झगडू लड़ाका दल का था और वो सड़क छाप लड़ाके थे जो हाथापाई करके जीतते थे।
उदाहरण के लिए, रेत उछालना, छिपे रूप में सामने वाले के कपड़े को गंदा कर देता था।
इसी समय, ये क्सिऊ की आवाज पर, झगडू ने तुरंत रेत खूनी बन्दूकबाज पर फेंकी।
ये क्सिऊ को पसीना बहने लगा। उसने नहीं सोचा था कि ये खिलाड़ी पूरी तरह से अनाड़ी होगा। उसने तुरंत उसे समझाया, "जब उसकी ताकत कम पड़ने लगे तब रेत उछालो और रेत चेहरे पर उछालो"
यही रेत उछालने का सही तरीका था।
रेत उछालने का एक छिपा हुआ प्रभाव था जो रेत के विपक्षी की आँखों में उछालने पर होता था। इससे विपक्षी अँधा भी हो सकता था। पर क्योंकि ये एक छिपा हुआ प्रभाव था, अंधे होने की संभावना और अंधे रहने का समय, सिस्टम द्वारा सीधे दिखाया जाता था। हालांकि खिलाड़ियों की जाँच के दौरान, रेत उछालने पर अंधे होने की संभावना 50% थी और 4 सेकंड तक अंधापन रहता था। पर जब इस कुशलता को मिला दिया जाये तो 100% संभावना हो जाती थी और ये 8 सेकंड तक रहता था।
ये प्रभाव सही में डराने वाला था। ग्लोरी के शुरू के दिनों में, झगडू के जैसे लोगों ने ही रेत उछालकर दुनिया पर राज किया था। जब भी उन्हें कोई बुरी चीज दिखाई दे, तो वो तुरंत उसके चेहरे पर रेत फेंक देते थे। अंधे होने के कारण खिलाड़ी की स्क्रीन काली हो जाती थी, उसे कुछ नहीं दिखता था। झगडू इस समय का फायदा उठाकर, छिपकर और झुककर हमला करते थे।
पर आजकल, खिलाड़ी रेत उछालने से बचने के कई तरीके जानते थे। सबसे आसान तरीका जब रेत उछाली जाये तो खिलाड़ी अपने देखने का नजरिया बदल दे। उपर, नीचे, दायें, बायें कहीं भी देख कर काम चल जाता था।
हालांकि रेत उछालना नुकसान पहुँचाता था, फिर भी वो बेहतर था, अपने छिपे हुए प्रभाव से।
पर रेत उछालने से बचने का सबसे अच्छा साधन था: चश्मे।
यह खिलौना भी चुड़ैल के लॉकेट की तरह ही था जो ये क्सिऊ पहनता था। उसका कोई गुण नहीं था उर सिर्फ दिखावे में काम आता था। हालांकि ये चश्मे, रेत उछालने के प्रभाव को कम करते थे, जिससे वो कुछ न होकर काले बादलों की तरह ही दिखते थे।
झगडू जैसे लोगों में सबसे बुरी चीज इसी चश्मे को माना जाता था।
किस्मत से, न खेलने वाले खिलाड़ी बेशर्मी से चश्मे नहीं लगाते थे जैसे की वो बहुत सभ्य लोग थे।
न खेलने वाले खिलाडी अगर अंधे थे तो उन्हें दिशा का ज्ञान नहीं रहता था, जिससे वो अपने लक्ष्य को भी नहीं ढूंढ पाते। उनके लिए उन खिलाड़ियों को पलटकर मारना जो उनका मजाक बना रहे थे, कठिन था। ये क्सिऊ का मकसद, साफ़ तौर पर ये था कि झगडू अँधा कर दे। पर कौन जानता था कि वो खिलाड़ी यूँ अनाड़ी निकल जायेगा। उसने रेत को खूनी बन्दूकबाज के शरीर पर फेंका। ये क्सिऊ को कोई अंदाजा नहीं था, ये आदमी कैसे 23 वे दर्जे पर पहुँच गया था, उससे भी 2 दर्जे ऊपर।
