webnovel

Poem No 75 तुम कहो और हम न मानें

तुम कहो और हम न मानें

ऐसा कभी हुआ नहीं

फिर भी हमसे दूर गयी

यह हम भूल सके नहीं

मोहब्बत जो की है तुमसे

हर ख्वाहिशें जो पूरी की

फिर भी हमसे दूर हुआ

यह हम सह सके नहीं

----Raj