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Raza ki Inayat

यह कहानी है ऐसे दो लोगों की जो एक दूसरे से बहुत ही अलग और जुदा थे , रज़ा एशिया का नंबर वन बिजनेसमैन होने के साथ ही एक माफिया था , एक बे दिल माफिया , जिसे ना अपनों पर भरोसा था ना इश्क पर और ना ही खुदा पर , वहीं दूसरी तरफ इनायत जो अकेले ही अपने बेदर्द किस्मत से लड़ रही थी क्योंकि उसके पास ना अपनों का साथ था ना सिर पर किसी का हाथ था , इनायत एक बार डांसर थी और इनायत यह काम सिर्फ अपने अब्बा के लिए करती थी , क्योंकि इनायत के अब्बा कोमा में थे और इनायत के पास कोई काम नहीं था जिस वजह से मजबूरी में इनायत एक बार डांसर बन गई ......... तो आखिर कैसी होगी एक बे दिल माफिया और बार में डांस करने वाले इनायत की मुलाकात ? जिसे भरोसा नहीं इश्क पर क्या उसका इश्क बन पाएगी इनायत ? Raza ki Inayat Hindi Love story

Storyteller_rm · Urbain
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8 Chs

ibaadat

अब तक आपने पढ़ा ।

वहीं दूसरी तरफ रोड पर इनायत अपने दोनों हाथों को जोड़ अभी तक रोए जा रही थी और उसे आदमी से अपने लाइफ की भीख मांग रही थी । लेकिन वह आदमी तो इनायत को ऊपर से लेकर नीचे तक बहुत ही अजीब नजरों से देख रहा था ।

सच में तेरे हुस्न का दीदार करना तो सपना मेरा भी था लेकिन क्या करूं मेरे सब को तू पसंद आ गई है और मैं उनके वफादार कुत्ता हूं । जो उनके लिए कुछ भी कर सकता हूं । चल मेरे साथ.....बरखा रानी.... वह आदमी अजीब तरीके से कहते हुए जबरदस्ती चाहत का हाथ पकड़ता है और खींचते हुए आगे की तरफ लेकर जाने लगता है ।

अब आगे ।

वही इनायत उसे आदमी के चंगुल से छूटने की कोशिश करने लगती है । प्लीज हमें जाने दीजिए । खुदा के वास्ते हमें जाने दीजिए । चाहत लगातार यही बातें बोले जा रही थी ।

वही दरगाह मेरी रजा़ आज अपने दिल से इबादत कर रहा था । 

Bhar do jholi meri

Tajdaar-e-medina

Laut kar main

Na jaaunga khali

वही रजा़ के बॉडीगार्ड बड़े गौर से रजा़ को देख रहे थे । जो आज बहुत ही हद तक बदल चुका था । 

Bhar do jholi meri

Ya mohammad

Laut kar main

Na jaaunga khali

वहीं दूसरी तरफ रोड पर वह आदमी इनायत को खींचते हुए आगे की तरफ ले जा रहा था इनायत उसे आदमी से छूटने के लिए लगातार कोशिश कर रही थी । लेकिन उस आदमी को इनायत पर जरा सा भी दया नहीं आ रहा था ।

Jaanta hai na tu kya

Hai dil mein mere

Bin sune gin rahaa hai

Na tu dhadkane (Repeat once) 

खुदा के वास्ते हमें छोड़ दो , गलत काम था गलत नतीजा ही मिलता है खुदा तुम्हें कभी भी माफ नहीं करेंगे। उसे खुदा से डरो ऊपर वाले के लाठी में आवाज नहीं होती । इनायत इस बार गुस्से से कहती है ।

Aah nikli hai toh

Chand tak jaayegi

Tere taaron se meri

Duaa aayegi (Repeat once)

इनायत की बात सुनकर वह आदमी गुस्से से उसकी तरफ देखता है । और अपने दांत पीसते हुए , बरखा रानी अपने हद़ में रहो , वरना तुम्हारा इज्जत का जनाजा यही निकाल दूंगा वैसे भी बार में बहुत ही फेमस हो तुम । वह आदमी बेशर्मी से कहता है , उस आदमी की बात सुनकर इनायत को बहुत ही जोर से गुस्सा आने लगता है । तभी अचानक से उसे इंसान रोड पर एक तेज आवाज गूंज उठती है ।

Aye nabi haan kabhi toh

Subah aayegi

Jab talak tu sunega na dil ki

Dar se tere na jaaye sawaali

अगले ही पल उस आदमी का चेहरा एक तरफ झुक गया था उसकी आंखें गुस्से से लाल हो गई थी । उस आदमी के जबड़े एकदम से कस हो गए थे ।