"ईंट तोड़ो" ये क्सिऊ ने धैर्य से झगडू को समझाया।
ईंट तोड़ना, एक कुशलता का नाम था। ये क्सिऊ को डर था कि कही ये अनाड़ी इसका चर्चित नाम न भूल गया हो, इसलिए उसने उसकी अधिकारिक कुशलता के नाम का प्रयोग किया। खिलाड़ियों के बीच ये सिर्फ ईंट तोड़ो के नाम से जाना जाता था।
सही। ऊपर और नीचे, करीब और दूर तक लोग इस ईंट नाम से ही जानते थे जैसे इसका इस्तेमाल गलियों की लड़ाई में होता था।
ग्लोरी में, झगडू की ईंटों को इस्तेमाल फेंक कर मुंह तोड़ने में होता था, जो बेहद डरावना था। इसके अलावा, इस कुशलता का एक खास प्रभाव था। इसके पास 50% संभावना थी, जिससे विपक्षी 3 सेकंड के लिए बेहोश हो जाये। हालांकि, ऐसा करने के लिए, ईंट को सर पर मारना होता था। ईंट का भी छिपा प्रभाव था। जब ईंट से पलटवार होता था और सर पर लगती थी, तो बेहोश होने की संभावना 100% हो जाती थी और ये 4 सेकंड तक रहता था।
ये क्सिऊ के पास झगडू को समझाने का समय नहीं था। किस्मत से ईंट के ख़ास बेहोश होने का प्रभाव कोई छिपा प्रभाव नहीं था, इसलिए कुशलता की जानकारी में ये दिया गया था। साफ़ तौर पर झगडू ने इस बात पर ध्यान दिया और उसकी ईंट खूनी बंदूकबाज के सर की ओर चल पड़ी।
दुर्भाग्य से हाथ से ईंट उसके सर पर मारने के बदले उसने फेंक दिया।
उड़ती हुई ईंट की बेहोशी का असर, आधा हो गया था; बेहोश होने के समय में आधे की कटौती हो गई।
इससे भी ज्यादा ईंट खुला उड़ती थी।
"बेवकूफ, ईंट उठा और सर पर दे मार" दूसरे आदमी ने ये क्सिऊ के बदले बोला और निर्देश दिया। ईंट का छिपा हुआ प्रभाव कोई राज नहीं था।
नौसिखिया झगडू ने तुरंत जवाब दिया, "ठीक है ठीक है"
"भड़कती ज्वाला, हमला" ये क्सिऊ ने जादूगर से कहा।
भड़कती ज्वाला उठ बैठा। ये क्सिऊ ने संतुष्ट होकर सर हिलाया। वो कम से कम झगडू की तरह अनाड़ी नहीं था।
सरगना खूनी बंदूकबाज का सामना करते हुए, निचले दर्जे का भड़कती ज्वाला का वार बहुत हल्का था। पर ये क्सिऊ ने पहले ही संभाल लिया था और विकट देव आगे बढ़ा।
"गिरते पहाड़"
"भूतकटार आत्मा की तलवार चलाओ"
"रेत उछालो"
"भड़कती ज्वाला"
"भूत मारो"
ये क्सिऊ ने थोड़े में और तेजी से उन्हें निर्देश दिए। वो पांच खिलाड़ी, जिन्हें शुरू में ही मरा मान लिया गया था: क्या वो सही में इतनी आसानी से खूनी बन्दूकबाज का सामना कर रहे थे?
