले ही, जब उसने आकाशीय आक्रमण किया था क्या वो पीछे कूदा भी था? उसने इतने सटीक तरीके से गोब्लिन व्यापारी को बीच हवा में ही मार दिया था? उसके बाद गिरते हुए फूलों का पंजा तो और भी दिमाग हिला देने वाला था। क्या गोब्लिन व्यापारी हवा में ही था जब उसने ये आक्रमण किया? अगर वो सही में तब तक जमीन पर गिर चुका था, तो गिरते हुए फूलों के पंजे का जमीन पर गिरने का प्रभाव नहीं दिखा।
जमीन पर गिरने का प्रभाव, ग्लोरी में एक तरह का आक्रमण था। यह विपक्षी को धरती पर चित्त करने का आक्रमण था। गिरते हुए फूलों का पंजा एक सीधा वार था और उससे विपक्षी जमींन पर नहीं गिरता। उसने पहले आकाशीय आक्रमण का इस्तेमाल किया ताकि वो गोब्लिन व्यापारी को बीच हवा में ला सके। उसके बाद उसने गिरते हुए फूलों का पंजा इस्तेमाल किया।
नीलधारा की आँखों में, उसे बस यूँ लगा की विकट देव की उलटी छलांग, आकाशीय आक्रमण, और गिरे हुए फूलों का पंजा बहुत तेज था। वो ये भी नहीं बता सकता था कि उसने आकाशीय आक्रमण किया था या गिरते हुए फूलों का पंजा, जब गोब्लिन व्यापारी उड़ता हुआ उसकी तरफ आया।
सब बातों की एक बात, नीलधारा की ताकत भी मामूली नहीं थी। जैसे ही गोब्लिन व्यापारी उसकी तरफ आया, उसने भी तुरंत ही अपना बचाव किया। गोब्लिन उसकी तलवार की नोक से जाकर टकराया और नीलधारा पीछे की तरफ सरक गया, पर अंत में नीलधारा इस वार से धराशायी नहीं हुआ।
उसका मुख्य उद्देश्य विकट देव से लड़ना नहीं था पर गोब्लिन व्यापारी को चुराना था।
नीलधारा के विचारों का कारवां बहुत ही साफ़ था। बस उसके पास गोल झूला जैसी कुशलता नहीं थी जो गोब्लिन को उठा कर बगल फेंक सकती और गोब्लिन और विकट देव में दूरी बढ़ा सकती। नीलधारा केवल अपने नुकसान को बढ़ा सकता था जिससे गोब्लिन व्यापारी के हमले का केंद्र उस पर हो जाये और वो उसके पास आ जाये।
उठती और गिरती, गिरती हुई तलवार की धार
दुर्भाग्य से, इस समय का युद्ध प्रधान का वर्ग बिना, जमीन पर गिरे, कुशलता के साथ था।
अंत में, जैसे ही वो उछला और जमीन पर पैर रखा, उसके तलवार निकालने से पहले, एक तलवार की रोशनी उसकी ओर चमकी। नीलधारा के लिए रफ़्तार बहुत तेज थी और हमला भयावह से भरा हुआ था। नीलधारा ने अपने सर से खून का फव्वारा फूटते देखा क्योंकि वो बीच हवा में ही चोटिल हो गया था और पीछे को उड़ गया। उसके दिम्माग में केवल एक ही ख्याल था: असम्भव।
उसने साफ़ देखा था की जब विकट देव ने तलवार की धार का इस्तेमाल किया था, उसने हथियार नहीं बदले थे। उसने अपने अजीब से युद्ध भाले से सीधे तलवार निकाली थी। जैसे वो तलवार की रोशनी चमकी, वो गायब हो गयी। नीलधार ने फिर देखा और पाया की विकट देव के हाथ में तलवार नहीं थी। क्या उसकी आँखों ने बस कल्पना की थी?
