जियान और सोवी उस धुएं की धुंध में एक दुसरे को तो नही देख पा रहे थे लेकिन सोवी ने जियान का हाथ ऐसे पकड़ रखा था जैसे वो उसका हाथ छोड़ना ही नहीं चाहता है।
और वास्तव में प्रेम का अर्थ मात्र एक दुसरे को पाना ही नहीं अपितु एक दुसरे का ख्याल रखना भी होता है सोवी को जियान से प्यार था वो इसलिए जियान के लिए भावनाएं रखता था लेकिन जियान भी अब सोवी का साथ पसन्द करने लगा था।
जियान न जाहिर होने वाले गुस्से के साथ कहता है "मै बच्चा हूं क्या जो तुम मेरा हाथ ऐसे पकड़े हुए हो?
लेकिन सोवी चुप था!
ये क्या बात हुई जियान मुंह बनाते हुए बोला "ऐसे लम्बे सफर में तुम चुप कैसे रह लेते हो?
सोवी ने कहा "जियान आवाज मत करो आस पास कही खतरा है जो मुझे महसूस हो रहा है।
तभी सोवी और जियान चलते चलते पहली पहाड़ी को पार कर चुके थे जहा धुंध भी नही था।
जियान को अब राहत मिला था वो दोनो दूसरी पहाड़ी को पार करने के लिए चलते गए।
जैसे ही उन दोनो ने दूसरी पहाड़ी की सीमा को पार करने वाले थे कुछ कबिलाई आदिवासी ने उनको घेर लिया।
जियान हंसते हुए बोला अब ये क्या बला है। इन्होंने हमे ऐसे क्यों घेर लिया है जैसे हम कोई चोर है!
जवाब मे सोवी कहता ये आदिवासी लोग हैं ।
आदिवासी प्रमुख ने सोवी को पहचान लिया वो सालो पहले स्वान कबीले में गए थे जहा उनकी मुलाकात सोवी से हुई थी।
आदिवासी प्रमुख बोले _अरे आप तो स्वान कबीले के मशहूर गुरु सोवी है क्या मै सही हूं?
सोवी _हां
आदिवासी प्रमुख बोले अपने मुझे पहचान लिया?
सोवी ने कहा_हां मै जिंदादिल लोगो को जल्दी नहीं भूलता हूँ!
आदिवासी प्रमुख बोले सिपाहियो दूर हटो "ये हमारे आज के जमावड़े के अतिथि है।
सभी सिपाही ने सोवी और जियान का अभिवादन किया।
आदिवासी प्रमुख ने कहा" सोवी गुरु आज हमें सेवा मौका दे l
जियान बीच में बोलते हुए""" अ आ क्यो नही! क्यो नही! । क्या यहां शराब भी मिलेगी वो फिर जोर से हंसा।
सोवी ने मुड़ कर जियान को देखा तो वो चुप हो गया!
आदिवासी प्रमुख_ बोले रात होने को है बेहतर होगा आप दोनो अभी यही रुक जाए।
सोवी और जियान ने रुकना वेहतर समझा ।आदिवासी लोगो ने उन दोनो को बहुत स्वादिष्ट भोजन करवाया ,मछली और चावल । जो की उत्तरी चीन के आदिवासी जन का प्रमुख भोजन था आदिवासी लोग अतिथि की सेवा इसी भोजन से करते थे ।
जियान को मासाहारी भोजन तो बहुत पसंद था। उसने फटाफट खाना शुरू कर दिया।
ये क्या सोवी अभी भी नही खा रहा था।
जियान ने कहा अब क्या दो दिन और भूखे ही रहना है?
सोवी ने कहा " मै शाकाहारी भोजन करता हूं।
आदिवासी प्रमुख बोले माफ कीजिए सोवी गुरु हमे पता नहीं था।
सोवी ने कहा ""कोई बात नही है ,मै चावल और उपले खा लूगा! यही बहुत है की आप लोगो ने इतने प्यार से खिलाया आप के जमावड़े में रुक कर एक अपना सा महसूस हुआ । दूसरो की सेवा यही तो मानवता का वास्तविक लक्ष्य है जो की आप और आपके लोगो में बहुत है "आप लोगो का शुक्रिया ।
जियान_मुंह बनाते हुए बोला बस करो सोवी अब यही पूरा व्याख्यान सुना दोगे क्या ?
