Chapter - 14
एक दिन जब शिद्दत बाहर अपने कुछ साथियों के साथ शहर के बाजार में घूम रही थी तो चलते - चलते उसे ताई दिखा जो एक छोटे से बच्चे के कपड़ों पर लगे धूल को साफ कर रहा था वो इस वक़्त घुटनों के बल बैठा था l
और वो जहां पर था वहाँ के लोग बिल्कुल ही साधारण लग रहे थे और उनके साथ ताई भी साधारण बन गया था शिद्दत उसके थोड़ी दूर खड़ी होकर उसके बर्ताव को देख रही थी वो इस वक़्त उसके अच्छे काम को नहीं बल्कि उसे देख रही थी उसकी एक साथी ने ताई को देखते हुए कहा - राजकुमार ताई तो बहुत ही दयालु और अच्छे इंसान हैं l
दूसरी ने कहा - इनमें वो सारी चीजें वो सारे गुण हैं जो कि कई इंसानों को जोड़ने पर भी नहीं मिलेगी एक दयालु हृदय है, अच्छे इंसान, एक अच्छे योद्धा, एक राजकुमार, एक शासक हैं, एक महान धनुर्धर, सर्वश्रेष्ठ गुरु, और खास कर एक प्रेमी हैं l
पहली वाली लड़की ने कहा - हाँ तुमने सही कहा ऐसा कुछ नहीं जो गुरु जी नहीं कर सकते हैं l
शिद्दत उन की बातें सुन रही थी और उसने उनसे कहा - इसमें कौन सी बड़ी बात है ये तो कोई भी कर सकता है l
तो उसकी एक साथी ने कहा - नहीं अनाया हर राजकुमार, राजकुमार ताई की तरह नहीं हो सकता l
शिद्दत ने कहा - अच्छा ठीक है अब बस करो चलो अब चलते हैं कबीले में वापस नहीं तो अभी आसमान बरसने लगा तो फिर भीगते हुए जाएंगे l
वो सभी वहाँ से चली जाती हैं शिद्दत अपने कमरे में आती है और आइने के सामने खड़ी उन ल़डकियों की कही बात और ताई के बारे में सोचने लगती है l
वो खुद से परेशान होते हुए कहती है - बस बहुत हुआ मैं कितना सोचूँ उन्हें मैं अपने दिमाग से कितना निकालने की कोशिश करती हूँ लेकिन वो निकलते ही नहीं l
क्योंकि वो तुम्हारे दिल में बस चुके हैं, शिद्दत ने पीछे पलटकर देखा तो दीया और उसकी कुछ खास साथी हैं l
एक लड़की शिद्दत के पास आयी और उसने शिद्दत के पीछे खड़ी होकर उस के कान के पास कहा - दिमाग में होते तो कब के निकल गए होते लेकिन वो यहां दिल में बस चुके हैं l
उस लड़की ने उसके सीने पर हाथ रख कर कहा l
शिद्दत ने कहा - तुम सब पागल हो गई हो ऐसा कुछ नहीं और वैसे भी मैं उन्हें नहीं सोच रही थी तो इसलिए तुम सब ज्यादा मत सोचो l शिद्दत आकर बिस्तर पर बैठ गयी l
अरे तुम समझ नहीं रही हो राजकुमारीयों के लिए कुछ नियम है और उन्हें निभाना जरूरी है लेकिन प्यार में कोई नियम नहीं होता हाँ पाबंदियां हो सकतीं हैं l
और सबसे बड़ी तो यही है कि तुम ये बात नहीं मान रही और देखना जैसे तूने उन्हें अपने यहां दिल में बसाया है वैसे ही वो भी तुझे पसंद करते हैं, उस लड़की ने उसके सामने बैठते हुए कहा l
शिद्दत ने कहा - तुम सब सच में पागल हो ऐसा कुछ नहीं वो किसी और के इंतजार में हैं और तुम सब मुझे उनका इंतजार बना रही हो l
देखना एक दिन ये बात जबान पर जरूर आएगी और तब तुम इसे स्वीकार करने से नहीं रोक सकती l
