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Raghu's fear

हरिद्वार, उत्तराखण्ड के हरिद्वार जिले का एक पवित्र नगर तथा हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थ है। माना जाता है यहां आकर मन को शांति मिलती है । 

सुबह का समय ____*

गंगा घाट पर सुबह की आरती की गुंज थी हर तरफ हर हर गंगे , हर हर गंगे सुनाई दे रहा था , घंटियों की आवाज ने पूरे हरिद्वार को मंत्रमुग्ध कर दिया है वह मन को सुकून देने‌ वाला अहसास था ।

वही दूसरी और एक लड़का महादेव के मंदिर में पूजा कर रहा था । उसने सफ़ेद कलर की धोती और‌ कंधे पर गमछा रखा हुआ था , पीछे से देखने भी वह बहुत रौबीला लग रहा था ,‌ वह शिवलिंग को जल अर्पित करते हुए साथ में ओम नमः शिवाय बोल रहा था ...? 

तभी पीछे से एक लड़का भागते हुए मंदिर के अंदर आता है जिसका नाम कुशल था और। सामने खड़े शख्स को कुछ कहने ही लगता है कि वह शख्स अपनी तेज़ निगाहों से उसे घूरने लगता है ।जिस से वह लड़का चुपचाप वहां खड़ा रहता जब तक पूजा ख़त्म नहीं हो गई ...?

वह शख्स अपने arrogant तरीके से गमछा खोल अपने बदन पर ओढ़ लेता है और सामने खड़े शख्स की तरफ देखते हुए सख्त आवाज में कहा " क्या बात है"

वह लड़का काफी घबराया हुआ था उसने हकलाते हुए कहा " रघु दादा वो मुन्ना  मोती बाज़ार में  एक लड़की की इज्जत लूटने की कोशिश कर रहा है । वहां सभी लोग तमाशा देख रहे हैं लेकिन कोई उसकी मदद नहीं कर रहा , जब हम गए तो उसने हमारे एक आदमी को मार दिया ...! 

यह सुन गुस्से से रघु की नसें उभर आई थी वह बह अपनी गुस्से भरी आवाज में कहा " आज तू नहीं बचेगा मुन्ना इतना बोलते हुए वह मंदिर से बाहर आ जाता है और मोती बाजार के लिए निकल जाता है ।

दूसरी और मोती बाजार में _____*

एक लड़की गिड़गिड़ाते हुए " प्लीस हमें छोड़ दो , इतना बोलते हुए वह अपने पल्लू को समेटें जा रही थी । लेकिन सामने खड़ा शख्स मुन्ना पान खाते हुए " जान-ए-मन तुम्हें और छोड़ दूं , ऐसे कैसे , बोला था चुपचाप मेरे साथ चल लेकिन नौटंकी तूने ही  शुरू की थी तो अब भुगतो...?

मोती बाजार के बीचो‌ बीच भीड़ लगी हुई थी, कुछ लोग बातें कर रहे थे कुछ लोग मदद करने की सोच रहे थे लेकिन मुन्ना के डर के कारण कोई आगे नहीं आ रहा था । वह लड़की रो‌ रही थी सबके सामने अपनी इज्जत की भीख मांग रही थी लेकिन सब पीछे हटते जा रहे थे जैसे किसे ने कुछ देखा ही ना हो ...?

मुन्ना उस लड़की के साड़ी खींच लेता है जिससे वह लड़की घबराते हुए अपने सीने पर हाथ रख देती है वही मुन्ना उसका गौरा बदन देख अपने होंठ को काट लेता है , मुन्ना उस लड़की का हाथ पकड़ अपनी तरफ खींच लेता है ‌ । लेकिन तभी पीछे से एक जोरदार आवाज आती है जिसे सुनकर चारों तरफ सरनाटा छा जाता है सभी पीछे मुड़कर देखने लगते हैं सामने खड़े शख्स को देख साइड हो जाते हैं ।

सामने रघु खड़ा था जिसके रौबीला और गुस्से भरा चेहरा देख सभी सिर झुका लेते हैं , वही मुन्ना ने पान थूकते हुए कहा " अरे आ गया आप सब का रघु , सा**ले तू तो मेरे जूते के बराबर भी नहीं है और चला है मुन्ना से दुश्मनी लेने , तभी वह अपने आदमियों को इशारा करते हुए कहा" मार डालो इस हर**ज**दे को ...?

