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एक दायरा ऐसा भी ?(BL in Hindi)

(complete) english..you can read in English with translater feature क्या होगा अगर किसी इंसान ने एक लम्बे अरसे तक अपनी मोहब्बत का इंतज़ार किया और अचानक उसे पता चले कि जिसका इंतज़ार वो एक अरसे से कर रहा है वो कोई लड़की नही बल्कि निहायती खूबसूरत लड़का है! एक ऐसा खूबसूरत राजकुमार जियान जो एक महान योद्धा भी है लेकिन उसमे दया नाम की कोई चीज नही है, उसके नजर मे किसी भी चीज की अहमियत उससे अहमियत बढ़ कर नही है, अपने अध्यात्म शक्ति का प्रयोग उसके क्रोध पर निर्भर है! एक राजकुमार सोवी जिसने अपनी मोहब्बत का इंतज़ार एक लम्बे अरसे से किया है वो बहुत ही उदार है जो हर किसी से प्यार करना जानता है लोगों के सामने वो कठोर है लेकिन सत्य तो यही है की वो अत्यधिक मृदु स्वभाव का है! सोवी और जियान की ऐसी रोमांटिक लव स्टोरी जिन्होंने कुछ न कहते हुए भी एक दूसरे को प्यार किया और ये साबित कर दिया कि खामोश रह कर भी प्यार किया जा सकता है! दो जन्मो के लम्बे दौर की यह एक खामोश मोहब्बत की कहानी है! पहले जन्म में वे प्राचीन कबीले के राजकुमार थे जो आध्यात्मिक शक्ति के मालिक और योद्धा थे । सोवी का जियान एकतरफा प्यार अंत तक दो तरफा हो जाती है उस प्यार को हासिल करने के लिए एक जन्म काफी नहीं थे अंततः वो एक होते है अपने दूसरे जन्म में जब वो एक मशहूर यूनिवर्सिटी में एक साथ पढ़ते हैं, सोवी का जियान को पाने की जिद और जियान की शिद्दत इस जन्म में दोनो को एक दूसरे के करीब ले आई!.

Girleyyfic123 · LGBT+
Peringkat tidak cukup
70 Chs

हमारा सफर लम्बा है (पार्ट 6)

अगली सुबह सभी गुरु और विद्यार्थी व्याख्यान सभा में उपस्थित हुए ,जहां कुल प्रमुख और स्वान कबीले के अन्य पुरखे मौजूद थे सभी गंभीरता के साथ बैठे थे लेकिन वहां जियान नही था जियान सबसे देर में व्याख्यान सभा में शामिल हुआ!

जियान ने आते ही कहा "माफ करना कुल प्रमुख मुझे देर हो गई। यह कहते हुए जियान अपनी जगह पर खड़ा हो गया ।

सोवी ने कुल प्रमुख से कहा पिता गुरु हमे हमारी प्राचीन पुस्तक वापस कैसे मिलेगी? और कौन ले सकता है हमारी पुस्तक को ?

तभी तमाम पुरखों में से सबसे वृद्ध व्यक्ति ने शांत रहने का इशारा किया और सभी को बैठ जाने के लिए कहा! सभी विद्यार्थी और गुरुओं के बैठ जाने के बाद वह खड़े होकर बोले" हमारी प्राचीन पुस्तक को चुराने वाला कोई और नही बल्कि उत्तरी सुनाई प्रांत का लाओमेन कबीला है लाओमेन कबीले का नाम सुन कर सभी विद्यार्थी आपस में चर्चा करने लगे ,,,

अरे अरे ये तो वहीं लाओमेन कबीला है जो अपने क्रूरता के लिए जाना जाता है तो दूसरा विद्यार्थी बोला लाओमेन कबीला नर्क से कम नहीं तो एक बोला वहा इंसानों को जानवरो की तरह मारा जाता है लाओमेन बुराई का प्रतीक है जियान भी सब सुन रहा था वो पहले से लाओमेन कबीले के बारे मे अपने चाचा से सुन चुका था।

कुल प्रमुख ने कहा "शांति बनाए रखिए, सभी छात्रों से निवेदन है।

सब चुप हो गए फिर कुल प्रमुख बोले आप सभी और स्वान वासियों से हमारा वादा है की हम अपनी पुस्तक वापस लाएंगे

