<p>जियान ने तुरंत जवाब दिया जब हमारा और तुम्हारा मकसद एक ही है तो इसमें सहायता की कोई बात नही । जियान के कहने का मतलब था की वो लोग लीं के समर्थन में है और जियान जानता था कि कहीं न कहीं सोवी भी तैयार है! अरे अब आगे क्या होगा मास्टर शिन जुई ने कहा ! क्युकी शिन जुई अपने मास्टर के हालत को समझती थी वो जानती थी कि जियान का लीं, के तरफ आकर्षण सोवी को दुख पहुचा रहा है। लीं ने कहा आगे हमे कल रात होने का इंतजार करना होगा । कल की मध्य रात में कुछ पल के लिए चैंग की शक्तियां कम होगी क्युकी उसे अपनी शक्तियों को बढ़ाने के लिए योद्धाओं के पवित्र स्पिरिट की आवश्यक्ता होती हैं और माह में एक चंद्र रात होती हैं उसी दौरान वो योद्धाओं की स्पिरिट को हासिल करता है इसी बीच कुछ घंटो के लिए उसकी शक्ती कुछ कम होती है और चैंग के थोडा कमजोर होते ही महल में पहरा दे रहे सिपाहियो की शक्ती भी कमजोर होती है वो समय हम लोगों के लिए एक अच्छा अवसर हो सकता है महल में प्रवेश करने का! <br/>शिन जुई ने कहा "यानी हमे कल रात तक इंतजार करना पड़ेगा? <br/>लीं ने कहा हां ! और आज रात हम चारो को इसी घर में रुकना होगा ! यहां हम चारो सुरक्षित है हालांकि ये झोपड़ी शायद तुम लोगों के लायक नहीं है मुझे तो अब आदत हो चुकी है! माफ करना मैं तुम लोगों के लिए कुछ बेहतर नहीं कर सकतीं हूं!<br/>जियान ने हंसते हुए कहा मुझे तो बचपन से आदत है मां, और पिता के गुजर जाने के बाद चाची मां अक्सर मुझे सजा देने के लिए ऐसे घर में बंद कर देती थी।<br/>सोवी ने जियान के उदासी भरे चेहरे को देखा! वो जानता था जियान भले ही राजकुमार है लेकिन उसने कभी भी राजकुमारो जैसा कुछ हासिल नहीं किया सोवी ये भी जानता था कि दुनियां में एक वही है जो जियान को बिना कोई लालच के सच्ची खुशी दे सकता था! सोवी ने जियान के सर पर हाथ फेरते हुए कहा तुम शायद बचपन से शैतान थे। लेकिन जियान ने सोवी को सुन कर भी कुछ खास प्रतिक्रिया नही दी! और सोवी को एक बार फिर बुरा महसूस होने लगा!<br/>शिन जुई ने तुरंत बाद बदल दिया, ओह तो हम यही रहेंगे कल रात तक और फिर उसने सामने पड़ी चटाई पर बैठते हुए कहा! हां कोई परेशानी नहीं है मुझे भी मेरे मास्टर के साथ मुसीबतों से लड़ने की आदत है वो भी बचपन से।लीं ने कहा अच्छा तुम विधार्थी हो? और तुम राकुमार सोवी को मास्टर बोलती हो?<br/>शिन जुई ने कहा "हां बचपन से!<br/>सब बहुत थके हुए थे पूरा दिन का रास्ता तय किया हुआ था सोवी भी वही बैठ गया । जियान को लग रहा था कि कोई बात है जो सोवी उदास है लेकिन उसे अंदाजा भी नही था कि लीं और जियान को लेकर वो चिंतित था। जियान ने भी सोवी के पास बैठते हुए धीरे से कहा "कही ये प्यार का असर तो नही है मेरा मतलब लीं इतनी खुबसूरत है कही तुम्हे उससे प्यार तो नही हो गया है! आह्ह्ह्ह्ह लग तो ऐसे ही रहा है। जियान की बात सुन कर सोवी ने उसे बहुत गुस्से से देखा! <br/>जियान ने कहा हां ठीक है ठीक है। इतना घूर क्यो रहे हो! <br/>हालांकि जियान ने बहुत धीरे से कहा लेकिन शिन जुई ने सुन लिया क्युकी वो उन दोनो के पास ही बैठी थी। हालांकि लीं जियान की बात को सुन नहीं पाई थी।<br/>हां तो तुम कर लो शादी बेवकूफ! लीं इतनी पसंद है तो। शिन जुई चिढ़ते हुए बोली। और इस बार लीं ने सुन लिया लेकिन उसने शिन जुई की बात को नजरंदाज किया। हालांकि लीं जियान को कुछ चोर भरी नजरो से बार _बार निहार रही थी!