Rajesh Maltii
जब प्यार पागलपन बन जाए तो सारी हदें तोड़ देता है| ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है, ये कहानी है 'किआ' की, जितना अजीब नाम उतनी ही अतरंगी है किआ, जिसने अपने प्यार को बचाने के लिए वक्त तक को रोक दिया था। किआ का प्यार, जो पागलपन की हद से परे था, और वहीं ऋषभ, जिसने बचपन में वो खोया था, जिसकी उम्मीद तक उसे नहीं थी। जिसने अपने आपको दुनिया से अलग - थलग कर दिया था, जो बस बदले के लिए जीना जानता था। क्या किआ उसे बदले की आग से, उस तूफान से निकाल पाएगी? क्या वक्त रुक जायेगा और ऋषभ का अस्तित्व हमेशा के लिए इस दुनिया से मिट जायेगा? जानने के लिए पढ़िए
यह एक ऐसी कहानी हैं जो न तो पूरी हैं ना ही अधूरी हैं। इसके बारे में जितना भी सोच जाए उतना इस कहानी में उलझते जाते हैं। इस कहानी को जब आप पूरे फीलिंग्स ओर लगाव के साथ पढ़ते हैं तो आपको इस लगता हैं जैसे सब कुछ आपके सामने हो रहा हो। आपके सामने एक रील चलने लगेगी कहानी के कैरेक्टर आपको अपने सामने दिखने लगते हैं। पूरी फीलिंग्स ओर लगाव के साथ पढ़िए ।
What happens when you can neither show your love to the one you love nor can you tell him, neither can you stay away from him nor can you stay near him, it becomes your compulsion to keep your love a secret.
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