webnovel

Emotional Movie

कैसे हो इस्मित ? कॉल पे इस्मित अपनी माँ से बात करने लगता है । हाँ मम्मी ठीक हूँ आप और पाप कैसे हो तभी इस्मित अपनी माँ से पूछता है ।

क्या हुआ बताओगे तुम्हारी आवाज सुन कर तो नहीं लग रहा कि तुम ठीक हो ? इस्मित की माँ इस्मित से पूछती है । क्या प्रॉब्लम है चलो बताओ अपनी ममा को?

इस्मित काफ़ी हैरान हो जाता है । पर आपको कैसे पता चला मम्मी मैं प्रॉब्लम मैं हूँ मैंने तो अभी तक आपको कुछ बताया भी नहीं ? इस्मित अपनी माँ से पूछता है ।

बेटा माँ हूँ तुम्हारी , तुम्हारा मूड कब कैसा रेहता है मुझे अच्छे से पता है । इस्मित की माँ हस्ते हुए इस्मित से केहती है ।

फिर इस्मित अपने साथ घटी दिन भर की घटना को अपनी माँ को बता देता है । अच्छा तो ऐसी बात है अच्छा बेटा तुम्हें वो वाली बात याद है जब तुम 7 th मैं थे और बार बार मैं तुम्हें एक "math" समझा रही थी लेकिन तुम उसे सोल्व नहीं कर पा रहे थे बार बार तुम उस सवाल मैं अटक जाते थे इस्मित की माँ कुछ समय तक इस्मित की बात सुनती है और फिर इस्मित से केहती है । हाँ माँ मुझे अच्छे से याद है वो दिन पर उसका मेरे इस केस से क्या लेना देना है ? इस्मित अपनी माँ से पूछता है ।

आराम से उस बात को याद करो और फिर तुम्हें सब समझ आ जाएगा चलो अब मैं कॉल रखती हूँ रॉबिन के होमवर्क मैं मुझे उसकी मदद भी करनी है बाय , इससे पहेले की रोबिन कुछ और बोल पाता उसकी माँ कॉल कट कर देती है और रोबिन बस हेलो हेलो चिलाता रेह जाता है ।

क्या यार एक केस कम था जो मम्मी मुझे दूसरी पहेली को सुलझाने बैठा दी , इस्मित एक गेहरी साँस लेता है और अपने पुराने दिनों को याद करने लगता है ।

फिर नहीं फिर नहीं 12 साल को प्यारा सा एक क्यूट बच्चा इस्मित अपनी कॉपी मैं पिछले तीन घंटे से math के सवाल को हल करने की कोशिश कर रहा था । क्या हुआ इतना क्यों चिला रहे हो ? तभी इस्मित का माँ वहाँ आकर इस्मित पूछती है ।

माँ देखो ना कब से मैं एक सवाल हल करने की कोशिश कर रहा हूँ मगर हो ही नहीं रहा है ये सवाल ही गलत है ।इस्मित अपने हाथों को बंद के सीने के पास रखता है और ग़ुस्से मैं मुँह फुलाते हुए बोलता है ।

वहा ये सही है अगर आपसे सवाल सोल्व ना हो तो question को ही गलत बोल दो क्या सारी गलती तो स्कूल वालों की है। इस्मित की माँ प्यार से इस्मित के गालों को पिचकाते हुए बोलती है । हाँ तो इस्मित केहता है ।

दिखाओ जरा मुझे स्कूल वालों की गलती ,इतना बोलकर इस्मित की माँ इस्मित से किताब ले लेती है और सवाल को देखने लगती है ।

ये तो मैं तुम्हें सिखाया हूँ तुम भूल गए ? इस्मित की माँ इस्मित से केहती है । नहीं मैं भुला नहीं हूँ ये सवाल ही ग़लत है मैं तीन घंटों से इसे सोल्व करने की कोशिश कर रहा हूँ मगर ये सवाल हल होने का नाम नहीं ले रही अपने अंखों के पलकों को झपकाते हुए मासूम चेहरे के साथ इस्मित अपनी माँ को देखते हुए केहता है और इस्मित की मासूमियत देख कर इस्मित की माँ हँसने लग जाती है ।

