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Poem No 94 ज्ञान घटता नहीं

ज्ञान घटता नहीं

वो बढ़ता रहता हैं

कितना भी बाटेंगे

वो कम होते नहीं

बढ़ते ही बढ़ते हैं

वो कम होते नहीं

अंत में ज्ञानी कहलाओगे

इतना ज्ञान पाओगे

----Raj