आदिवासी प्रमुख बोले" सोवी गुरु मानवता के पहचान तो स्वान कबीले के लोगो में है जो दूसरों की सेवा के लिए सदैव जाने जाते है।
जियान खाते खाते बोला स्वान कबीले में रहना कीतना मुश्किल है वहाँ तो दिन की शुरुआत भी नियम से होती है, कितना मुश्किल है वहाँ रहना, वहाँ रहने से हजार गुना अच्छा है कि मै किसी भयानक युद्ध मे शामिल हो जाऊँ!
सोवी उसके सर पर हाथ रखते हुए कहा "बिना बोले खाओ ।
जियान ने कहा_क्या मैं तुम्हारे सामने वाली मछली भी खा लूं।
सोवी ने अपने सामने की प्लेट जियान के सामने कर दी ।
आदिवासी प्रमुख सोवी से बोले लगता है आप इनकी बहुत परवाह करते है
सोवी ने जवाब दिया,हा सही कहा आपने प्रमुख ।
आदिवासी प्रमुख मुस्कुराते हुए बोले ये परवाह सामान्य तो नही लगती ?क्या ये आपके स्वान कबीले के बहुत करीबी है ?
सोवी ने जियान की तरफ़ देखा जियान खाने में व्यस्त था सोवी आदिवासी प्रमुख की बात का इशारों में जवाव दिया।
खाना होने के पश्चात आदिवासी लोगो ने जंगल के लकड़ी से वही पर आग जला दी और सोवी और जियान से ,कहा रात बहुत हो चुकी है और ठंड भी हो चली है आप लोगो के सोने का इंतजाम इसी आग के पास कर दिया गया है ।
जियान को तो बहुत अजीब लग रहा था ।
सोवी चुपचाप आग के सामने पत्तो से बने बिस्तर पर बैठ गया
जियान भी मुंह बनाते हुए वही बैठ गया।
सोवी ने एक बार फिर कहा "आप लोग का बहुत बहुत शुक्रिया।
आदिवासी प्रमुख और उनक लोग बोले ये हमारा सौभाग्य है।
वो लोग भी अपने अपने स्थान पर चले गए सोने।
जियान वही सोवी के पास बैठा था मुंह बनाते हुए बोला कितना अजीब है न?
सोवी ने पूछा क्या?
जियान बोला "खुले आसमान के नीचे ऐसे सोना ।
सोवी_समझ गया की जियान एक राजकुमार है उसे ऐसे सोने की आदत नहीं है सोवी ने कहा ये आदिवासी लोगो का जमावड़ा है आदिवासी लोग प्रकृति प्रेमी होते है उन्हे ऐसे रहने मे ही आनंद की अनुभूति होती है वास्तव में ऐसे रहना एक आनंद की बात है तुम अगर प्रकृति को महसूस करोगे तो तुम्हे भी अच्छा लगेगा ।
जियान ने कहा_हा ठीक है ठीक है। तुम मछली नही खाते ये कितना मजाकिया है न ।
सोवी _चुप था ।
जियान फिर बोला "अब ऐसे चुप मत रहो मुझे नींद भी नहीं आ रही है रात कैसे गुजरेगी ?कितना उबाऊ है तुम्हारे साथ सफर करना ।
सोवी_चुप होकर उसे देख रहा था।
जियान ने फिर कहा अब घूरते ही रहोगे क्या?
सोवी ने कहा तुम्हे बिलकुल भी मेरा साथ पसन्द नहीं आता है?
