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जर्नी टू अनॉदर वर्ल्ड

बदनसीबी का कोई चेहरा होता, तो वो बिलकुल मेरे जैसा होता। हेलो दोस्तों, मेरा नाम सूरज पाटिल है और मै दूसरी दुनिया मे फस गया हु। जिसे हम 'पैरेलल वर्ल्ड' के नाम से जानते है। ये सब कब, कैसे हुआ, पता नही... पर इतना जरूर पता है की, मेरी अच्छी-खासी लाईफ की एक झटके मे बँड बज गयी है। हे भगवान, ये सब मेरे साथ ही होना था?

D_World · Fantaisie
Pas assez d’évaluations
13 Chs

Chapter 08- न्यू टर्न इन स्टोरी

हम दोनों बिल्डिंग के निचे खड़े थे। पीजे ने कार के ऊपरसे मैला कपड़ा हटाया। कार बहुत पुरानी लग रही थी।

मैंने कार को देखते कहा, "बहुत पुराना मॉडल लग रहा है !"

"25 साल हो गए इसको। फिर भी एकदम नये जैसी है।", बोलके पीजे कार मे बैठ गया।

मैने दरवाजा खोलने की कोशिश की पर... वो एकदम टाइट था।

"जोर लगाओ।", पीजे ने कहा।

मैंने जोर से झटका देकर दरवाजा खोला। मै अंदर बैठ गया, सीटबेल्ट लगा लिया।

पीजे अपनि चाबीयोंके गुच्छेमे से कार की चाबी ढूंढने लगा। मैंने उससे कहा,

"मै एक बात नहीं समझ पाया। की अगर मै मर गया तो बाकि दुनिया मे मौजूद मेरी रेप्लिका भी मर जाएगी।"

"बिलकुल।", गुच्छे मे व्यस्त पीजे ने कहा।

"बट ये कैसे पॉसिबल है?"

"पैरेलल वर्ल्ड का मतलब क्या है?", वो हर चाबी ट्राय करते हुए बोला।

"similar दुनिया।", मैंने कहा।

"सिर्फ उतना ही नहीं। एक आदमी हर पैरेलल वर्ल्ड मे मौजूद होता है। अगर उनमे से एक मरा और बाकि जिन्दा रहे, ये विरोधाभास को दर्शाती है। "

"मतलब? "

"सिंपल बोलू तो, एक आदमी हर पैरेलल वर्ल्ड मे मौजूद होता है, ये बात तो तू मानता है ना? "

"हाँ। "

"या तो एक आदमी सभी दुनिया मे मौजूद होगा या फिर किसी भी दुनिया मे मौजूद नहीं होगा।"

"ओह्ह... अब समझ आया। ", मैंने हैरानीसे कहा। मैंने आगे बोला,

"एक बात बताओ। जैसे यहापर लाखो यूनिवर्स है। अगर मै यहाँ पर अभी मरा, तो बाकि यूनिवर्स से मेरा वजूद झटसे मिट जायेगा, ये बात कुछ हजम नहीं हो रही। "

पीजे ने मेरी ओर देखा और कहा, "भगवान पर विश्वास रखते हो?"

"...हाँ। ", मैंने कंफ्यूज होके बोला।

"जब तुमने जन्म लिया तो, बाकि पैरेलल वर्ल्ड मे भी तुमने जन्म लिया। जन्म के वक्त ही उसकी मृत्यु तय होती है। उसका एक निश्चित समय होता है। तुम मरे तो बाकि भी मर जायेंगे, ये झूठ बात है। तुम सब एकसाथ मरोगे, ये सच है। बस उसका तरीका अलग होगा। इस दुनिया मे अगर तुम गोली खाकर मरे, तो शायद दूसरी दुनियामे सेम टाइम पे तुम एक्सीडेंट मे मरोगे, तीसरी मे शायद तुमने खुदख़ुशी कर लि होंगी। मौत का समय निश्चित है। उसके समय पर वो आएगी। "

पीजे को कार की चाबी मिल गयी। उसने आगे कहा,

"इसलिए तुम मरे तो वो मरेगा। या वो मरा तो तुम... ", पीजे खुद कंफ्यूज हो गया, "साला ये इतना पेचीदा क्यू है? कभी कभी मेरी बाते मुझे ही कंफ्यूज कर देती है। "

पीजे ने कार चालू कर दी। कार एक बड़ी आवाज के साथ शुरू हो गयी। वो कुछ ज्यादा ही वाइब्रेट कर रही थी। उसने गियर डालके मेरी ओर देखा,

"स्पीड से डर लगता है? "

"न... नहीं... थो... थोड़ा... "

"सीटबेल्ट बांधो. i dont like slow things."

