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हर्ष के चेहरे पर मुस्कुराहट।

(चौथा दृश्य)

अनुष्का- तो मिस्टर हर्ष। जैसा कि आज हम पूरी हवेली का दौरा करके देख चुकें हैं।और दौरा करने के बाद मैंने हवेली को रंगने के लिए रंगों की प्रणाली भी तैयार कर ली थी। और शाम को शहर जाकर पेंट भी ले आई हूं। तो क्या हम कल से काम शुरू कर सकते हैं?

हर्ष- हम्म.... लेकिन आपने सामान लाने की तकलीफ क्यों कि? हमें कह देते.. हम ले आते।

अनुष्का- it's ok..... मुझे वैसे भी कहीं बाहर घूमने का मन कर रहा था।

हर्ष- लेकिन आपको अपनी सुरक्षा का ख्याल रखना चाहिए। आपने देखा है की हवेली कितनी घने जंगल में है। आपको कुछ हो जाता तो मैं क्या करता..... I mean यहां के काम में मेरी help कौन करता?

अनुष्का-मैं ईशानी को अपने साथ लेकर गई थी। वैसे भी मैं किसी से नहीं डरती।(कुछ सोचकर...) वैसे जानकर अच्छा लगा कि आपको मेरी फिक्र है।

इतना कहने के बाद अनुष्का बिना कुछ सुने जल्दी से अपने कमरे में चली जाती है। हर्ष आश्चर्यचकित होकर दो मिनट तक उसे देखता रहा। और फिर उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान आ गई। तभी इशानी ने हर्ष के चेहरे के सामने चुटकी बजाकर उससे कहा.....

ईशानी-एक बात तुमने सही कही हमें अपनी safety का ख्याल रखना चाहिए। आज जब हम शहर से सामान लेकर वापस आ रहे थे। तब हमें एक पागल औरत मिली थी...।

हर्ष-पागल औरत.....?

ईशानी-हां..... पता नहीं क्या बकवास कर रही थी। हवेली मत जाओ....! मार देगी..,खा जाएगी...। Whatever.....

हर्ष- I see.... मुझे भी मिली थी। यही सब nonsense मेरे सामने भी कर रही थी। That's not big deal. Let's forget it.

ईशानी-मेरा dinner complete हो गया है।

हर्ष- हां.... मेरा भी खाना हो गया है। तो अब

हमें अपने-अपने कमरे में जाना चाहिए।

ईशानी- जी.... जी हां.....

और इन सब बातों के बाद ईशानी और हर्ष अपने-अपने कमरे में चले जाते हैं।

to be continued......

प्यार के ऐसे ही छोटे-छोटे step enjoy करने के लिए मेरी कहानी पढ़ते रहिए।और हां.... comment and review देना मत भूलना।

thanks......

Gourav_Shekhawatcreators' thoughts