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एक दायरा ऐसा भी ?(BL in Hindi)

(complete) english..you can read in English with translater feature क्या होगा अगर किसी इंसान ने एक लम्बे अरसे तक अपनी मोहब्बत का इंतज़ार किया और अचानक उसे पता चले कि जिसका इंतज़ार वो एक अरसे से कर रहा है वो कोई लड़की नही बल्कि निहायती खूबसूरत लड़का है! एक ऐसा खूबसूरत राजकुमार जियान जो एक महान योद्धा भी है लेकिन उसमे दया नाम की कोई चीज नही है, उसके नजर मे किसी भी चीज की अहमियत उससे अहमियत बढ़ कर नही है, अपने अध्यात्म शक्ति का प्रयोग उसके क्रोध पर निर्भर है! एक राजकुमार सोवी जिसने अपनी मोहब्बत का इंतज़ार एक लम्बे अरसे से किया है वो बहुत ही उदार है जो हर किसी से प्यार करना जानता है लोगों के सामने वो कठोर है लेकिन सत्य तो यही है की वो अत्यधिक मृदु स्वभाव का है! सोवी और जियान की ऐसी रोमांटिक लव स्टोरी जिन्होंने कुछ न कहते हुए भी एक दूसरे को प्यार किया और ये साबित कर दिया कि खामोश रह कर भी प्यार किया जा सकता है! दो जन्मो के लम्बे दौर की यह एक खामोश मोहब्बत की कहानी है! पहले जन्म में वे प्राचीन कबीले के राजकुमार थे जो आध्यात्मिक शक्ति के मालिक और योद्धा थे । सोवी का जियान एकतरफा प्यार अंत तक दो तरफा हो जाती है उस प्यार को हासिल करने के लिए एक जन्म काफी नहीं थे अंततः वो एक होते है अपने दूसरे जन्म में जब वो एक मशहूर यूनिवर्सिटी में एक साथ पढ़ते हैं, सोवी का जियान को पाने की जिद और जियान की शिद्दत इस जन्म में दोनो को एक दूसरे के करीब ले आई!.

Girleyyfic123 · LGBT+
Peringkat tidak cukup
70 Chs

गुस्सा ( पार्ट 34)

शिन जुई की बात सुन कर जियान को बहुत गुस्सा आया भला वो होती कौन है जियान को ऐसे रोकने वाली? ! जब आज तक कभी सोवी ने कभी जियान को उसे देखने के लिए मना नही किया था तो शिन जुई कौन होती हैं? जियान के गुस्से स्वाभाव को सोवी अच्छे से समझता था जियान कुछ बोलता उससे पहले ही सोवी ने कहा जियान तुमको अखरोट खाना है न मेरे पास कौड़ी ( प्राचीन पैसे) हैं तुम अखरोट ले लो! सोवी की आवाज़ सुन कर जियान का गुस्सा गायब हो गया। जियान ने सोवी से कौड़ी (प्राचीन पैसे) लेकर भूने हुए अखरोट ले लिया और उसे बहुत भूख लगी थी तो वही किनारे बैठ कर खाने भी लगा। शिन जुई को भी भूख लगी थी उसे लगा था कि जियान उसे भी अखरोट देगा लेकिन शायद जियान को उसकी बात ज्यादा बुरी लग गई थी।

शिन जुई ने सोवी से कहा मास्टर मुझे भी भूख लगी है जियान तो अकेले ही खा रहा है और शिन जुई ने जैसे ही जियान के हाथ से अखरोट लेना चाहा जियान ने शिन जुई का हाथ बहुत जोर से पकड़ लिया, इतना जोर से की, शिन जुई दर्द से चिल्ला उठी । जियान का गुस्सा बहुत बढ़ चुका था वो गुस्से में शिन जुई के हाथ को पकड़ कर बोला कि अगर दोबारा मुझे टोकने के कोशिश भी मत करना वरना मेरा गुस्सा झेलने की तुम्हारे अंदर हिम्मत भी नही है! रही बात अखरोट की तो वो तुम पूरा ले लो।