पीजे ने अक्सालारेटर पे पैर रखा और हमारी सवारी निकाल पड़ी।

*-*-*-*-*

रात के 9बज गए थे। रात के सन्नाटे मे हमारी गाड़ी हवामे शोर मचाते हुए चल रही थी। 30km की स्पीड से।

मै बहुत पक गया। पिछले आधे घंटे से हम इसी स्पीड पे चल रहे थे। शायद, 30km की स्पीड पीजे केलिए फ़ास्ट थी।

"डर तो नहीं लग रहा ना? ", उसने सामने देखते हुए बोला।

"नहीं। ", मैंने भैस ना करते हुए बोला।

"बुरा मत मानना पर मुझे गाड़ी तेज चलाने की आदत है। "

"हाँ, दिख रहा है। "

पीजे का पूरा ध्यान गाड़ी चलाने पर था। शायद, वो उसे बहुत चाहता था। पीजे ने मुझसे कहा,

"वहां पर जरा सोचसमझ के बात करना।"

"क्यों? "

"तेरा रिश्तेदार नहीं है वो। तू बकवास करेगा और वो सुनेगा। मार देगा वही पर। ", वो चिल्लाते हुए बोला।

"सोच के ही बोलूंगा। "

और फिर से गाड़ी मे शांति छा गयी। वो गाड़ी चलाये जा रहा था, मै चुपचाप बैठा था। और मेरे दिमाग़ मे एक चीज आ गयी और मै मन ही मन हँसा। पीजे की नजर से मेरी हसीं छुटी नहीं।

"क्या हुआ? ", पीजे ने पूछा।

"कु... कुछ नहीं।", मैंने हसते हुए बोला।

"हस क्यू रहा है फिर? ", पीजे ने भी हसते हुए पूछा।

"यार मै ना पहले बहुत परेशान हो गया था। पर तुमने जबसे मदद करने का वादा किया है, तब से अच्छा लग रहा है। "

"और अब तो तू खुद से मिलने जा रहा है। "

"मतलब जरा सोच के देखो। मै खुद से मिलने जा रहा हूँ। कितना अमेजिंग है ना। मै दुनिया का पहला आदमी हूँ, जो अपने आप से मिलने वाला है। मै तो बहुत एक्साइटेड हूँ।"

"तू दुनिया का पहला आदमी है, जो खुद के हाथोसे मरने वाला है।", कहके पीजे जोर से हसने लगा।

"अबे तू हर बात पे डरा क्यू रहा है ! एक तो साला हिम्मत जुटाके जा रहे है और ऊपर से तू है की... "

"अच्छा सॉरी।"

हमारी गाड़ी ने लेफ्ट टर्न लिया।

"तुझे कुछ फील हो रहा है?", मैंने कहा।

"कैसा फील?"

"किसी मिशन पे निकले है, ऐसा लग रहा है ना!"

"पता नहीं क्यू, पर मुझे बहुत मजा आ रहा है। मै ना बचपन से ही ऐसा thirll जैसा कुछ करना चाहता था।... पर कभी मौका ही नहीं मिला। लाइफ हो तो ऐसी यार। हर दिन कुछ नया।"

मेरी नजर सामने शोकेस पे रखे फ्लावर पॉट पे गयी। उसके अंदर के फूल मुरझाये हुए थे।

"ये कार मे क्यू रखा है तूने?",मैंने उस मुरझाये फ्लावर पॉट को हाथ मे लेते हुए कहा।

"अरे उसे कुछ मत कर।", पीजे चिल्लाने लगा।

"क्या हुआ? "

"पहले उसे निचे रख। कुछ हो जायेगा।"

"अरे रख रहा हूँ यार। वैसे इतना क्या खास है इसके अंदर!",

ऐसा कहके मै उस पॉट को रखने ही वाला था तभी...

