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14)बड़ा ही नशा चढ़ा है तेरी लत से ,देखो मेरा क्या हाल बना दिया है ? "

आर्यन मेंशन...

रिहांश का रूम...

रिहांश इस वक्त पूरी तरह रूहानी के उपर ही लेटा हुआ था।उसके दोनो हाथ रूहानी की हाथों में उलझे हुए थे।वह उसके हाथो को बेड में दबाते हुए उसके गर्दन में अपना चेहरा छुपा कर किस करते हुए उसकी बदन से आ रही उसकी महकती खुशबू में खोते जा रहा था।

वही रूह उसे खुद से दूर करने की ना काम कोशिश कर रही थी।वह रो रही थी उसके रोने से इस वक्त उसके ऊपर लेटे हुए इंसान को कोई फरक ही नही पड़ रहा था।

थोड़ी देर ऐसे ही कोशिश करने के बाद भी रिहांश उसे छोड़ता नही तो रूहानी कोशिश करना बंद कर देती है।वह बिलकुल रिहांश और बेड के बीच में बेजान सी पड़ी थी।

रूहानी को शांत होता देख रिहांश अपना चेहरा ऊपर उठा कर रूहानी को देखता है।रूहानी अब उसे ही देखने लगी थी।रिहांश उसके माथे पर अपना माथा जोड कर बेहद सुकून से उसे ही देखने लगा।

रिहांश की चेहरे पर इस वक्त बेहद सुकून का भाव नजर आ रहा था। रुहानी को इतना करीब देख कर उसके जलती दिल को इस वक्त बेहद तंडक मिल रही थी।

रिहांश फिर उसके आंसू पोंछ कर उसके माथे पर किस करता है। रुहानी अपने नम आंखों से उसे देख रही थी वह इसके अलावा कर भी क्या सकती थी।

वही रिहांश उसके गाल पर बारी बारी से किस करने लगा तो रुहानी रोते हुए उससे कहती है,""_ आखिर आपका यह लत मेरी जिंदगी तबाह कर ही दिया न रिहांश ?!!! "

रिहांश की होंठ रूक गए जो उसके गाल पर घूमते हुए बेहद सनसनाहट पैदा कर रही थी।वह बेहद टंडे लहजे में उसे देखने लगा।वही रूहानी उसे फिर से कहती है,""_ आपकी लत हु मै, हैना ? "

रिहांश उसे ही देखने लगा लेकिन उसके चेहरे के भाव बदलते जा रहा था।लेकिन रूहानी को तो बोलना ही था क्यों की रिहांश ने उसे भरी मेहफिल से उठा कर लाया था।वह भी बिना शादी किए ही।

रूहानी ने फिर बोला,""_ आपने आज जो मेरे साथ और मेरे परिवार के साथ किया है ना उसके लिए मैं आपको कभी माफ नहीं करूंगी रिहांश कभी नही| "

रिहांश के होंठ मुड़ गए।वह अपना सर थोड़ा टेढ़ा कर रूहानी को देखने लगा।रूहानी इस वक्त अपने आंखों में गुस्सा लिए उसे ही देखने लगी थी।अचानक से रिहांश जोर जोर से हंसते हुए उसके साइड में लेट गया।

रूहानी उठ कर उसे ही घूरने लगी।सच में वह इंसान पागल ही था।रिहांश अचानक से अपने हंसी को रोक कर रूहानी को वापस बेड में गिरा कर ,उसके चेहरे को बेहद पागलों की तरह स्निफ करते हुए कहता है,""_ hmmmm nice joke रूह!!!"

