अपनी ज़िन्दगी के ऐसे मोड़ पर था कि यहां से निकलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन लग रहा है मुझे ,
घर वाले सब तंग आ बैठे हैं मुझसे ,
मैं ,
खुद से परेशान , हालातों से हैरान ,
उनकी अनकही आशाओं की चाहतों से ,
अपनी ज़िन्दगी के सबसे खास इंसान को खुद ही कि वजह से खो के ,
सब लूटा बैठ अब ना फिर पाने को ऐसे खौफ से ,
चाह कर भी अब कुछ ना सूझता ,
दुनिया छोड़ जाने के सिवा कुछ ना बुझता ,
खुश रहना अब
जाओ
मेंने अब सब छोड़ दिया ।
यहां सब मेरा इस्तेमाल कर रहे थे और में उनके लिए खुद को तबाह , जान के भी अनजान था मैं ,
कि यहां तो दो पल की कहानी है सब ।
यहां कुछ नहीं बदल सकते जब तक कोई खुद ना चाहे ,
तो क्यूं चाहेगा ये तो उसे हि पता है , तो फिर उनके लिए क्यूं हम पल के खुद को जींद रखवाएं ?
अलविदा ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।