यह सुन सभी अपने अपने हथियार लिए  रघु की तरफ़ बढ़ जाते हैं वही रघु गमछे में से हाथ बाहर निकालता है तो उसके हाथ में एक कुल्हाड़ी थी , वह उसे लेते हुए आगे बढ़कर सभी को मारते जा रहा था , किसी का सिर , किसी का पेट और किसी का हाथ धड़ से अलग कर दिया था । मुन्ना भी यह देख घबरा गया था । 

रघु गुस्से में एक जोरदार लात मुन्ना को मारता है जिस से वह नीचे गिर जाता है  ।  रघु अपना गमछा उतार उस लड़की को ओढ़ लेता है ।  अब मुन्ना के बदन पर कुछ नहीं था उसने सिर्फ सफेद धोती पहनी हुई थी , उसके मस्कुलर बॉडी बहुत ही attractive  रख रही थी ।

रघु मुन्ना के उठाकर तीन चार थप्पड़ जड़ देता है जिससे मुन्ना के मुंह से खून निकलने लगता है ,‌ और दो दांत भी टूट जाते हैं , रघु ने गुस्से में दांत पीसते हुए कहा " अपनी औकात में रहना चाहिए था तुझे मुन्ना,  मेरे इलाक़े में आकर यह हरक़त करने की जुर्रत कैसे हुई तेरी । इतना बोलते हुए रघु उसके पेट पर मुक्का मारता है  जिससे मुन्ना के मुंह से और खून निकलने लगता है ।

अब रघु मुन्ना को बहुत ही बुरे तरीके से मारना शुरू कर देता है। मुन्ना की हालत अधमरी हो चुकी जैसे ही रघु अपने पीछे खड़ी कुल्हाड़ी उठाने जाता तुरंत वहां पुलिस की जीप आ जाती है जिसे देखकर वो रुक जाता है।

तभी जीप में से पुलिस इंस्पेक्टर और 4 कांस्टबेल बाहर निकलते है इतनी लाशे देखकर मानो उनके भी रोम्बते खड़े हो गए। उन्हें पता था ये सब किसने किया लेकिन डर की वजह से उन्होंने चिल्ला के कहा "किसने किया है ये सब??"?

वो एक एक करके करके सबसे पूछने लगता है "किसने किया है ये सब बताओ क्या किसी ने भी कुछ नहीं देखा"...? वहां खड़े सब लोगों को पता था की ये सब रघु ने किया है लेकिन कोई कुछ नही बोल रहा था। कुछ लोग रघु के डर की वजह से चुप थे और कुछ जनबूचकर।

तभी वो लड़की रोते हुए इंस्पेक्टर के पास आई और रोते हुए बोली "सर इसने भरे बाजार में मेरी इज्जत लूटने की कोशिश की है सर इसे अरेस्ट कर लीजिए" उस लड़की ने मुन्ना की तरफ इशारा करते हुए कहा। इंस्पेक्टर ने अपने कांस्टेबल से बोला "मनोज और विनोद अरेस्ट करो इस कमीने को"।

इंस्पेक्टर ने उस लड़की को भी जीप में बैठने को कहा "आप हमारे साथ पुलिस स्टेशन चलिए आपका बयान लेना है" ये सुनकर वो लड़की भी जीप में जाके बैठ जाती है और इंस्पेक्टर धीमे कदमों के साथ रघु की तरफ जाता है (पुलिस को भी रघु के खोफ के बारे में पता था इसलिए कोई भी पुलिसवाला या मिनिस्टर कभी उसके खिलाफ नही होते थे।

क्योंकि बुरे लोगों के लिए वो जितना बुरा था अच्छे लोगों के लिए उतना ही अच्छा था)। वो रघु के पास आता है और बोलता है तुम्हे भी हमारे साथ चलना होगा रघु की पीठ पुलिस वाले की तरफ थी। उसी वक्त कुशल अपना फोन हाथ में लिए आता है और पुलिस वाले से बात करने के लिए कहता है।

पुलिस वाला जैसे ही फोन कान पर लगाता है उधर से एक रोबीली आवाज आती है "वो मेरा आदमी है उसे कुछ भी हुआ ना तो तुम अपनी वर्दी के बारे में सोच लेना। उसने जुर्म ही क्या किया अगर ऐसा तुम्हारी बेटी के साथ हो रहा होता तो तुम खड़े होकर देखते क्या...?? उसे कुछ नही होना चाहिए" ये कहकर वो आदमी फोन कट कर देता है।

आखिर कोन था रघु?? और कोई उसके खिलाफ क्यों का रहा था ??? आखिर कोन था वो फोन वाला आदमी ??? कोन था मुन्ना??? जानने के लिए पढ़ते रहिए "जंग रियासत की"