एक ऐसी शाम हो
जो खुद के नाम हो,
सुकून की खोज़ हो अपने आप में मौज़ हो,
काम सरेआम हो लेकिन कुछ पल का आराम हो,
खुद के ख़यालो का सैलाब हो मन में कुछ ख्वाब हो,
एक ऐसी शाम हो जो खुद के नाम हो ।
YAshvi