शिद्दत सोचने लगती है उनकी कही बातों को वो सभी कहती हैं - अच्छा हम चलते हैं l
शिद्दत ने हम्म... कहा और वो सभी वहाँ से जाने लगती हैं तभी उनमें से एक लड़की आती है और उसके कान के पास आकर धीरे से कहती है - तुम अपने तीसरे चरण पर पहुंच चुकी हो तुम्हें पता है न तीसरा चरण क्या है l
और उसने उसे एक चिट्ठी भी दी और वहाँ से चली गयी शिद्दत ने खुद से हैरानी से कहा - तीसरा चरण l
उसने वो चिट्ठी खोली और उसे पढ़ने लगी उसमें लिखा था प्यार का पहला चरण - जब तुम दोनों पहली बार मिले थे और एक दूसरे में खो से गए और बस खोते गए और वो था आकर्षण l
प्यार का दूसरा चरण - जब ताई उतनी तेज बारिश में भीग कर अपने ध्यान में बैठा था तब तुमने उसे स्नेह के तौर पर अपना दुपट्टा उसे उढ़ाया था और अब रहा तीसरा चरण जो तुम्हारे पास खुद आया है चलकर प्यार l
हाँ इसे पढ़ने के बाद तुम मुझे मत ढूँढना क्योंकि मैं ढ़ूढ़ने से नहीं मिलूंगा मैं एहसास हूँ तुम मुझे महसूस करो मैं तुम्हारे सीने के अंदर हूँ तीसरा चरण मैं वही हूँ l
शिद्दत सोच में पड़ जाती है ताई अपने कमरे में अपने बिस्तर पर बैठे ही हाथ बांधे आँखे बंद कर सर को पीछे टेक लगाए बैठा था l
और वो किसी को याद कर रहा था कोई लड़की जो भाग रही थी उसके पीछे एक लड़का भाग रहा था वो लड़की चिल्ला रही थी जिससे उसकी आवाज़ वहाँ गूँज रही थी वो बोल रही थी - मैं तुमसे बहुत बहुत बहुत प्यार करती हूँ इतना की मैं तुम्हारे लिए तुम्हारे लिए मर भी सकती हूँ l
उस लड़के ने उसका हाथ पकड़ उसका मुँह बंद कर दिया और उससे कहा - ऐसी बातें मत किया करो तुम्हारी सारी बलाएँ मैं अपने ऊपर ले लूँगा तुम्हें वो छू भी नहीं सकेंगी l
उस लड़के की बात सुन वो लड़की उसके गले लग जाती है और फिर वो वहीं एक पत्थर पर बैठ जाते हैं l
लड़की उसके गोद में सर रखकर सो जाती है और उससे कहती है - तुम्हें पता है मैं तुम्हें नहीं भूल सकती कभी नहीं और जिस दिन तुम्हें भूली मैं ये संसार छोड़ दूँगी l
उस लड़के ने कहा - नहीं ऐसा कभी नहीं होगा l
उस लड़की ने फिर उससे कहा - अगर ऐसा हुआ तो तुम मुझे याद दिला देना l
वो लड़का उसके बालों पर अपने हाथ फेर रहा था उस लड़की ने सोये हुए ही कहा - एक बात कहूँ l
हाँ बोलो - उस लड़के ने मुस्कुराते हुए उसे देखते हुए कहा तो उस लड़की ने कहा - अगर मैं तुमसे बहुत दूर चली जाऊँ तो तुम मेरा इंतजार करना मैं जरूर आऊंगी तुम्हारे लिए l
करोगे न मेरा इंतजार l
उस लड़के उसका हाथ पकड़ा और उसके हाथ को अपने हाथ में लेकर उससे कहा - मैं तुमसे वादा करता हूँ कि मैं तुम्हारा हर एक जन्म में सिर्फ तुम्हारा इंतजार करूंगा सिर्फ तुम्हारा और मुझे विश्वास है कि तुम जरूर आओगी मैं तुमसे वादा करता हूँ कि मैं तुम्हें हमेशा याद रखूँगा तुम्हारे अलावा मेरे दिल में कभी कोई और नहीं आयेगा l