लाओमेन कबीला स्वान कबीले की प्राचीन पुस्तक की आध्यात्म शक्ति का प्रयोग करके स्वान कबीले के साथ साथ अन्य कबीले को भी अपना गुलाम बनाना चाहता है वो पुस्तक न केवल स्वान कबीले के लिए जरूरी है अपितु अन्य कबीले के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है ।

जियान_ने कहा_कुल प्रमुख हम वो पुस्तक जरूर वापस लेकर आयेगे भले ही हमे अपनी जान क्यो न देनी पड़े।

कुल प्रमुख_ने कहा "जियान तुम वो पुस्तक लेने नही जा सकते वो पुस्तक बस स्वान कबीले के वंशज द्वारा ही वापस लाई जा सकती है।

सोवी ने कहा_निश्चिंत रहे पिता गुरु मै वो पुस्तक लाओमेन से वापस लेकर आऊंगा। और मै अकेला जाऊंगा ।

अन्य विधार्थी बोले की वो अपनी कबीले की रक्षा के लिए जाना चाहते है।

कुल प्रमुख ने कहा लाओमेन कबीले में प्रवेश केवल आध्यात्म शक्ति वाले ही जा सकते है लाओमेन की आबोहवा नकारत्मक और अनैतिकता से भरी हुई सामान्य व्यक्ति वहा के संपर्क में आते ही उनके वश में हो जाता है वहा प्रवेश करना किसी भी साधारण इन्सान के लिए घातक हो सकता है!सभी विद्यार्थी डरे और सहमे हुए थे ।

जियान ने कहा लेकिन मै जा सकता हूं मेरे पास आध्यात्म शक्ति है और ये बात आप सभी को बखूबी पता है कि मुझ जैसा योद्धा कोई नहीं है और मै सोवी के साथ लाओमेन जाऊंगा ।

सोवी ने कहा नही जियान तुम नही जाओगे ।

जियान मुंह बनाते हुए बोला क्यों? मै तुमसे डरता हूं क्या जो तुम्हारे कहने पर नही जाऊंगा ।

पिता गुरु भी नही चाहते थे कि जियान जाए लेकिन वो ये भी जानते थे कि कि जियान सोवी का सोलमेट है उस हिसाब से जियान भी स्वान कबीले का वंशज हुआ और जियान एक योद्धा भी था लाओमेन जैस खतरनाक कबीले में जाना सोवी के लिए बहुत जानलेवा था।

पुरखों की सहमति बनी सभी ने कहा हा जियान को जाना चाहिए लेकिन ये जान भी जा सकती है तुम दोनो तैयार हो

सोवी ने कहा "स्वान कबीले का मै आने वाला कुल प्रमुख हू स्वान कबीले की रक्षा और बुराई से लड़ना मेरा कर्तव्य है जान भी चली गई तो अफसोस नहीं होगा।

जियान ने कहा मै एक योद्धा हु मेरी गलती की वजह से स्वान की प्राचीन पुस्तक चोरी हुई है मै हर कदम पर सोवी का साथ दूगा । लेकिन सोवी नही चाहता था जियान उसके साथ जाए ।

कुल प्रमुख ने गहरी सांस के साथ कहा " तुम दोनो कल सुबह ही लाओमेन के सफर के लिए निकलोगे क्योंकि अगली कुछ रातों में लाओमेन वासी वो पुस्तक जागृत करने वाले है

जियान मै तुम्हारे कबीले में तुम्हारे लिए संदेशा कहलवाया है तुम्हारे चाचा के आने के बाद मै उनसे तुम्हारे सफर के बारे मे चर्चा कर लूंगा अभी की सभा समाप्त हुई! आने वाले कुछ दिन तक, जब तक पुस्तक वापस नही मिल जाती है कोई व्याख्यान नही होगा हमे ईश्वर से सोवी और जियान के वापसी की प्रार्थना करनी है इतना कह कर कुल प्रमुख और पुरखे सभा से चले जाते है ।

अन्य विध्यार्थी भी सभा से चले जाते है सोवी ने जियान से रुकने का इशारा किया था तो जियान वही रुक जाता है।

जियान सबके जाने के बाद बोला "अब क्या फिर से सजा दोगे? वो फिर हंस दिया! वास्तव में जियान को भी सोवी को चिढ़ा कर मजा आने लगा था वो कोई भी मौका नही छोड़ता था सोवी को परेशान करने में ।

सोवी ने कहा मेरे साथ मत आओ वहा खतरा है।

जियान ने मजाक बनाते हुए कहा "ओह मै तो डर गया और फिर वो जोर से हंसा।

सोवी गुस्से में कहा नादानी मत करो जियान !

