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अब तक

मेंशन में डॉक्टरों की लाइन लगी हुई थी , , सभी डॉक्टर घबराए से अश्विन को देख रहे थे जो जान लेवा नजरो से उसे ही घूर रहा था।

अश्विन सभी डॉक्टरों पर चिल्लाते हुए कहता हैं _" अभी तक मेरे बेटे का फिर कम क्यों नही हुआ , , होश क्यों नहीं आया उसे , , जवाब दो , , "

डॉक्टर अश्विन की आवाज सुन अंदर तक कांप गए , , वो डॉक्टर कोई आम डॉक्टर नही थे मुंबई के सबसे बड़े डॉक्टर्स थे ,  , पर इस वक्त वो अश्विन से बेहद डरे हुए थे।

उन्ही में से एक डॉक्टर हिम्मत करते हुए कहता हैं _" मिस्टर ओब्रॉय , , आपका बेटा अभी अच्छे से रिकवर नही हुआ , , और उसे किसी चीज से शोक लगा हैं ,,  वो बार बार मम्मा मम्मा ,  , के रहा हैं , , , अगर उसे ठीक करना हैं तो उसकी मम्मा को लाना पड़ेगा , , उस पर दवाई का कोई असर नही हो रहा हैं।

अश्विन डॉक्टर की बात सुन खुद से कहता हैं _" सिंध्या , , , , ,  "

अब आगे

सिंध्या का फ्लैट

सिंध्या अपने हॉल में लगे सोफा कम बेड पर लेटी हुई थी , ,उसने अपने टमी पर एक हॉट वाटर बैग रखा हुआ था । वो इस वक्त टीवी में हनुमान मूवी देख रही थी।

सिंध्या मूवी में पूरी घुसी हुई थी की उसके फ्लैट की कोई डोरबेल बजाता हैं।

सिंध्या डोरबेल सुन आलस और गुस्से में कहती हैं _" क्या , ,यार , ,किसी को रात में भी चेन नही हैं , ,एक तो यह पीरियड्स के पहले आने वाले क्रैंप्स ने जान निकल रखी हैं और अब यह डोरबेल वाला इंसान ,, ,मन तो कर रहा हैं अभी जान ले लू उसकी , ," यह सब बड़बड़ाते हुए वो डोर ओपन करती हैं।

सामने ब्लैक बॉडीगार्ड के यूनिफॉर्म हैं 10 बॉडीगार्ड सिंध्या के सामने खड़े हुए थे । सिंध्या कन्फ्यूज हो उनसे कहती हैं _" आप कोन और इतनी रात को यहां केसे ?"

पहला जो बॉडीगार्ड था वो सिंध्या को ग्रीट करते हुए कहता हैं _" हम मिस्टर ओब्रॉय ने आपको लाने का ऑर्डर दिया हैं "

मिस्टर ओबेरॉय वाली बात सुन सिंध्या को दोबारा सब याद आ जात हैं , ,आज सुबह उसके साथ क्या  हुआ था , , यह सब सोच सिंध्या गुस्से में कहती हैं _" क्यों , , अब क्या सुनाना बाकी रह गया था जो वो दोबारा से मेरी बेजजती करवाने के किए बुला रह हैं , ,  , उनसे कह दीजिए , सिंध्या वहा नही आ रही हैं जो करना हैं कर ले ।" यह बोल वो फटाक से गेट बंद कर अंदर चली जाति हैं।

बॉडीगार्ड सदमे में वहा खड़े ही रह गए , ,तभी उस बॉडीगार्ड का फोन बजता हैं जिसे सुन वो होश में आता हैं , ,और जल्दी से फोन उठाता हैं यह अश्विन का फोन था _" येस बॉस , , ,"

अश्विन दूसरी तरफ से बोलता हैं _" कहा तक पहुंचे उसे ले कर , , मेरा बेटा बुखार से तप रहा हैं कर तुम लोग उतना धीरे काम कर रहे हो।"

वो बॉडीगार्ड डरते हुए कहता हैं _" वो , ,बॉस , , सिंध्या मैडम ने आने से में कर दिया , ,वो आज सुबह की वजह से काफी गुस्से में हैं अब तो उन्हों गेट भी बंद कर दिया हैं , , वो बाहर ही नही आ रही हैं , अब आपको ही आना पड़ेगा ।"