एक गोली उस पॉट को चीरते हुए चली गयी...और पॉट मेरे हाथ मे किसी बम की तरह तहस-नहस हो गया। उसी के साथ पीछे से गोलियों की आवाजे आने लगी।

हमारे पीछे दो गाड़िया लगी थी। हमपर गोलियों की बरसात करते हुए। हम दोनों की फट गयी। पीजे ने गाड़ी की रफ़्तार बढ़ा लि और किसी फ़िल्म की तरह हमारा चेज शुरू हुआ।

मैंने डरके मारे चिल्लाते हुए पीजे से बोला,

"अरे कौन है ये लोग? "

"गैंगस्टर के बहुत दुश्मन होते है।", उसने डरके मारे चिल्लाया।

वो गाड़िया पीछे से हमें टक्कर मारने लगे। हमने गाड़ी को राइट को घुमाया...

"अबे गाडी भगा जल्दी!", मैंने चिल्लाया।

"भगा नहीं तो क्या कर रहा हूँ! हे भगवान, कहाँ इसकी बातो मे आके फस गया !", पीजे रोने लगा।

हम दोनों की हालत रोते बच्चे जैसी हुयी। मैंने साइड मिरर मे देखा, वो लोग तेजी से हमारा पीछा कर रहे थे। तभी एक गोली उस साइड मिरर को लगी और वो टूट गया। मैंने पीजे को कहा,

"राइट मे ले ले। राइट मे!"

"मुझे नहीं पता, गाड़ी कहाँ जा रही है।"

"अबे भगा जल्दी!"

"फुल स्पीड तो है गाड़ी!"

"अबे 60 के उपर भगा ना!"

"अबे चुप ! तू चला ले खुद"

...और क्या, ड्राइविंग सीट पे मै बैठ गया।

मैंने गाड़ी का रेस पूरा खींचा और गाड़ी फुल स्पीड मे दौड़ने लगी। पीजे अपनी सीट को पकड़के, आँखे फाड़े देखने लगा। हम कितनी भी कोशिश करें, हमारी गाडी थी एवरेज...उनकी गाडी का मुकाबला कैसे कर पाती। पीछे से गोलिया चल रही थी। कुछ गोलिया तो, कान के पास से निकल रही थी। हम दोनों बहुत डरे थे। डरके मारे गाड़ी, जहां रास्ता दिखे, वहां भगा रहे थे। मौत...मौत जब सामने आती है, तब अच्छे अच्छोकी बोलती बंद हो जाती है।

तभी...एक गोली हमारी गाड़ी के टायर को लगी... फुसस्स... गाड़ी का बैलेंस बिगड़ गया। हम चिल्लाने लगे। और गाड़ी स्पीड मे एक खम्बे से जा टकराई।

हम दोनों ने पहले खुद को चेक किया। हम बिलकुल सही सलामत थे। पीजे के चश्मे का एक कांच टूट गया था। हमें गाड़ियों की ब्रेक की आवाजे आयी। 6-7 आदमी हमारी ओर गन तानके आ गए। उनमे से एक आदमी ने मुझे बाहर निकलने का इशारा किया। मैंने झूठा हसते हुए कहा,

"अरे भाई साब, आपको गलतफहमी हुयी है। मै वो नहीं जो आप... "

उसने तुरंत गन लोड कर दी और मैं मेरी बात रोकके, बाहर उतर गया। दूसरे आदमी ने पीजे को इशारा किया। पीजे ने कहा,

"भाई, मै इसे नहीं जानता। इसने तो बस मुझसे लिफ्ट मांगी थी।"

उस आदमी ने फिर से इशारा किया और पीजे चुपचाप बाहर निकला। मेरी ओर देखते हुए बोला,

" फालतू मे तेरी चक्कर मे फस गया।"

हम दोनों के ऊपर 6-7 लोगो ने गन तानी थी। और हम हाथ ऊपर करके किसी आरोपी की तरह खड़े थे। हमने किसी 2 साल के बच्चे जैसा मुँह किया था। शायद मुँह देख के छोड़ देते।

अब आपको पता चला होगा की, ये रात रोमांचक के साथ भयानक क्यू है। बचपन मे कराटे वगैरा कुछ सीखा होता तो, कितना अच्छा होता। पर अभी का वक्त कुछ ओर था। उनके इशारे पे हम उनकी गाड़ियों मे जा बैठे। और गाडी निकल पड़ी... स्टोरी को नया टर्न देते हुए...

-go to next chapter...

"i think, मेरे जैसा badluck किसी का नहीं होगा।" - सूरज

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