जियान चिढ़ते हुए बोला" हा ठीक है ठीक है ,तुम चिल्ला क्यो रहे हो ?मै साथ में चलूगा और अब मै जा रहा हूं रात में ध्यान करना है आखिर कल सुबह से तुम्हारे साथ लाओमेन के लिए जो निकलना है जियान यह बोल कर वहा से चला गया।

सोवी पिता गुरु के पास गया कमरे के पास आकर बोला क्या मैं अंदर आ सकता हूं पिता गुरु।

कुल प्रमुख ने कहा "आओ राजकुमार

सोवी___आते ही बोला क्या जियान का जाना जरूरी है? आपको मुझ पर भरोसा है मै अकेला भी यह कर सकता हूं।

पिता गुरु बोले तुम्हारी शक्तियों पर मुझे कोई शक नही है बेटे हम नही जानते वो बुराई की दुनिया है ,जियान का साथ होना तुम्हारे और स्वान कबीले दोनो के लिए सही होगा तुम्हे अब ध्यान करना चाहिए समय हो गया है।

सोवी पूरा दिन परेशान था वो जियान से फिर मिलना चाहता था शाम होते ही वह जियान के कमरे के पास गया जियान ध्यान मुद्रा में था सोवी वही खड़ा होकर उसका चेहरा खामोशी से देखने लगा।

जियान ने सोवी की उपस्थिति को महसूस कर लिया था ध्यान मुद्रा से बाहर आ गया और बोला घूर क्यो रहे हो?

सोवी ने झिझकते हुए कहा नही मै तो बस कुछ बात करना चाहता था।

जियान ने कहा,,मेरा मूड नही हो रहा है तुम जैसे अकडू से बात करू वो फिर जोर से हस दिया।

सोवी बोला ये कोई मजाक नहीं है जियान।

जियान ने फिर दूसरी तरफ देखते हुए कहा " हा ठीक है बोलो क्या बात करनी है ?

सोवी कहता है "मै तुम्हारे साथ नही जाना चाहता तुम मेरे साथ जाने से इनकार कर दो।

जियान तल्खी भरी आवाज से कहा" मै एक योद्धा हु और अपनी बात से पीछे हटना !योद्धा का अपमान होता है ।

सोवी ने कहा तुम समझ नहीं रहे अगर तुम साथ गए तो मै,,,,,,,, वह बोलते बोलते रुक गया,,,,,,

जियान ने पूछा तो क्या?

सोवी जल्दी में बोलता है "तुम्हारे साथ होने से मै कमजोर पड़ सकता हूं

जियान ने तुरंत पूछा "क्यो।

सोवी के पास इस क्यो का जवाब नही था वो चुप हो गया

जियान फिर बोला "क्यो बोलो ।

सोवी जियान के सर पर हाथ रखते हुए क्युकी मै तुम्हारी परवाह करता हूं बहुत ज्यादा परवाह! खुद से भी ज्यादा परवाह , सबसे ज्यादा परवाह!

जियान___ये सुन कर सुन्न हो गया ,उसे समझ नही आ रहा था सोवी उससे क्या और क्यो बोल रहा है लेकिन उसे सुन कर अच्छा लग रहा था।

जियान जोर से बोला तुम दूर रहो मुझसे।

सोवी को खयाल आया वो कुछ ज्यादा बोल गया , सोवी बोला ठीक है अगर तुम चलना ही चाहते हो तो ठीक है सोवी ने यह तय कर लिया था पुस्तक वापस लाने के पश्चात वह जियान को बता देगा की वही उसका सोलमेट है।

जियान फिर बोला अब घूर क्यो रहे हो?