रूहानी रिहांश को ही हैरानी से देखने लगी,उसकी बाते रिहांश को जोक जो लगा था।रिहांश फिर उसके गाल पर हाथ रख कर उसे देख बेहद टंडे लहजे में कहता है,""_रिहांश आर्यन कभी भी किसी से माफी नहीं मांगता रूह,तुमसे भी नही |

रिहांश अपनी लास्ट लाइन को थोड़ा खींचते हुए कहता है तो रूहानी उसे ही देखने लगी।रिहांश की बेहद सर्द आवाज सुन कर ही वह सेहम गई थी।ऊपर से उसकी बाते सुन कर उसकी आंखो के कोनो से आंसू अपने आप ही गिरने लगे थे।

रिहांश,अपना सर टेढ़ा कर अपने गर्दन में हाथ रख कर उसे बुरी तरह मसलते हुए रूहानी की होंठो को देखने लगा जो अब उसकी रोने से हल्के से कांप भी रहे थे।यह देख रिहांश की चेहरे पर बेहद कातिलान मुस्कान तैर गई।

रिहांश अपने नजरे उसकी होंठो पर गड़ाते हुए कहता है,""_ ना जाने कोनसा नशा है तेरे इन कांपती होंठो में,जब से चूमा है तब से लत सी लग गई है|

रूहानी को उसका पागलपन अपने लिए हर रोज बढ़ते हुए नजर आ रहा था। वह अपने होंठ ढक कर रिहांश को देखने लगी।वही उसका इस तरह करने से रिहांश की आंखे कसके बंद हो गई।

रिहांश का ओरा एक दम से बदल गया।वह गुस्से से अपने गर्दन बुरी तरह मसलते हुए ,अपने आंखे खोल कर रूहानी को देखने लगा।गुस्से से उसके आंखे एक दम से लाल हो गए थे।

वही उसे इस तरह देख रूहानी की सांसे ही अटक गई।वह धीरे से पीछे हटने लगी तो रिहांश उसे कसके पकड़ कर,अपना गर्दन टेढ़ा कर उसे गुस्से से देखते हुए कहता है,""_ में तुम्हारी होंठो को देख रहा था न रूह? फिर तुमने उन्हें ढका क्यों ? "

" अअह्ह्ह्ह रिहांश !! " दर्द से रूहानी की मु से आह निकल गई। क्यों की रिहांश की दोनो हाथ बेहद सक्ति से रूहानी के हाथ में कस गई थी।जिस वजह से रूहानी को ज्यादा ही दर्द हो रहा था।

रूहानी रोते हुए दर्द से रिहांश को देखने लगी।वही रिहांश उसे इतना दर्द में देख अपना पकड़ उसके हाथ में ढीला कर,उसके आंसू पोचते हुए उससे धीरे से कहता है,""_ रूह ज्यादा दर्द हो रहा है ? "

रूहानी उसे ही हैरानी से देखने लगी।उसके चेहरे के भाव फिर से बदल गए थे।वह इस वक्त ऐसे नजर आ रहा था जैसे रूहानी की दर्द से उसे भी दर्द हो रहा हो।

रिहांश ने फिर बोला,""_ में प्यार से देख रहा था ना तुम्हारे इन होंठो को ,फिर तुमने क्यों ढका?"

वह पागल था उसका मेंटली हालत किस हद तक बिगड़ा हुआ था यह किसी को नहीं पता था।वही रूहानी बस उसकी चेहरे पर बदलती भाव को देख रही थी।वह लगभग एक मंथ से हर पल उसके साथ ही रही थी फिर भी रिहांश उसे अभी तक समझ नही आया था।

रिहांश रूहानी की हाथो को अपने हाथो में पकड़ कर बस देख रहा था या यू कहे की अपने पागलपन में खो गया था।

तभी रूहानी बोली,""_ मैं घर कब जा सकती हू ?"

" कभी नही !! " रिहांश बिना रूहानी को देखे ही जवाब देता है तो रूहानी उसे ही डरते हुए देखने लगी।

रिहांश उसे जब जब अपने साथ ले आता था,तब वह कुछ वक्त बाद ही रुहानी को अपने घर जाने बोलता था लेकिन आज उसके इरादे कुछ अलग ही लग रहे थे। रुहानी डरते हुए उससे फिर से कहती है,""_ क्या कहा आपने ? "

रिहांश उसे ले कर लेट गया।वही रूहानी उसे ही देख रही थी।रिहांश उसके चेहरे को स्निफ करते हुए बेहद सख्त मगर धीरे से कहता है,""_ मैंने कहा अब तुम कही नही जा सकती रूह!!! "