इतने में लावोमेंन कबीले के सिपाही दो लोगों को पकड़ कर लेकर जा रहे वो दोनो बेहोश थे सिपाही को देखते ही भीड़ लग गई सब डर से कांप रहे थे सोवी, जियान, शिन जुई भी उसी भीड़ से चुपके से सिपाहियो को देख रहे थे । लोग आपस में बात कर रहे थे कि की लगता है आज कुल प्रमुख इन दो लोगों की हत्या करने वाले है ! बेचारे ये दोनो तो अभी बच्चे ही लगते हैं एक आदमी ने कहा !आख़िर ये ख़ून खराबा कब रूकेगा ?। कुछ ही देर में सिपाही वहा से गुजर गए और भीड़ भी अपने अपने कामों में व्यस्त हो गए । सोवी ने कहा हमें सिपाहियो का पीछा करना चाहिए ये जरूर कुल प्रमुख के महल की ओर जा रहे हैं सोवी चलने के लिए आगे बढ़ा ही था कि उसने देखा जियान शिन जुई के पास खड़ा है और शिन जुई के आंख से आसू गिर रहे थे जियान ने वाकई में शिन जुई के हाथ को बहुत जोर से पकड़ लिया था! उसका हाथ पूरा लाल हो चुका था जियान को अपनी गलती का अहसास हो गया था उसने तुरंत शिन जुई से कहा मुझे मेरे गुस्से पर नियंत्रण नहीं रहता है, खास कर तब, जब कोई मेरे और मेरे पसंदीदा चीज के बीज में आता है लेकिन मै योद्धा जियान ये वचन देता हूं तुम्हे अब दोबारा मुझसे तकलीफ नहीं होगी अब रोना बन्द करो। जियान वास्तव में शिन जुई को मनाने की कोशिश कर रहा था । उसने सोवी की तरफ देखते हुए कहा सोवी अपनी विधार्थी से बोलो रोना बन्द करे।

शिन जुई ने जियान के हाथ से अखरोट लेते हुए कहा मुझे भूख लगी है बेवकूफ! और जाओ आज अखरोट के बदले मैने तुमको माफ किया। जियान और सोवी दोनो शिन जुई की बात को सुन कर मुस्कुरा रहे थे ।

सोवी ने कहा हमें चलना चाहिए सिपाही बहुत आगे निकल गए होगे। तीनो ने चलना शुरू किया! जियान ने सोवी से कहा आख़िर वो सिपाही उन बच्चो को क्यों लेकर आए हैं।

सोवी _ ने कहा वो बच्चे स्वान कबीले के विधार्थी है।

सोवी की बात सुन कर शिन जुई और जियान दोनो अचंभित थे। फिर सोवी ने बताया कि स्वान कबीले में आए विद्यार्थी को एक गुप्त चिन्ह लगाया जाता है जिसे सिर्फ़ लावोमेंन के मूल निवासी देख सकते है इसलिए उन बच्चो को देख कर मैं पहचान गया।

शिन जुई ने जवाब देते हुए कहा मास्टर मैं उन दोनो बच्चो का चेहरा नही देख पाई लेकिन वो दोनो शायद वही है जिन्हे स्वान कबीले के कुल प्रमुख यानी पिता गुरु ने मेरे साथ भेजा था इन दोनो को अध्यात्म शक्ती का ज्ञान है ये दोनो मुझसे रास्ते में बिछड़ गए थे।

जियान ने कहा हां तुमने बताया था तो इसका मतलब ये हुआ कि ये बच्चो हम लोगों से पहले उन सिपाही के हाथ लग गए।

शिन जुई बोली "मास्टर अपने उसी समय क्यों नहीं बताया हम उन्हे बचा सकते थे?

सोवी ने कहा "उनको ऐसे बचाना मतलब उनको और खतरे में डालने जैसा था वो लोग एक पल में ही उन बच्चो को मार डालते! हमे बेहतर रणनीति के द्वारा ही उन्हे बचाना चाहिएं।

चलते चलते शिन जुई ने जियान को परेशान करने के लिए कहा जब तुमको कौड़ी (प्राचीन पैसे) की जरूरत पड़ी तब तुम आख़िर मास्टर को ऐसे क्यो देख रहे थे ? तुम्हारे पास नही थे इसका मतलब ये नहीं हुआ कि तुम मास्टर की सब कौड़ी खर्च कर दो?

जियान ने कहा मुझे नहीं पता कि मैं आखिर सोवी को ही क्यों देखता हूं! मुझे नही पता की जब मुझे किसी चीज़ की जरूरत होती हैं तो मै सोवी का नाम ही क्यो लेता हूं! शायद वो मेरा दोस्त है इसलिए।

शिन जुई ने कहा तो मुझ पर गुस्सा क्यों किया ? क्या मेरे, मास्टर के साथ होने से तुम्हे गुस्सा आता है?

जियान ने कहा सच बोलूं तो मुझे नही पता है की मुझे कैसा महसूस होता है ,जब सोवी मुझसे ज्यादा तुम्हारी परवाह करता है तो लेकिन कही कुछ है जो मुझे अच्छा महसूस होने नही देता है! मै जानना चाहता हूं कि आखिर वो कौन सी बात है जो मुझे सोवी से जोड़ कर रखती हैं जबकि मैने सोवी को अपना दोस्त भी मान लिया है लेकिन फिर भी कहीं बेचैनी सी है! तुम नही समझोगी ! जियान एक दम उदास हो गया था ! सोवी आगे आगे चल रहा था लेकिन वो स्पष्ट जियान की बातो को सुन सकता था उसे खुशी हुई ये सुन कर की जियान शायद उसके लिए अब अच्छा सोचता है लेकिन उसे इस बात का दुख था कि वो जियान को बता नही सकता था कि जियान ही उसका सोलमेट है !