जियान ने फट से जवाब दिया_नही बिलकुल नहीं !वो तो मै तुम्हारे साथ इसलिए आया क्युकी वो पुस्तक मेरी वजह से चोरी हुई है, वो पुस्तक वापस लेने के बाद मै अपने कबीले वापस लौट जाऊंगा। कही ये हमारा आखिरी सफर तो नही वो खुद ही बुदबुदाते हुए बोला अच्छा है ,अच्छा ही होगा स्वान कबीले के कड़े नियमों से तो छुटकारा मिलेगा , वो फिर हंस दिया।
सोवी_चुप और उदास दोनो था ।
जियान ने मुस्कुराते हुए कहा " क्या लगा तुमको ? मुझ जैसा योद्धा स्वान कबीले में शिक्षा के लिए रुक पायेगा ।
सोवी _चुप था उसके पास बोलने के लिए कुछ नही था वो बस जियान को सुन रहा था।
जियान ने कहा "तुम मुझे ऐसे घूरते हो, जैसे मै कोई लड़की हूं ! मुझे हमेशा घुटन सा लगता रहता है, ऐसा लगता है तुम कुछ बोलना चाहते हो! लेकिन सोवी चुप था जियान बहुत अब सोवी को उदास देख कर चुप हो गया सोवीने कहा" बोलो मै सुन रहा हूं।
जियान ने कहा तुम मेरी इतनी परवाह क्यों करते हो? व्याखान सभा में भी मैने कई बार ऐसा देखा है की तुम्हारी नजरे सिर्फ मुझ पर रहती है? जैसा आदिवासी प्रमुख ने अभी कहा" क्या सच में मेरा स्वान कबीले से कोई रिश्ता है?
सोवी को लगा की लगता है समय आ चुका है की वो जियान से बोल दे की जियान ही उसका सोलमेट है वो कुछ बोलने वाला ही था की जियान ने अचानक जोर से कहा मुझे लाओमेन कबीले में जल्दी से पहुंचना है सुना है वहा की लड़कियां बहुत सुंदर होती है।
सोवी जियान की बात सुन कर फिर से चुप हो गया । कही अभी से जियान को सब कुछ बताना जल्दबाजी न हो जाए! क्युकि वो अभी रिश्तों के मायने को नही समझता है, सोवी को चुप देख कर जियान कहता है "तुमने मेरे सवालों का जवाब क्यों नही दिया! मै एक नायाब योद्धा हूं तुम इसलिए मेरी परवाह करते हो और स्वान कबीले वाले योद्धाओं की बहुत कद्र करते है यही बात है न ।
सोवी चुप था, उसके पास बोलने के लिए कोई शब्द ही नही था। उसे दर्द सा महसूस हो रहा था । वो कहता भी तो क्या? कीतना मुश्किल था सोवी के लिए ये समझाना की जियान उसका सोलमेट है कैसे समझाता? क्युकी जियान की नजर में प्रेम का मतलब एक लड़का और लड़की के बीच का रिश्ता था ।
जियान_चिल्लाते हुए बोला मै बेहतरीन योद्धा हूं इसलिए तुम मेरी परवाह करते हो?
सोवी ने कुछ न बोलना ही बेहतर समझा उसने जियान के हा में हा मिला दिया ।
जियान ने कहा "और उस दिन मेरा हाथ पकड़ते ही तुम्हारे हाथ पर मेरा नाम क्यों था ?वो कोई तुम्हारा छलावा था न मुझे सजा देने के लिए?
सोवी कहता है_तुम मेरे बारे में ऐसा क्यों सोचते हो ?जैसे मै कोई दुश्मन हूं।
जियान ने कहा तुम बस दिखते अच्छे हो अंदर से बहुत ही अकडू इनसान हो ।
सोवी को एक बार फिर जियान के मुंह से ऐसा सुनकर अच्छा नहीं लग रहा था वो चुप था।
वास्तव मे जियान को अच्छा लग रहा था सोवी को परेशान करके।
सोवी ने जियान के सर पर हाथ रखते हुए कहा रात बहुत हो चुकी है तुम्हे अब सोना चाहिए कल सुबह ही हमें आगे का सफर शुरू करना है ।
जियान ने कहा हा ठीक है
जियान सामने जाकर पत्ते के बिस्तर पर लेट गया ।
सोवी वही बैठ कर ध्यान मुद्रा में चला गया अपनी अध्यात्म शक्ति के संतुलन को बनाएं रखने के लिए।
जियान उसके चेहरे को देख रहा था और सोच रहा था "ये न सिर्फ़ देखने में अच्छा है बल्कि सोवी का दिल भी बहुत साफ है, मैने ऐसा इनसान कभी नहीं देखा जो हर किसी को प्यार करता हो यही सोचते सोचते जियान की आंख लग गई और वो वहीं सो गया।