इस्मित की माँ इस्मित को पेन और नोट बुक थमाती है । अपने आँखो को बंद करो और एक गेहरी साँस लो इस्मित की माँ केहती है अब अपने आँखो को खोलो और सवाल को पाँच मिनट तक देखो ।

इस्मित चुप चाप बेठ कर सवाल देखता रेहता है और फिर अचानक उसके चेहरे पे एक बड़ी सी मुस्कान आ जाती है ।

वो सवाल हल करने की कोशिश करता है और उसे बस एक मिनट मैं हल करके बैठ जाता है ।

इधर इस्मित के चेहरे पे एक बड़ी सी मुस्कान आ जाती है वो झलदी से भागता हुआ कार के पास जा कर उसमे बेठ जाता है और तेज़ी से कार ड्राइव करते हुए स्टाफ़ के घर की और ले जाने लगता है ।

मम्मी आप बेस्ट हो ! इस्मित काफ़ी ख़ुस था उसे उस समय अपनी माँ की कही बात याद आ गई थी ।

मम्मी देखो मैंने सवाल को हल कर लिया , ख़ुस होते हुए इस्मित अपनी माँ से केहता है और फिर इस्मित को उसकी माँ गोद मैं उठाती है । बेटा अगर तुम्हारा दिमाग उलझा हुआ रहेगा तो तुम्हें सारे सवाल उलझे हुए नज़र आएगे हमेसा मेरी एक बात याद रखना जब भी तुम किसी मुसीबत मैं फसो तो बस शांति से कहीं शांत जगहा पे बैठ जाना और एक गेहरी साँस लेकर पूरे सवाल को अच्छे से सोचना और जब तुम दुबारा उस सवाल को सोचोगे तो तुम्हारा उस सवाल को देखने का नजरया बदल जाएगा और तुम काफ़ी आसानी से अपने सवाल को हल या ज़िन्दगी मैं किसी भी परेशानी से बाहर निकल पाओगे , "एक सफल इंसना वही होता है जो मुस्किल समय मैं भी अपने दिमाग को शांत रखकर सोच सके और हर मुसीबत मैं भी अपने चेहरे पर हमेशा मुस्कान को बनाए रखे " इस्मित की माँ इस्मित से क़ेहती है और इस्मित हाँ मैं सिर हिला देता है । इस्मित उस वक़्त काफ़ी छोटा था उसे अपनी माँ की बात समझ नहीं आई थी, लेकिन आज उसे अपनी माँ की कही सारी बाते समझ मैं आ चुकी थी।

इस्मित कार को होटल के स्टाफ़ के घर के बाहर रोकता है और फिर अपने मोबाइल को निकालकर अपनी माँ को थैंक्स माँ लव यू मैसेज कर देता है ।

इधर उसकी माँ रोबिन के होमवर्क मैं मदद कर रही थी और तभी उसके मोबाइल पे इस्मित का मैसेज आता है इस्मित का माँ उस मैसेज को पढ़ती है और फिर उसके चेहरे पर एक हल्की से मुस्कान आ जाती है । इस्मित ज़ल्दी घर आ जाओ फिर मैं तुम और रोबिन और तुम्हारे पापा हम तीनों मिलकर Los vegas जाएगे छूटिया बिताने इस्मित की माँ इस्मित के मैसेज का रिप्लाई देती है और फिर मोबाइल को बंद करके रोबिन के होमवर्क मैं मदद करने लगती है ।

इधर इस्मित स्टाफ़ के घर के अंदर चला जाता है । और वहाँ जा कर अपने आँखो को बंद करके एक गेहरी साँस लेता है और अपने साथ घटी दिन भर की घटना को याद करने लगता है ।