मैं हमेशा तुम्हारा इंतजार करता रहूँगा सिर्फ तुम्हें याद करूंगा सिर्फ तुम्हें सोचूँगा, उसने पूरे दिल से बोला जिससे उसके आँख में आँसू और होठों पर एक प्यारी सी मुस्कान थी उसकी नजर बस उस लड़की पर थी जो उसे देख मुस्करा रही थी l
उस लड़के ने उसका हाथ मजबूती से पकड़ रखा था लेकिन तभी वो लड़की अचानक से गायब हो गयी ताई ने घबराते हुए अपनी आँख खोली और कहा - नहीं l
उसके आँख के आंसू उसके गाल पर आ जाते हैं इस वक़्त उसके दिल में एक तेज का दर्द हो रहा था उसने अपने सीने पर हाथ रखा l
तभी उसके कमरे में दो लड़कियाँ आती हैं और कमरे का दरवाजा बंद कर उसके पास आती हैं ताई उन्हें देखकर कहता है - कौन हो तुम दोनों और मेरे कमरे में क्या कर रही हो l
हम तुम्हारे दोस्त हैं, उसमें से एक ने कहा और नकली बाल अपने सर से निकाला तो ताई दोनों को देख कर हैरान रह गया वो कहता है - सिमी, जियांग तुम दोनों इस ल़डकियों के भेष में क्या कर रहे हो किसी नौटंकी मे भाग लिया है l वो उनका मज़ाक उड़ाते हुए हँसने लगा l
जियांग - हम यहां तेरे लिए मेहनत करें और तू हमारा मज़ाक उड़ा रहे हो l
ताई - ऐसा क्या मेरे लिए कर दिया l
सिमी - हमने पता लगा लिया कि वो तुमसे प्यार करती है l
ताई ने कहा - कौन, उसने हैरानी से कहा l
जियांग - वही जिसका तुम इंतजार कर रहे हो l
ताई - कौन शिद्दत l
दोनों ने एक साथ कहा - हाँ वही हमनें अपने कानों से सुना उसके दिल में तुम्हारे लिए एहसास जग रहे हैं l
ताई - क्या उसने खुद बोला ?
सिमी जियांग ने कहा - नहीं l
ताई ने कहा - तो फिर बस उसके दिल में अभी एहसास जागे हैं उसे प्यार तो नहीं हुआ है l
सिमी ने कहा - हमें माफ़ करना हम तो बस तुम्हारी मदद करना चाहते थे हम तुम्हें ऐसे नहीं देख सकते हैं मैंने बहुत सारे लोग देखे अपनी जिंदगी में लेकिन तुम्हारे जैसा इंसान पहली बार बार देखा है जो पाँ... वो आगे कुछ बोल पाता उससे पहले ही ताई ने उसके मुँह पर हाथ रख दिया l
ताई - नहीं ये बात तुम्हारे अलावा किसी और को पता नहीं होनी चाहिए l
सिमी ने उसे देख हाँ मे सर हिलाया और दोनों वहाँ से चले गए ताई सोचने लगा शिद्दत बाहर जा रही थी तभी उसकी नजर उस पुस्तकालय के कमरे में पड़ी जो खुला था l
वो अंदर गयी उसने इधर उधर देखा तो वहाँ पर कोई नहीं था तभी उसका टेबल पर कुछ किताबों पर लग गया जो कि नीचे गिर गया वो घुटनों के बल बैठ गयी और उन किताबों को उठाने लगी तभी उसकी नजर उस किताब पर गयी जो उसने उस दिन पाया था l
उसने उस किताब को खोला तो उसकी धड़कने तेज हो गयीं उसने अपने सीने पर हाथ रखा और उस किताब को देख कर कहा - आज मैं देखूँगी इसमे क्या लिखा है l
उसने पहला पेज खोला जिसमें लिखा था पहला जन्म वो जैसे ही पढ़ने वाली थी आसमान में एक की बिजली कड़कती है शिद्दत के डर से वो किताब दूर फेंका जाती है l
Continue...