सोवी झिझकते हुए बोला! "नही मै बस कुछ सोच रहा था।

जियान कहता है"कही तुम लाओमेन कबीले की लड़कियों के बारे में तो नही सोच रहे हो मैने सुना है वहा की लड़कियां बहुत खूबसूरत होती है फिर वह जोर से हंसा । तभी वहा एक विधार्थी जियान से मिलने आया । वह जियान के कबीले से ही था और जियान का दोस्त था उसने जियान को यह बोलते हुए सुन लिया सोवी गुरु को देख वह बिना कुछ बोले जाने लगा

सोवी उसे रोकते हुए कहता है "तुम रुक सकते हो और वह इतना बोल कर चला गया।

जियान ने कहा "आओ दोस्त

उसके दोस्त ने कहा वाकई मुझे यकीन नही हुआ तुम सोवी गुरु से ऐसे बात करते हो ,और वो तुम्हे कुछ बोलते भी नही है किसी और विद्यार्थी की इतनी हिम्मत भी नही होती है की वह सोवी गुरु से नजरे मिला कर भी बात करे ।

जियान ने जवाब दिया " हा मैंने कहा था न और वो मेरा गुरु नही है मै उसकी बराबरी का हु ये बात वो जानता है वो इसलिए मुझे कुछ नहीं कहता है।

विधार्थी के चले जाने के बाद जियान सोचने लगा "सोवी सच में मेरे साथ कुछ अलग बरताव करता है जैसे मै उसके लिए बहुत खास हु लेकिन क्यो वो मेरे साथ ऐसा करता है? क्या हमारा कोई रिश्ता है ?मुझे हमेशा ऐसा क्यो लगता है जैसे वो मुझसे कुछ बोलना चाहता है और ये पहली बार था जब जियान को अहसास होने लगा था कि सोवी उससे कुछ कहना चाह रहा है वो काफी देर तक यही सोचता रहा ।

उसने ख़ुद से कहा मुझे लगता है हमारा सफर लम्बा होगा ।

जियान को सोवी की याद आने लगी वो सोवी को देखने उसके रूम तक गया आधी रात हो चुकी थी जियान ने देखा सोवी सो रहा था जल्दी सोना स्वान के नियमो में था ,और सोवी नियमो का बहुत पालन करता था जियान ने आध्यात्म शक्ति से द्वार पर खड़े रक्षक का ध्यान भटका दिया और सोवी के कमरे में चुपके से चला गया ।

सोवी सो रहा था जियान चुप चाप उसके पास बैठ गया और बोला मैं यहां क्यो आया मुझे खुद नहीं पता।

सोवी की नींद बहुत कच्ची होने के कारण उसकी आंख खुल गई वो बोला जियान तुम यह क्यो आए हो वो भी इतनी रात को?

जियान ने कहा क्यों मै तुमसे डरता हूं क्या जो यहां नहीं आ सकता?

सोवी कहता है "हमे कल निकलना है तुम्हे आराम करना चाहिए।

जियान जवाब दिया_हा तो जा रहा हूं यहां रुकना भी कौन चाहता है मै पूछना चाहता था की तुम मेरे साथ ऐसा बरताव क्यो करते हो?

सोवी_ कहता है "कैसा??

जियान ने कहा जैसे मै बहुत खास हू !

सोवी ने तुरंत कहा हा तुम खास हो (सोवी यह बोल कर उसे ध्यान से देखने लगा)

जियान फिर घबरा कर बोला हा तो घूर क्यो रहे हो ?मै लड़की नजर आता हूं क्या तुम्हे ?और मुझे पता है कि मै खास हूं क्युकी मेरे जैसा योद्धा दूसरा कोई नहीं तुम भी नही हो इसलिए हुआ न मै खास । वास्तव मे जियान को कुछ समझ नहीं आ रहा था।

सोवी ने कहा तुम्हे सोना चाहिए वरना स्वान कबीले के नियमो के अनुसार तुम्हे सजा होगी ।

जियान बहुत जल्दी से वहा से चला गया।

सोवी___खुद से बात करते हुऐ बोला ये बहुत मुश्किल है जियान के लिए क्युकी उसकी नजर में प्यार का मतलब एक लड़का और लड़की के बीच का प्यार है वो कैसे मेरे प्यार को अपनाएगा शायद मै इसलिए उससे कुछ बताने से डरता हूं।

जियान मै तुम्हारे साथ हूं हमेशा ,चाहे तुम मुझे अपनाओ या नहीं लेकिन मै हमेशा उम्मीद में रहूंगा। तुम क्या सोचते हो या फिर बाकी सब इस रिश्ते के बारे में क्या सोचेंगे मुझे नही पता। मैं आज में जीना पसन्द करता हूं और मेरा आज तुम हो!