इस्मित फिर अपने आँख को खोल लेता है और दस्ताने को पेहनकर इधर इधर सबूत ढूँढने मैं लग जाता है लेकिन हर बार की तरह उसे इस बार भी कुछ हाथ नहीं लगा था ।

तभी इस्मित वहाँ से जाने लगता है तभी उसे कुछ काफ़ी अजीब नज़र आता है चीटियो का एक ग्रुप उस स्टाफ़ मनोज के घर के किचन की और जा रह था । इस्मित उस चिटी को ध्यान से देखने लगता है तभी वो चिट किचन मैं जा रहे थे इस्मित भी उसके पीछे पीछे चला जाता है और अपने सामने के नजारे को देखकर काफ़ी शॉक हो जाता है । नीचे कीचन मैं मिठाई का एक काफ़ी छोटा सा टुकड़ा गिरा हुआ था इस्मित उसे उठाता है और टेस्ट ट्यूब के अंदर रख लेता है और फिर पूरे किचन की तलाशी करने लगता है मगर उसके हाथ कुछ भी नहीं लगता है । इस्मित फिर वहाँ से कार लेकर उस गार्ड अविनाश के घर चला जाता है ।

इस्मित उस घर का कोना कोना तलाश करता है लेकिन उसके हाथ कुछ भी नहीं लगता है फिर वो कार स्टार्ट करके डिपार्टमेंट की और जाने लगता है और रास्ते मैं स्वेता को कॉल करके डिपार्टमेंट बुला लेता है । और फिर कुछ समय बाद इस्मित डिपार्टमेंट मैं पहुँच जाता है ।

डिपार्टमेंट का गार्ड इस्मित को देख कर एक सलामी देता है तभी पार्किंग मैं इस्मित को सुहानी की कार पार्क नज़र आती है । मैडम अभी तक घर नहीं गई ? इस्मित उस गार्ड से पूछता है । नहीं मैंने तो उन्हें जाते नहीं देखा सर वो गार्ड केहता है । इस्मित उस गार्ड की बात सुनकर अंदर चला जाता है । अभी तक स्वेता वहाँ पहुँची नहीं थी ऐसे मैं इस्मित सुहानी के केबिन की तरफ़ बढ़ने लगता है । इस्मित सुहानी को सुबह के लिये सॉरी बोलना चाहता था । सुहानी के दरवाज़े के बाहर पहुँच कर इस्मित डोर नॉक करता है ।

हाँ आजाओ अंदर से सुहानी केहती है ।

अरे इस्मित तुम इस्मित को अंदर आता देख सुहानी केहती है । अक्सर ख़ुस रेहने वाली सुहानी की आवाज मैं आज काफ़ी रूखा पन था । मेम मुझे सुबह के लिए माफ़ कर दीजिए मेरा आपको हर्ट करने का कोई इरादा नहीं था वो तो बस ग़ुस्से मैं मेरे मुँह से निकल गया था इस्मित सुहानी से केहता है । इस्मित को अंदर से काफ़ी गिल्ट फील हो रहा था ।

नहीं इस्मित ऐसी कोई बात नहीं है गलती मेरी थी मेरी बेबक़ूफ़ी के कारण उस होटल स्टाफ़ और उसकी बीवी की जान चली गई मैं ख़ुद को कभी माफ़ नहीं कर पाऊँगी मेरे कारण आज एक बच्चा अनाथ हो गया अपने सामने बच्चे को देख कर सुहानी के आँखो मैं हल्के हल्के आँसू आना शुरू हो जाते है।

तुम केहते हो ना इस्मित मैं किसी लायक़ नहीं हूँ तुम सच ही केहते हो एक बार और मेरी बेबकूफ़ी के कारण मेरे पापा मम्मी दोनों मारे गए थे सुहानी जब इस बात को केह रही थी तो उसके दिल मैं लगे ज़ख़्म मानो तजे हो गए हो ।