नीलधारा को विश्वास था कि वो कल्पना नहीं था। पर उसे समझ नहीं आया कि पलक झपकते ही हुआ क्या।
नीलधारा हिला नहीं। जब वो जमीन पर उतरा, वो तुरंत ही लुढ़क कर, त्वरित ठीक होने की कुशलता का इस्तेमाल किया, जिससे जमीन पर न गिरे। इस समय पर, उसके और गोब्लिन व्यापारी में दूरी, फिर से बढ़ गयी थी। नीलधारा बेचैनी से भागा।
"धड़ाम"
एक और झटका और नीलधारा हवा में उछाल दिया गया था।
धत्त! नीलधारा ने धीरे से गाली दी। इस बार ये उसकी खुद की गलती थी। वो सिर्फ गोब्लिन व्यापारी के करीब जाने की कोशिश में था और भूल गया कि सरगना झटकों की एक लहर छोड़ता है, उठने पर। ऐसा न होता तो, सरगना जमीन पर ही पड़ा रहता और उठ न पाता।
झटके की लहर ने नीलधारा को हवा में मारा, पर उसने एक बार फिर त्वरीत ठीक होने की कुशलता का इस्तेमाल किया, जिससे जमीन पर गिरने से बच सके। उसने देखा और पाया कि विकट देव कुशलता पूर्वक उछला ताकि झटको के लहर से बच सके और पहले ही गोब्लिन व्यापारी की तरफ भाग गया। उसने सीधे पटखनी का इस्तेमाल किया और गोब्लिन को दूर फेक दिया। उधर, बहुत से भयावह महत्वाकांक्षा के खिलाड़ी इसी को घेरे खड़े थे।
सरगना को लेकर हुई छोटी सी लड़ाई में नीलधारा हार गया था।
पर उसे पता था की अभी सब खत्म नही हुआ था। मैदान में मौजूद सभी लोग, जिसमे नील नदी संघ के लोग भी शामिल, जरूर ही भयावह महत्वाकांक्षा को आराम से गोब्लिन व्यापारी को मारने नहीं देंगे।
"क्या तुम आ चुके हो?" ये क्सिऊ ने विकट देव को सम्भालते हुए भयावह महत्वाकांक्षा समूह की ओर भागा। गोब्लिन व्यापारी के हमले को संभालने के लिए कई बार तलवार चलने के बाद, उसने सवाल पूछा।
"लगभग यहाँ हूँ" शीत रात ये क्सिऊ से ज्यादा बेचैन था। गोब्लिन व्यापारी पहले ही खींचा जा चुका था।
खिलाड़ियों की एक बड़ी भीड़ उस तरफ भाग कर जा चुकी थी। हालांकि, गोब्लिन व्यापारी इस समय भयावह महत्वाकांक्षा के हाथों में था। सभी थोड़ी देर के लिए झिझक उठे। वो सरगना को बस यूँ ही नहीं छोड़ देना चाहते थे और उम्मीद में थे कि कोई खड़ा होगा और उस तरफ भागेगा। आखिरकार, उनमे से कोई भी भयावह महत्वाकांक्षा से सीधे नहीं टकराना चाहता था।
साफ़ तौर पर, सभी खिलाड़ी भयावह महत्वाकांक्षा से डरे हुए नहीं थे। नील नदी संघ के खिलाड़ी तो बिलकुल भी डरे नहीं थे।
खूनी बंदूकबाज वाले हादसे की याद अभी भी उनके दिमाग में थी। वो मुद्दा इसलिए इतना उलझ गया था क्योंकि तीनों संघों ने झिझक दिखाई थी। वो सभी आगे जाकर लड़ने और पीछे से हमला हो जाने के डर में थे। इस बार, नीलधारा बेहद चौंका देने वाला था। बिना सोचे, वो आगे बढ़ा और तेजी से भागा। दर्जन भर से ज्यादा नील नदी संघ के जानकार उसके पीछे भागे और वो सब भयावह महत्वाकांक्षा के लगभग बराबरी पर थे।
"बिखर जाओ" ये क्सिऊ ने आदेश दिया। शीत रात और अन्य ने उसके आदेशों का पालन किया और हर दिशा में बिखर गए। गोब्लिन व्यापारी एक बार फिर बीच हवा में लटक गया था, गिरते हुए फूलों के पंजे से। वो आग उगलने वाला और जादूगर, बायें और दायें तरफ खड़े थे। उनके लगभग पात्र पेड़ों के पीछे थे। उनकी कुशलता जब तक ठंडी पड़ रही थी, उन्होंने अपने सर निकाले और गोब्लिन व्यापारी पर हमला किया। शीत रात ने एक नजदीक से लड़ने वाले समूह का नेतृत्व किया पर उसे घेरने के लिए नहीं गया। वो सिर्फ उसकी हरकत पर नजर रखे हुए थे। समय दर समय जब भी गोब्लिन व्यापारी पेड़ के पास से गुजरता, एक खिलाड़ी निकल कर उसे थप्पड़ या मुक्का जड़ देता।
नीलधारा स्तब्ध था, उसने कभी भी किसी को सरगना से ऐसे लड़ते नहीं देखा था।