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पहले गुफा का दूसरा दरवाजा —

सोहन को समझ नही आ रहा था रुके और चले कौन नही थकता है । अचानक उसे एक बैल गाड़ी दिख जाती है वो समझ जाता है बैल गाड़ी कभी नही थकती चाहे वो रुकी हो या चल रही हो थकते तो बैल है बैल गाड़ी नहीं शायद उसी के नीचे हमको सर्पगंधा और कटोला की सब्जी मिल जाए । सोहन बैल गाड़ी की तरफ भागता है । बैल गाड़ी के नीचे उसे ये दोनो पौधे मिल जाते है । वो लेकर वो गुफा में भागता है और जिसे ही सर्पगंधा को गंध सांप तक जाती है सांप भाग जाता है । कटोला की सब्जी जीतू को खिलाता है वो भी ठीक हो जाता है ।

पहला दरवाजा भी खुल जाता है और उसके सामने उनकी तलवार की म्यान दिखती है जिसे लेकर वो दूसरे दरवाजे तक जाते है दूसरा दरवाजा सामने था लेकिन इस बार बहुत बड़ी मुसीबत आ गई थी , दरवाजे के सामने 2 भूखे शेर खड़े थे ।

अब उनसे बच पाना बहुत मुश्किल था । सोहन और जीतू डर गए लेकिन अभी हिम्मत नही हारी थी ।

तभी हिम्मत करके सोहन आगे बढ़ता है लेकिन शेरो ने मिलकर सोहन को मार कर खा जाते है । जीतू चिल्लाता है और देखता है दोनो शेर पत्थर के बन गए है और फिर एक पहेली आ जाती है — हमे चाहिए नौ दो ग्यारह , समय बचा है मिनट ग्यारह । पत्थर टूट के बनेगी मर्दा, तुम्हारा भाई होगा फिर से जिंदा ।

अब जीतू के समझ नही आ रहा था अब क्या करे ।

समय भी चलता जा रहा था उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था । वह दीवारों पर देखता है लेकिन कुछ समझ नहीं आ रहा था । वो नौ दो ग्यारह कहा से लाकर दे ।

पहेली बहुत मुश्किल होती जा रही थी । वो चारो तरफ देखता है लेकिन उसे समझ नही आ रहा था ।

फिर उसे याद आता है कई बार उसकी मां ने कहा था बेटा अगर कही खतरा हो तो वह से नौ दो ग्यारह हो जाना उसको समझ आ चुका था कि उसे गुफा भागना है और जीतू भागता है जैसे ही गुफा के बाहर जाता है सोहन भी बाहर आ जाता है और वो गुफा एक दूसरी गुफा में बदल जाती है जो की उस गुफा से भी विशाल थी । दोनो सुरक्षित होते है और सोहन तलवार और म्यान लेकर बाहर आता है ।

दूसरी गुफा में उन दोनो पर बहुत बड़ा खतरा आ जाता है आगे पढ़े —