उस उस दिन घटी वो दर्द नाक पल मानो सुहानी के आँखो के सामने चलने लगी हो ।

रात का समय था सुहानी उस वक़्त सोलह साल की होगी सुहानी के परिवार मैं सिर्फ़ तीन ही लोग थे एक उसके पापा शिव उसकी माँ रीना और सुहानी उसका परिवार काफ़ी छोटा था ।

सुहानी और उसके माता पिता तीनों साथ मैं बैठ कर डिनर इंजॉय कर रहे थे । तो सुहानी अब आगे किस चीज़ की पढ़ाई करोगी ?मछली के स्लाइस को खाते हुए सुहानी के पापा शिव सुहानी से पूछते है ।

पापा मैं तो आपके तरह एक बहादुर cid ऑफिसर बनूँगी अपने चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कान के साथ सुहानी केहती है और उसकी बात सुनकर रीना और शिव के भी फेस पर एक बड़ी सी स्माइल आ जाती है ।

शिव एक काफ़ी फेमस और बहादुर cid ऑफिसर थे उन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी मैं तीस से भी जादा केस को सोल्व किया था इसीलिए सुहानी अपने पापा को इंस्पिरेशन के रूप मैं लेती थी ।

हाँ बेटा तुम बहुत बड़ी cid ऑफिसर बनोगी मुझसे भी ऊपर एक बड़ी सी मुस्कान के साथ शिव सुहानी से केहते है ।

तुम बाप बेटी का बात हो गया हो तो अब खाना भी खा लो वरना ठंडा हो जाएगा हस्ते हुए रीना उन दोनों से केहती है और उसकी बात को सुनकर दोनों हँसने लगते है ।

कुछ समय बाद तीनों खाना ख़त्म करके टीवी देखने लग जाते है । पापा मुझे आइसक्रीम खाना है अचानक से सुहानी अपने पापा से केहती है पर अभी इतनी रात को ? शिव हैरानी से पूछते है ।

हाँ जाओ लेकर आओ मुझे नहीं पता मुँह फुलाते हुए इस्मित अपने पापा से केहती है । बेटा कल ले आऊँगा तो खा लेना अभी इतनी रात को जाने का मन नहीं कर रहा शिव केहते है हाँ सुहानी आज रेहने दो कल खा लेना , शिव के बातो को सुनकर रीना भी सुहानी को मना करने लगती है ।

नहीं मुझे आज खानी है तो बस आज खानी है आप जाओ और लेकर आओ मुझे नहीं पता ,सुहानी मुँह फुलाते हुए बोलती है और उसकी बात सुनकर शिव कुछ समय तक सोचते है और फिर ठीक है बाबा जाता हूँ ख़ुस शिव सुहानी की और ददेखते हुए केहते है लेकिन सुहानी अभी भी मुँह फुलाए बैठी हुई थी ।

अब क्या हुआ बाबा बताओगी ? रीना सुहानी से पूछती है ।अब आप भी जाओ और पापा के साथ आइसक्रीम लेकर आओगे ,रीना सुहानी की बात सुनकर एक गेहरी साँस लेती है और हाँ कर देती है ।

बेटा इस तरह से ज़िद करना अच्छी बात नहीं है । इतना बोलकर दोनों वहाँ से चले जाते है ।

उन दोनों के जाने के बाद सुहानी अपने फ़्रेंड्स को घर पे बुलाती है । दोस्तों आज से थोड़े समय के बाद मेरे पापा और मम्मी की एनीवर्सरी है दस मिनट है हमारे पास पूरे घर को सजा दो मैं उन लोगो को सुप्राइज़ देना चाहती हूँ । सुहानी के सारे दोस्त ख़ुशी से चिलाते है और फिर तैयारी करने लगते है ।

कुछ समय बाद-

यार तू तो बोली थी तेरे पापा मम्मी दस मिनट मैं आ जाएगे लेकिन अब तो आधा घंटा हो चुका है और अभी तक तेरे पापा मम्मी का कुछ अता पता ही नहीं है ।

