उसके बाद मैं अपने घर आगया मैं अपने घर लगभग दो साल बाद आया था इधर घर पर मेरे पाँच भाई पांच बहने थी मुझे जोड़ कर जिसमे एक बड़ी बहन की शादी की डेट फिक्स हो गई थी और फिर मेरे पापा के कहने पर मैंने अपना ट्रक खुद से ड्राइव करना शुरू करदिया और कड़ी मेहनत करके कुछ महीने में मैंने एक लाख रुपये अपने पापा को कमा कर दिए उसी पैसे से मेरे पापा ने मेरी बड़ी बहन की शादी कर diye,
उसके बाद मेरी चार बहने और थी जो मुझसे छोटी थी जिसमे सभी की उम्र लगभग बराबर थी मतलब एक साल की छोटी बड़ी थी और मेरे भाई में एक कोलकाता में रहते थे वो मुझसे बड़े भाई थे और तीन मुझसे छोटे थे जो घर पर ही लोकल सरकारी स्कूलों मे पढ़ाई करते थे फिर मैंने एक या दो साल परमानेंट ड्यूटी किया और जो भी पैसा कमाया घर लाकर अपने पापा को दिया।
ऐसा करके उन्होंने ने दो साल बाद मेरी एक और बहन की शादी कर दी मतलब ऐसा लगा मुझे अब मेरे घर की जो परेशानी है वो कुछ कम हो होजाएगी। मैंने और दिल लगाकर ड्यूटी करने लगा। एक दिन मेरा जो हेल्फर था वो बोला मैं ड्यूटी नही करूँगा (ट्रक हेल्फर) औऱ बिना हेल्फर के ट्रक में अकेले ड्यूटी करना संभव नही था।
इसी लिए मैं ट्रक को खड़ी कर दिया और अपने घर आगया और मैंने पापा से कहा के मैं बिना हेल्फर के ट्रक में अकेले ड्यूटी नही करूँगाइसी लिए मेरे पापा ने वक्त के हालात को देखते हुए मुझसे कहा के तुम अपने छोटे भाई को साथ मे रखलो और उसे भी धीरे धीरे ड्राइविंग करना सीखा देना।
फिर मैं और मेरा छोटा भाई मिलकर ड्यूटी करने लगे और फिर यही कोई सात आठ महीने में मैंने छोटे भाई को ड्राइविंग करना सीखा दिया । उसके बाद कि कहानी ऐसी है दोस्तो भाईयों और बहनों के ऐसा भगवान न करे किसी के साथ हो जैसा के मेरे साथ ऐसा हुआ ऐसा क्यों हुआ और मेरे साथ ही क्यों मैंने आज तक कभी किसी के साथ गलत नही किया और नही होने दिया मैंने हमेशा दूसरे की मदद ही कि है बस दोस्त आगे की कहानी पार्ट। 7 में

Real story
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After that I came to my house, I came to my house after about two years, here at home I had five brothers and five sisters, adding me, in which the date of marriage of one elder sister was fixed and then at the behest of my father, I owned my own truck. I started to drive from there and after working hard in a few months, I earned one lakh rupees to my father, with the same money my father got my elder sister married.
After that I had four more sisters who were younger than me, in which everyone was almost equal in age, meaning one year was younger and one of my brothers lived in Kolkata,
he was my elder brother and three were younger than me who were at home in the local government. Used to study in schools, then I did permanent duty for a year or two and brought home whatever money I earned and gave it to my father,
by doing this he married another sister of mine after two years, which means I felt the problem of my house now. It will be less, I started doing duty with more heart, one day my helper said that I will not do duty (truck helper) and it was not possible to do duty alone in a truck without a helper,
that's why I parked the truck and Came to my house and I told my father that I will not do duty alone in the truck without a helper, that's why my father, seeing the circumstances of the time,
told me that you keep your younger brother with you and teach him to drive slowly. Me and my younger brother started doing duty together and then in seven to eight months I taught my younger brother to drive. After that the story is such that friends of brothers and sisters, God should not happen to anyone as this happened to me,
why did this happen to me and why did I never do wrong to anyone till today and I have not allowed it to happen to others. It is only friend that the next part of the story. 7 in