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chapter 38

नैंसी यूनिवर्सिटी से जैसे ही अपने घर आती है तो उसे दोबारा फ़ोन पर अपनी मां और बहन से उनके घर पर जाने का इनविटेशन मिलता है.. उन्होंने कहा अंकल राय विदेश से लौटकर आ गए हैं और उसे रात के खाने के लिए इनवाइट करना चाहते हैं

मालिनी के घर जाने से पहले नैंसी कुछ देर तक अंदर अपने कमरे में खड़ी रही

नैंसी को जाते देख ब्लैक थोड़ा परेशान हुआ उसने वीर से पूछा

" जब मॉमी उन लोगो को पसंद नहीं करती है तो वह उन लोगों के घर क्यों जाती हैं? "

" तुम्हारी मम्मी की कुछ मजबूरियां है.. तुम उनसे इस बारे में कोई सवाल मत करना.. ठीक है "

जब नैंसी कार से राय फैमिली एंट्रेंस गेट पर उतरी तो मालिनी उसका वेलकम करने के लिए आगे आई जब उसने नैंसी को काले कपड़ों में देखा तो वह अपने आप को नैंसी को घृणा की नजरों से देखने से नहीं रोक सकी

यह लड़की हमेशा डार्क और काले कपड़े क्यों पहनती है क्या यह लाइट कपड़े नहीं पहन सकती

बेबाक एक्सप्रेशन के साथ नैंसी... मेलोडी के साथ बिल्ला की ओर चलने लगी

मालिनी ने उसे याद दिलाया

" आज तुम्हारे अंकल राय घर पर ही हैं.. इस घर में सिर्फ उनकी ही चलती है किसी में हिम्मत नहीं है कि उनके खिलाफ जा सके.. इसलिए पिछली बार जो तुमने उनकी खरीदी हुई पेंटिंग को नकली कहा था इस बार ऐसी कोई गलती मत करना.. मैं तुम्हारे भले के लिए ही कह रही हूं.. नहीं तो लवासा जैसे शहर में तुम्हें दोबारा आने मैं कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.. क्या तुम्हें समझ में आया? "

कुछ सेकंड रुकने बाद मालिनी ने अपनी बात जारी रखी

" आज पश्चिमी देश के फेमस पेंटर जोसफ टर्नर हमारे मेहमान के रूप में राय फैमिली में आए हैं.. यह तुम्हारी बहन के आर्ट टीचर है.. जब तुम उनसे मिलोगी तो ऐसा कुछ मत कहना जिससे तुम्हें हंसी का पात्र बनना पड़े और तुम्हारी वजह से मेरे पति को सबके सामने शर्मिंदा होना पड़े.. ठीक है? "

नैंसी ने कहा " जोसफ टर्नर? "

मालिनी के चेहरे पर घृणा साफ झलक रही थी

" क्या हुआ? क्या तुमने मिस्टर जोसफ टर्नर के बारे में सुना है? .. भले ही तुमने उनके बारे में इंटरनेट पर छोटी मोटी बातें पढ़ी हो.. फिर भी तुम बोलने से पहले सावधानी बरतना.. ठीक है "

नैंसी ने अपनी मां की ओर देखा और अपने पतले होठों को हल्के से दबा कर हसने लगी

........

बढ़े से लिविंग रूम में जोसेफ.. नायला और जयदीप राय एक साथ बैठकर वेस्टर्न पेंटिंग की बात कर रहे हैं

मिस्टर जोसेफ की उम्र 60 साल की थी और ग्रे बालो से भरा सिर था.. वो थोड़े अभिमानी व्यक्ति थे.. आखिरकार वह एक फेमस वेस्टर्न पेंटर है इसलिए अभिमान होने का उनका अधिकार था

मालिनी ने नैंसी को जयदीप से मिलवाया

" जयदीप.. यह नैंसी है.. जिसके बारे में तुमसे बात की थी "

जयदीप ने नैंसी पर नजर डाली.. इस बात को कोई नकार नहीं सकता कि वो दिखने में बेहद ही खूबसूरत है... लेकिन उसकी नज़रो मैं.. भले ही वो कितनी ही खूबसूरत क्यों ना हो.. उसकी पहचान उन गांव के जंगली लोगो की तरह ही रहेगी जिनके साथ यह पली-बढ़ी है.. अगर मालिनी ने उसके लिए एक लड़के को जन्म नहीं दिया होता तो वो जंगल में रहने वाली इस लड़की को अपने घर में एक कदम भी नहीं रखने देता

नायला ने जब जयदीप की आंखों में नैंसी के लिए घृणा के एक्सप्रेशन देखे तो वो दिल ही दिल में बहुत खुश होती है

मिस्टर जोसफ ने नैंसी पर एक नजर भी नहीं डाली और नायला से कहा

" नायला मैंने सुना है तुमने लंदन की टेम्स नदी का मैप बनाया है.. मुझे उसे देखना है "

नायला ने हाँ मैं सिर हिलाया और अपने साइड में रखी पेंटिंग को खोलकर कॉफी टेबल पर बिछा दी.. पेंटिंग देखकर मालिनी की आंखें गर्व से भर गई.. उसकी बड़ी बेटी ने वास्तव में उसे बहुत प्राउड फील करवाया है.. ना केवल वो सुंदर और चतुर है बल्कि बहुत टैलेंटेड भी है

एक बेटा होने के अलावा भी नायला के टैलेंट ने भी मालिनी को राय फैमिली में मजबूत पैर जमाने में बहुत मदद की है

पेंटिंग देख कर जोसफ ने अपनी ठुड्डी सहलायी और नायला की तारीफ कि

" नायला.. मुझे देखकर गर्व हो रहा है कि तुमने मेरे सिखाने से केवल तीन ही सालों में बहुत कुछ हासिल कर लिया है"

यह सुनकर नैंसी हंस पड़ी

नायला ने उसका उपहास किया

" तुम हंस क्यों रही हो नैंसी.. क्या तुम आर्ट के बारे में कुछ जानती हो?

नायला उसे उकसा रही थी.. इस उम्मीद के साथ कि वह नैंसी को फेमस पेंटर के सामने अपमानित कर सके

नैंसी ने शांत भाव से कहा

" तुम्हारी पेंटिंग सिर्फ एवरेज है "

जोसफ ने उसे घूरते हुए कहा

" तुम बता सकती हो... यह पेंटिंग कैसे एवरेज है? "

नैंसी ने अपनी आइब्रो उठाई और आगे कोई कमेंट नहीं किया

नायला ने फिर उसे उकसाना चाहा और कहा

" तुम बता क्यों नहीं रही हो?.. हमें जानना है तुम्हारी नजरों में यह पेंटिंग कैसे एवरेज है? "

नायला एक महान पेंटर के सामने.. नैंसी को अपमानित होने का और इंतजार नहीं कर सकती है