हाँ यार उनका फ़ोन बंद आ रहा है देखो ना घबराते हुए सुहानी केहती है ।

इसी तरह से इंतज़ार करते करते पूरे घंटों बित जाते है तभी सुहानी घर से बाहर जाने लगती है ।

कहाँ जा रही हो सुहानी ? पापा को ढूँढने सुहानी अपने दोस्त से इतना केह ही रही थी की तभी उसके मोबाइल पे रैंडम नंबर से कॉल आता है ।

सुहानी कॉल उठाती है । हेलो सुहानी जी से बात हो रही है आपके माता पिता के कार का एक्सीडेंट हो गया हैक ट्रक से टक्कर होने कारण वो दोनों on the spot अपनी जान गवा चुके है । जैसे ही सुहानी कॉल पे ये सब सुनती है मानो उसकी पूरी दुनिया ही उजड़ जाती है ।

ये सब सोच सोच कर बोलते हुए सुहानी रोना शुरू कर देती है और सुहानी की बात सुनकर इस्मित को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे वो समझ सकता था कि उसके ऊपर इस वक़्त क्या बीत रही होगी , इस्मित आगे बढ़कर सुहानी को गले से लगा लेता है ।

सब मेरी गलती है ना मैं सुप्राइज़ देने की सोचती ना पापा मम्मी का बाहर भेजती ना पापा मम्मी को कुछ होता रोते हुए सुहानी केहती है । इस्मित सुहानी के पीठ को सेहला रहा था फिर वो सुहानी के गालो को पकड़ता है ।

आपकी कोई गलती नहीं है मेम आपने तो बस अपने मम्मी पापा को सुप्राइज़ देना चाहती थी अब क़िस्मत में जो लिखा है उसे हम या आप बदल नहीं सकते इतना बोलकर इस्मित सुहानी के आँखो मैं देखने लगता है । सुहानी रोए जा रही थी सुहानी को रोता देख इस्मित उसके होंठों को चूम लेता है और सुहानी भी उसका साथ देने लगती है । तभी बाहर से चिलाने की आवाज आती है और आवाज़ को सुनकर सुहानी और इस्मित दोनों एक दूसरे से अलग हो जाते है ।

है मुझे कुछ खाने दो मुझे भूक लगी है । किंग चेयर पर बैठ कर चिला रहा था । इस्मित और सुहानी दोनों बाहर जाते है और फिर वो दोनों interrogation रूम मैं चले जाते है ।

क्यों चिला रहे हो ? सुहानी किंग से पूछती है ।

वो सब छोड़ो ये बताओ अंदर से चिलाने और रोने की आवाज आ रही थी और दोनों अकेले साथ मैं निकले हो क्या रहा था अंदर ? evil हँसी हस्ते हुए किंग उन दोनों को देख रहा था ।

तुम जैसा सोच रहे हो वैसा कुछ भी नहीं है ,

सुहानी किंग से केहती है ।

अच्छा तो मुझे तुम खाना ला कर देदो मैं अपना मुँह बंद रखूँगा वरना कल पूरे डिपार्टमेंट मैं चिला चिला कर बोलूँगा कमरा था बंद cid और उसका चमचा था अंदर लेकिन उन्हें पता नहीं थे कि बाहर से उनके मधुर आवाज़ो को सुन रहा था कोई बंदर ।

देखो तुम्हें जो बोलना है बोलो वैसे हाँ तुम बंदर ही हो और मैं कल वैसे भी cid का काम छोड़ रही हूँ सुहानी इतना केहकर वहाँ से जाने लगती है ।

इस्मित सुहानी के मुँह से जैसे ही cid छोड़ने वाली बात को सुनता है वो काफ़ी हैरान हो जाता है ।

इस्मित सुहानी का हाथ पकड़ कर उसे रोक लेता है ।

आज लगता है पूरी रात इमोशनल मूवी चलेगी यहाँ किंग उन दोनों को देखते हुए केहता है ।

To be continue-