<br/>सोवी ने फिर शिन जुई को गुस्से से देखा। जियान और शिन जुई दोनो की हरकते तो एक जैसी थी लेकिन दोनो को क्या पता था कि उन दोनो की बाते सोवी को कितनी तकलीफ दे रही है ।<br/>शिन जुई अपने मास्टर के हाव भाव से समझ गई थी कि सोवी को बेहतर महसूस नही हो रहा था जियान कुछ बोलता उससे पहले उसने देखा कि सोवी ध्यान मुद्रा में बैठ गया है तो उसने सोवी से कुछ न बोलना बेहतर समझा।<br/> लीं ने उन लोगों के सामने आग जला दी ताकि सर्द मौसम उन लोगों पर हावी न हो जाय और ख़ुद आग के सामने आकर बैठ उसने सोवी को ध्यान मुद्रा में बैठे देख शिन जुई से कहा तुम्हारे मास्टर ऐसे ही शान्त रहते हैं?<br/>शिन जुई ने तुरंत कहा हां मेरे मास्टर ऐसे ही शान्त रहते हैं अगर जरूरत न हो तो मास्टर बोलते नही है । मैने बचपन से मास्टर को ऐसे ही देखा है।<br/>जियान,शिन जुई की बात सुन कर बहुत जोर से हंसा और जियान को हंसते सुन कर सोवी अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाया और उसने आंख खोल कर जियान को देखा और जियान को हंसते हुए देख कर सोवी को अच्छा लग रहा था।<br/>शिन जुई ने कहा तुम क्यो हंस रहे हो बेवकूफ?<br/>जियान ने कहा तुमको लगता है तुम्हारे मास्टर बोलते नही है "अगर जरूरत नहीं हो तो ! तुम सीधा क्यों नहीं कहती हो कि सोवी नियाहयती खडूस और कठोर इंसान हैं जिसके पास भावना जैसा कुछ है ही नहीं । जिसके पास भावनाएं नही होतीं हैं उनके पास बोलने के लिए भी कुछ नहीं होता है! <br/>शिन जुई बोली_जिस दिन सच जानोगे और मास्टर को समझ जाओगे शायद उस दिन तुमको दर्द जरूर महसूस होगा! शिन जुई आगे कुछ बोलती उससे पहले सोवी ने शिन जुई को कुछ न बोलने का इशारा कर दिया और एक बार फिर शिन जुई अपने दिए हुए वचन के कारण चुप हो गई।<br/><br/>जियान ने कहा मुझे भला दर्द क्यों महसूस होगा? वो भी उस इंसान के लिए जिसने बस मुझे स्वान कबीले में बड़ी बड़ी सजाए दी है, और जिसे मैं कुछ खास पसंद नहीं करता हूँ,जियान ने हंसते हुए कहा।<br/>जियान ने लीं को देख कर कहा आप अपने बारे मे बताओ राजकुमारी ।<br/>जियान की बात को बदलते हुए शिन जुई बोली मास्टर मुझे भूख लगी है ! <br/>लीं बोली "हमे रात होने का इंतजार करना चाहिए। इसके बाद मै तुम लोगों के लिए कुछ खाने का इंतजाम कर दुगी! यहां के लोग गुप्त रूप से मेरी मदद करते हैं हमें रात में खाना मिल जायेगा !<br/>जियान ने उठते हुए कहा मै बाहर जा रहा हूं अखरोट लाने और वो सोवी से बोला तुम लीं और अपने विधार्थी को देखना । मैं बस कुछ देर में आ रहा हूं!सोवी ने जियान का हाथ पकड़ते हुए कहा तुम रुको मैं तुम लोगों के लिए अखरोट लाता हूं!<br/> जियान ने हाथ छुड़ा कर कहा तुम मुझे अच्छे से जानते हो जब कोई मुझे किसी चीज़ के लिए मना करता है तो मै उतना ही उसी चीज को करता हूं !बेहतर होगा तुम यहीं रुको ।<br/>जियान सोवी से कौड़ी लेकर बाहर चला गया!<br/><br/>शिन जुई ने कहा मास्टर मुझे उतनी भी भूख नही लगी थी मैने तो बस ऐसे ही बोल दिया था जियान इतना जिद्दी और घमंडी क्यो है!<br/><br/>सोवी ने जवाब दिया "डरो मत उसे कुछ नहीं होगा ! वो एक बेहतरीन योद्धा है और मुझे उस पर खुद से ज्यादा भरोसा है । <br/><br/>,,,,,,,,,,, वाकई ये आज भी उतना ही जिद्दी है जितना बचपन में हुआ करता था लीं ने कहा!<br/><br/>लीं के मुंह से ऐसा कुछ सुन कर शिन जुई और सोवी दोनो अचंभित थे! <br/>क्या? लीं जियान को बचपन से जानती थी?<br/>पहला सवाल सोवी और शिन जुई दोनो के मन में यही आया!</p>