असल में, उन्होंने हर सम्भव कोशिश की पर वो खूनी बन्दूकबाज को मार नहीं पाए। अब वो बस एक रेत के गट्ठर जैसे था। तलवार के वार, ईंट के वार, जादुई वार, सब हो गये थे।
उनमे से अनुभवी खिलाड़ी ने देखा, ये सब विकट देव के कारण हुआ था। ये आदमी वही कुशलता इस्तेमाल करता था, जिससे दुश्मन काबू में रह सके। इससे भी ज्यादा, उसके आदेश कि कब कुशलता इस्तेमाल करनी थी, इससे भी दुश्मन बंध सा गया था। नतीजतन, उसे घेरकर, सब ख़ूबसूरती से और ख़ुशी से खूनी बन्दूकबाज को नुकसान पहुँचा रहे थे।
खूनी बन्दूकबाज पलटवार करने में कमजोर नहीं था, पर उसका लक्ष्य हमेशा विकट देव था। ये क्सिऊ ने उसके हमला करने का तरीका पहले ही देख लिया था, इसलिए वो हमेशा से वार से झुककर बच जा रहा था। इसके साथ ही, नुकसान बाकी पार्टी के सदस्यों तक कभी पहुँचा ही नहीं।
पल भर में, एक अफरा-तफरी वाली पार्टी, जिसे शुरू में सबने मरा हुआ मान लिया था एक आपसी संवाद से भरी हुई पार्टी में बदल गयी थी। पांचो खिलाड़ी अपनी कुशलता सलीके से इस्तेमाल कर रहे थे, पर ये क्सिऊ ने एक क्षण भी आराम नहीं किया। वो समझता था कि उसके खेल में एक छोटी सी गलती या गलत फैसला, पूरे हालात बदल देगा।
तीनों महान संघ जो खड़े होकर सिर्फ देख रहे थे, वो पूरी तरह से अचम्भित थे। उनमे से हर एक ने दर्जनों खिलाड़ियों को तैयार किया था कि अगर जरूरत पड़े तो वो पीछे से सहायता दे। पर इस समय, 6 खिलाड़ियों की पार्टी सरगना का शिकार करने वाली थी और वो फिर भी आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहे थे। उन में से हर एक अपनी जगह पर खड़ा बीमार सा महसूस कर रहा था और दायें, बाएं देख रहा था। जितना ज्यादा वो देख रहे थे, उतना ही बेवकूफ वो लग रहे थे।
"देखो! इसे कहते है आगे बढ़कर खेलना। यही मैं देखना चाहता था" भयावह महत्वाकांक्षा के अनंत रात ने चिल्लाया।
"तुम इतना खुश क्यों हो रहे हो?" उसके नेता शीत रात ने कहा।
"तो विकट देव असल में भयानक है..." औषधि उद्यान हमेशा विकट देव को अपने ख्यालों में रखता था, पर कभी उसकी ताकत नहीं देखी थी। अब जब उन्होंने देख ली थी, तो उनका नेता पेड़ का अंकुर चौंका हुआ था।
"अगर ऐसा चलता रहा तो खूनी बंदूकबाज सही में इस आदमी के हाथों मारा जायेगा" नील नदी संघ के फूलों की लालटेन ने नीलधारा से कहा।
नतीजतन, तीनों संघ के नेता फिर से अजीब ढंग से ऐंठने लगे। वो एक दिशा में घूमते, फिर दूसरी दिशा में, बाकि दोनों की प्रतिक्रिया देखने के लिए।
"बाकी सभी खिलाड़ियों को मार दो। विकट देव को हाथ भी नहीं लगाना। अगर वो विकट देव पर हमला करे, तो मदद करना" नीलधारा ने आदेश दिया।
"मदद किसकी?" किसी ने फिर भी पूछा।
"मूर्ख! ये मत कहना कि तुमने सोचा कि हम उन दो कंजरो की मदद करेंगे" नीलधारा ने कहा।
सभी समझ गये।
"वो पार्टी में खाली जगह, तुरंत विकट देव को दे दो" नीलधारा ने कहा।
सभी लोग गम्भीर हो गये। वास्तव में पार्टी में अभी कोई खाली स्थान नहीं था, पर एक होने वाला था क्योंकि किसी को तो मरना था। वो जो मरता वो, वापस शहर में जन्म लेता और पार्टी अपने आप छूट जाती।
तीन महान संघ सभी इस समय लगभग हलचल करने लगे।