Bhar do jholi meri

Ya mohammad

Laut kar main

Na jaaunga khali (Repeat once)

वह अपनी जलती हुई निगाहों से इनायत की तरफ देखता है और फिर अपने दांत पीसते हुए तेरी इतनी हिम्मत की तूने मुझ पर मुझ , पर हाथ उठाया । तेरी इतनी हिम्मत अब देख मैं तेरा क्या हाल करता हूं कहते हुए वह आदमी इनायत के गालों पर एक जोरदार थप्पड़ जड़ देता है । यह थप्पड़ इतनी जोर का था , की इनायत नीचे जमीन पर गिर जाती है । 

De taras kha taras mujhpe aaka

Ab lagaa le tu mujhko bhi dil se (Repeat once)

वही दरगाह में इबादत कर रहे हैं रजा़ का दिल अंदर ही अंदर घबरा रहा था । उसे अपने अंदर कुछ टूटता हुआ महसूस हो रहा था । वह गहरी गहरी सांस लेते हुए अपने इबादत पर गौर फरमाता है । और पूरी शिद्दत के साथ बस खुदा की इबादत करने लगता है ।

Jab talak tu mila de na bichhdi

Darr se tere na jaaye sawaali

Bhar do jholi meri

Ya mohammad

Laut kar main

Na jaaunga khali

वही रोड पर गिरी इनायत अपने पेट को पकड़ कर बहुत ही जोर - जोर से रो रही थी क्योंकि जब वह गिरी थी तो उसका पेट आगे की तरफ था जिस वजह से उसके पेट में चोट लग गया था और प्रेग्नेंट होने के कारण इस समय उसे हद से ज्यादा दर्द हो रहा था ।

Bhar do jholi.. Aaka ji

Bhar do jholi.. Hum sab ki

Bhar do jholi.. Nabi ji

आहहहह ! ए खुदा मेरे बच्चे की हिफाजत कर , तू मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकता । आहहहहहह ! इनायत दर्द से कहराते हुए कहती है ।

Bhar do jholi meri

Sarkare madeena

Laut kar main

Na jaaunga khali

तुझे बचाने के लिए कोई नहीं आने वाला नाहीं तेरा पति और ना ही तेरा खुद समझी तेरी वजह से मेरे साहब इतना परेशान है । सिर्फ तेरी वजह से अंडरवर्ल्ड में इतनी बड़ी लड़ाई हो गई । तुझे तो मार देना चाहिए । सिर्फ तेरी वजह से मैंने अपनी बॉस को कमजोर होते हुए देखा है । वैसे ख्याल अच्छा है तुझे मार कर इधर ही कहीं फेंक देता हूं और बॉस को कह दूंगा मुझे मिली ही नहीं क्या ख्याल है बरखा रानी ।

Dum dum ali ali

Dum ali ali

Dum ali ali

Dum ali ali

उस आदमी की बात सुनकर इनायत की बॉडी डर के मारे और कांपने लगी थी । इतनी तेज दार बारिश में वह डर के मारे रोड पर पीछे की तरफ घीसकते जा रही थी । न... नहीं..... तुम हमारे बच्चे के साथ ऐसा नहीं कर सकते । इनायत बार - बार यही लाइन दोहराए जा रही थी और पीछे की तरफ घीसकते  जा रही थी ।

Dum ali ali

Dum ali ali

Dum ali ali

Dum ali

बिल्कुल हो सकता है तुम्हारी वजह से ही यह सब हो रहा है । तुम खत्म तो सब कुछ खत्म कहते हुए , वह आदमी जोर - जोर से हंसने लगता है फिर अपनी गन को लोड करके गन की पॉइंट इनायत की तरफ करता है । उसे आदमी को ऐसा करते देख इनायत की दिल की धड़कन डर के कारण हंड्रेड की स्पीड से चलने लगी थी और यही कुछ हल दरगाह में इबादत कर रहे रजा़ का भी था । उसका दिल भी बहुत ही घबरा रहा था । 

Ali ali dum

Ali ali dum

Ali ali dum..

Dum ali ali

Dum ali ali..

वही रोड पर वह आदमी इनायत को अजीब नजरों से देखते हुए अपने गन का ट्रिगर दबाने लगता है ।

Ali ali ali ali ali ali ..

Ali..

और तभी उस इंसान एरिया में गोली की आवाज गुंज उठाती है ।‌

प्लीज रीडर्स आप लोग मेरी स्टोरी को सपोर्ट करिए और कमेंट और रिव्यू भी दीजिए ।

क्या सच में उस आदमी ने चला दिया चाहत के ऊपर गोली ?

अब आगे क्या होगा कहानी में ?

Raza ki Inayat

please comment :(

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