रूहानी को बहुत रोना आ रहा था।वह उस दिन को कोसने लगी थी जब रिहांश को मिलने आई थी।वही रिहांश उसके बालों पे हाथ फेरते हुए उसे ही देख रहा था।रूहानी भी उसे ही देख रही थी लेकिन रिहांश को कुछ भी कहने का उसे हिम्मत नही हो रहा था क्यों कि रिहांश का औरा इस वक्त बिलकुल नॉर्मल नही था।

थोड़ी देर वहा खामोशी छाई रही।रूहानी तो बोलना ही बंद कर दिया था। क्यों की बोलने से कोई फायदा ही नही था क्यों की उसके बगल में लेटे हुए इंसान का दिमाग सही पटरी में बिलकुल नहीं था।

वही रिहांश की आंखो में नशा सा चढ़ रहा था।उसका हाथ अब रूहानी की गाल में चलने लगी थी।रिहांश ने धीमी आवाज में बोला,""_ तुम मुझसे पूछ रही थी ना की तुम मेरी लत हो,हां रूह लत है तू !! ये लत ऐसी लगी है की,तेरा नशा मुझसे छोड़ा नहीं जाता,बेहद नशा सा है बेहद सुकून सा है तुझमें। "

रूहानी बस अपने बड़ी बड़ी पलके बार बार झपकाते हुए रिहांश को देख रही थी।जितना उसकी हरकते पागलपन से भरी होती थी उतना ही उसके बाते। रुहानी ने कुछ नही कहा।

वही रिहांश अपनी पागलपन को जारी रखते हुए कहता है,""_ इस कदर अपनी इन नशीली निगावों से न देखा करो रूह, बड़ा ही नशा चढ़ा है तेरी लत से ,देखो मेरा क्या हाल बना दिया है ? "

रिहांश बस पागलों की तरह बोले जा रहा था।वही रूहानी बस उसे देखे जा रही थी।उसने उसकी किसी भी बात का कोई जवाब नही दिया क्यों की रिहांश की बाते जवाब देने की लायक ही नहीं थे।थोड़ी ही देर में रिहांश रूहानी को देखते देखते ही सो गया।

रूहानी अभी भी उसे ही देख रही थी।रिहांश ने उसे बेहद करीब कर सोया हुआ था।रूहानी देख रही थी की उसके चेहरे पर कितना सुकून का भाव है।

वह आराम से सुकून से रूहानी को अपने बाहों में ले कर सो गया लेकिन रूहानी ,,!! रूहानी की आंखों में कतरा कतरा भी नींद नहीं था।

दूसरी तरफ,,,

रघुवंशी निवास,,जो हाल रूहानी का था वही हाल ऋषभ,प्रीति, विधि और नित्या का भी था।विधि और नित्या रोते हुए प्रीति के पास ही बैठे हुए थे।

वही ऋषभ सुन्न हो कर एक चेयर पर बैठे हुए थे।आज जो भी तमाशा हुआ था उससे उन्हें ज्यादा ही बेजती मेहसूस हुई थी।घर में इस वक्त वह चार लोग ही बचे थे।सारे मेहमान भी जा चुके थे।उनके होते हुए भी वहा इस वक्त एक दम सन्नाटा पसरा हुआ था।

थोड़ी देर बाद ऋषभ उठ कर प्रीति के पास आ कर विधि और नित्या से कहता है,""_ जा कर अपना सामना पैक करो हम सब अभी गड़चिरोली जा रहे है| "

ऋषभ की बात सुन कर प्रीति,विधि,और नित्या तीनों की आंखे हैरानी से बड़ी हो गई।उन्हें नही लगा था की ऋषभ उन्हें ऐसा कुछ बोलेगा।

प्रीति रोते हुए ऋषभ से कहती है,""_ यह आप कैसी बाते कर रहे है ऋषभ जी ?रूह को वह इंसान कहा ले गया होगा ? हमे उसे डूंडना चाहिए, ना कि यह से भागना चाहिए|

ऋषभ प्रीति को ही देख रहा था।वह विधि और नित्या को देख थोड़ा सख्त आवाज में कहता है,""_ तुम दोनो को जो कहा है वह जा कर करो !! "

