Poem No 88 क्या रुक नहीं सकते
क्या रुक नहीं सकते
दो पल हमारे लिए
इंतज़ार कर रहा था
बेसबर सा हो गया था
अब तुम आयी हो
और अब चल दिये
क्या रुक नहीं सकते
दो पल हमारे लिए
हो जाती बातें
आँखें चार होते
मुलाकातें होते
जब हो साथ तेरे
क्या रुख नहीं सकते
दो पल हमारे लिए
----Raj