बॉडीगार्ड की बात सुन अश्विन अपने आईब्रो को सहलाते हुए कहता हैं _" I'm coming " यह बोल वो फोन कट कर देता हैं और बाहर की तरफ जान लगता हैं।

अश्विन को बाहर जाता देख दादी कहती हैं _" कहा जा रहा हैं बेटा , , ईधु की तबियत खराब हैं तू ऐसे उसे अकेला छोड़ नही जा सकता हैं "

अश्विन दादी को समझाते हुए कहता हैं _" दादी ,, , रिलैक्स में उसे ठीक करने के लिए ही बाहर जा रहा हु।"

दादी न समझी में कहती हैं _" क्या मतलब , ,में कुछ समझी नहीं "

अश्विन अपनी नजर इधर उधर कर के कहता हैं _" में सिंध्या को लेने जा रहा हु , , ईधांश उसी की रात लगाए हुए हैं ,, और मेडिसिन का कुछ असर नही हो रहा हैं, , अब यही रास्ता हैं ।"

अश्विन की इस बात पर दादी कुछ नही बोली उन्हे यकीन था सिंध्या ईधांश को अच्छे से संभाल सकती थी वो पहले ही यह बोलना चाह रही थी पर बोल नही पाई ।

अश्विका जो सोफा पर दादी के पास बैठी उनकी बात सुन रही थी अश्विन के यह कहने पर की वो सिंध्या के घर उसे लेने जा रहा हैं सुन उसकी आंखे सितारों जेसे चमकने लगती हैं।वो सोफा से खड़े होते हुए अश्विन से कहती हैं _" आशी भी मम्मा को लेने जाएगी , , ।"

अश्विन को भी सही लगता हैं उसकी बात को वो टाल भी दे पर अश्विका और ईधांश की बात वो कभी टाल नहीं सकती हैं , , अश्विन आगे बढ़ अश्विका को गोद में ले बाहर की तरफ बढ़ जाता हैं।

सिंध्या का फ्लैट

लिफ्ट खुलती हैं और उसके अंदर से अश्विका को गोद में लिए अश्विन बाहर निकलता हैं ।

अश्विन सिंध्या के फ्लैट के सामने खड़े हो आवाज देता हैं _" सिंध्या , , ओपन द डोर , , , सिंध्या , ," कहने पर भी सिंध्या डोर नही खोलती हैं।

इस बार अश्विका आवाज लगाती हैं _" मम्मा , , डोल खोलो , , , आशी बहाल ही खली हैं , , मम्मा  , , ,, बहाल आओ ना , , , "

अश्विका की आवाज सुन सिंध्या जल्दी से डोर खोलती हैं तो सामने ही अश्विका चमकती आंखों के साथ स्माइल करे अश्विन की गोद में बैठी उसे ही देख रही थी।

सिंध्या अश्विन को पूरी तरह इग्नोर कर अश्विका से कहती हैं _" बेबी , , आप सोए नही अभी तक , , ,और यहां क्यों आए इतने रात में , ,आप ठीक तो हो न , , "

सिंध्या की फिकर वाली आवाज सुन अश्विका को अब रोना आ जाता हैं , ,वो रोते हुए कहती हैं _" मम्मा , , भाई बिमाल हैं  , ,, ,वो ठीक नही हो लहे हैं , , चलो ना , , मम्मा भाई आपको सोते हुए बुला लहे हैं ।"

ईधांश की तबियत खराब हैं सुन सिंध्या का दिल में दर्द होता हैं , , वो जल्दी से घर के अंदर जाति हैं और अश्विन के मुंह पर गेट लगा देती हैं जिसकी उम्मीद अश्विन को तो बिल्कुल भी नही थी।

थोड़ी देर में डोर वापस खुलता हैं सिंध्या अपने फ्लैट को लॉक कर जल्दी से लिफ्ट की कर जाते हुए कहती हैं , ,_" अब चलो भी , , ,क्या देख रहे हो वहा , , आइए , , ईध बीमार हैं ,, पहले कहना था न , , पहले बकवास ही करनी होती हैं आप सबको , , , ,"

सब लोग सिंध्या की डाट सुन ओब्रोय मेंशन कि और निकल जाते हैं।

To be continue

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