ऋषभ का चेहरा गुस्से से भरा हुआ था।वही उसे इस तरह गुस्से में देख विधि और नित्या एक नजर प्रीति को देख कर अपने अपने रूम में चले गए।

वही प्रीति रोते हुए उससे फिर से बोली,""_ ऋषभ जी प्लीज आप रूह को वापस लाइए,पता नही वह इस वक्त किस हाल में होगी ,कैसी होगी ?हम ,,हम पुलिस स्टेशन चलते है ऋषभ जी ,जरूर हमे पुलिस मदद करेगी।"

ऋषभ प्रीति को ही देख रहा था। रो रो कर उनका हालत भी खराब हो गया था। ऋषभ उससे बोला,""_ प्रीति जी,वह आदमी कोई छोटा मोटा नहीं है रिहांश आर्यन है और उसके खिलाफ पुलिस भी हमारा कोई मदद नहीं करेगा !!! "

" तो आप ऐसे ही रूह को उसके पास मरने देंगे ! " ऋषभ की बात सुन कर प्रीति थोड़ा गुस्से में बोली तो ऋषभ थोड़ी देर चुप हो गया।फिर वह उठ कर रूम में चला गया।

प्रीति को रूहानी के लिए बहुत डर लग रहा था।रिहांश को उसने आज ही पहली बार देखा था वह किसी भी तरह उन्हें नॉर्मल ही नही लगा था।

थोड़ी देर बाद ऋषभ अपना और प्रीति का बैग पैक कर बाहर आ जाता है।वही प्रीति उसे ही हैरानी से देख कुछ कहने को हुई की तभी ऋषभ, विधि और नित्या को आवाज देते हुए कहता है,""_ नित्या,विधि जल्दी आ जाओ,तीन बजे ट्रेन है हमे निकलना है|

प्रीति थोड़ा तेज आवाज में चिल्लाते हुए कहती है,""_ यह आप क्या कह रहे है ? हम इस तरह रूह को छोड़ कर नहीं जा सकते ऋषभ जी आप पहले रुह को डूंड लाइए फिर हम साथ में चलते है |

प्रीति की बात सुन कर ऋषभ भी गुस्से से कहता है,""_ बस करो प्रीति ,अब एक शब्द भी नहीं !! "

ऋषभ के दिमाग में इस वक्त क्या चल रहा था यह बताना फिलहाल मुश्किल था।वही प्रीति ,विधि और नित्या हैरानी से ऋषभ को देख रहे थे।एक बाप हो कर वह कैसे अपनी बेटी को इस तरह छोड़ कर जा सकता है ?

ना चाहते हुए भी उन तीनो को ऋषभ के साथ वहा से जाना पड़ा।

आर्यन मेंशन,,,

श्रेया का रूम,,

श्रेया भी इस वक्त आर्यन मेंशन में ही थी।रूहानी की परिवार का जिस तरह आज नींद उड़ा हुआ था उसी तरह उसका भी उड़ा हुआ था।वह रिहांश से बहुत प्यार करती थी लेकिन उस पागल इंसान ने उसे आंख उठा कर एक बार भी देखा ही नही था।

श्रेया का रूम का हालत इस वक्त बहुत ही खराब हुआ था क्यों की उसने रूम में ज्यादा ही तोड़ फोड़ किया था।

रिहांश का रूम ,,,

रूहानी अभी भी रिहांश को देख रही थी। रो रो कर रूहानी की आंखे सूझ गए थे। वह इस वक्त अपने नम आंखों से रिहांश को देख रही थी जो उसे पकड़ कर किसी बच्चे के तरह सो गया था।

रूहानी धीरे से उससे अलग होने लगी,लेकिन रिहांश का पकड़ मजबूत था।वह चाह कर भी उसका हाथ तक हिला नहीं पा रही थी।

ऋषभ रघुवंशी ने अचानक से शहर क्यों छोड़ा? क्या इसके पीछे कोई वजह है ? कैसे बचेगी रूह,रिहांश की पागलपन से ? जानने के लिए पढ़ते रहिए ,

" लत है तू!! "