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MY Arrogant professor

Adavan Rajput is a brand in itself, which every child of Delhi knows. There would hardly be any person in Delhi who does not know Adavan Rajput. Be it status or money, he was not behind anyone in anything, but he was full of ego, selfishness and anger. On the other side was Arana Sharma, a calm, playful and innocent girl, who only knew how to share love by being among people. What will happen when two people of different temperaments meet?

Aarushi_Sharma_7900 · Fantasía
Sin suficientes valoraciones
6 Chs

andekhi mulakat

अब तक, 

श्याम की बात सुन अदावन ने उसे जाने का इशारा किया और खुद फाइल ले पढ़ने लगा! क्योंकि कल उसे लेक्चर देना था। बेशक वो एक ब्रिलियंट स्टूडेंट था,,, लेकिन इतने दिनो बाद फिर से पढ़ाना,,, थोड़ा मुस्किल था! इसलिए उसे थोड़ी मेहनत तो करनी ही थी! अदावन ने जैसे ही एक पेज फिनिश किया की उसके दिमाग में माया की बात आ गई! 

अब आगे,

माया की बात याद कर अदावन ने फाइल बंद कर दी और अपना सिर चेयर से टिका लिया। इतने में उसका फोन रिंग करने लगा, जिसे अदावन ने बिना देखे ही पिक कर लिया, लेकीन जैसे ही उसने  कॉल पीक किया की उधर की आवाज सुन सीधा बैठ गया। क्योंकि ये कॉल यूनिवर्सिटी से आया था,,,

"मिस्टर अदावन! कल आपका फर्स्ट लेक्चर है! आई होप आप उसके लिए अच्छे से प्रिपरेशन कर रहे होंगे! मैने बस आपको टाइम टेबल और लेक्चर से रिलेटेड कुछ बाते बताने के लिए कॉल किया है,,, और रही बात सब्जेक्ट से रिलेटेड तो..... मैं आपको पूरा सिलेबस मेल कर दूंगा"। ऐसे ही दोनो ने कुछ देर बात की ओर फोन काट दिया। बायोलॉजिकल टीचर से बात करने के बाद अब अविहान को थोड़ा रिलेक्स फील हो रहा था। अब उसे किसी चीज की टेंशन लेने की जरूरत नही थी। 

अराना भी फ्रेश हो नीचे चली गई! क्योंकि लंच का टाइम हो चला था! अराना जैसे ही डाइनिंग टेबल पर बैठने को हुई की समय ने उसकी ड्रेस पकड़ खीच दी। जिसे महसूस कर अराना उसे घूरने लगी, जिसे देख समय शांत बैठ गया। और अराना अपनी चेयर पर बैठ गई। अराना के बैठते ही रेखा जी ने खाना परोस दिया,, रेखा जी के खाना परोसते ही दोनो भाई बहन खाने पर टूट पड़े। क्योंकि खाने में मटर पनीर और पूड़ी थी! जो अराना, समय दोनो की फेवरेट थी। 

माया गुस्से से सभी फाइल को घूर रही थी की वहा श्याम आ गया,, और माया को फाइल के नीचे माथा पच्ची करता देख जोर से हस दिया! माया तो फाइल को देख इतनी ज्यादा पागल हो चुकी थी की उसे श्याम के आने का पता ही नही चला। लेकिन जैसे ही उसने श्याम के हसने की आवाज सुनी तो उसका दिमाग खराब हो गया, वो यहां अपनी खुद की कंपनी छोड़ काम करने नही बल्कि अदावन को पाने आई थी, लेकिन यहां सब उल्टा हो रहा था। 

"तुम क्या अपने दांत फाड़ने बंद करोगे! मुझे तुम्हारे ये पीले दांत देखने का कोई शोख नही है,,, इसलिए दफा हो जाओ यहां से "। माया ने श्याम को बाहर का रास्ता दिखा दिया! जिसे देख श्याम का मुंह छोटा सा हो गया और वो उदास हो माया के केबिन से बाहर चला गया। ऑफिस में सभी को ये बात पता थी की श्याम माया को कही ना कही पसंद करता है,,, लेकिन ये बात माया को ही नही पता था! और वो श्याम से इतने बुरे तरीके से बरताव करती थी की अगर श्याम की जगह कोई होता तो कब का माया को भूल जाता। लेकिन कहते है ना,,, प्यार में इंसान को हर चीज अच्छी लगती है! बस यही हाल हमारे श्याम बाबू का भी था। 

युक्ता अपने कमरे में बैठी सारा सामान तोड़ फोड़ रही थी,, क्योंकि अदावन ने उसकी बात नही मानी थी,,, और बाहर खड़े सारे घरवाले चीज़ों के टूटने की गिनती कर रहे थे! जैसे ये काम बहुत बार हो चुका हो। 

"मोहन लाल,,, क्या लगता हैं! इस बार कितने के नुकसान होगा! क्योंकि जिस तरह से सामान के टूटने की आवाजे आ रही है! इस बार अदावन का तगड़ा खर्चा बैठेगा"। ये बोल वो हस दिए और उनकी बात सुन मोहन लाल(दादा जी) भी जोर से हस दिए। 

सही कह रहे हो गुप्ता जी, इस बार अदावन को तगड़ा खर्चा खर्चा करना पड़ेगा,, अगर परमिशन दे दी होती तो आज ये नुकसान ना झेलना पड़ता! खेर हमे क्या..... हम तो बस सामान गिनते है,, ताकि इसकी रिपोर्ट अदावन तक पहुंचाई जा सके। 

थोड़ी ही देर में अराना का नाश्ता हो गया और वो टेबल से उठ गई! जिसे देख रेखा जी बोल पड़ी, "अराना,,, जल्दी से तैयार हो जाओ! हमे शॉपिंग पर जाना है! क्योंकि तुम्हारे कॉलेज के लिए कोई भी चीज अभी तक खरीदी नही है! फिर तुम कल को बोलोगी की मेरे पास ये नही है मेरे पास वो नही है"। ये बोल रेखा जी ने उसे तैयार होने को भेज दिया। 

अदावन अब तक तीन फाइल पढ़ चुका था! जिससे उसे काफी हेल्प मिल चुकी थी और वो अच्छे से समझ गया था की कल उसे कोन सा टॉपिक पढ़ाना है। जैसा की अदावन की सारी मीटिंग कैंसल हो चुकी थी! इसलिए यहां ऑफिस में रुकने का कोई फायदा भी नही था,, जिस वजह से अदावन ने पीयून को आवाज लगा दी, ताकी वो ये सारी फाइल उठा सके। अगले ही सेकंड पीयून अंदर आ गया, जिसे देख अदावन ने उसे सारी फाइल उठाने का इशारा किया और खुद केबिन से बाहर निकल गया। श्याम जो माया की हरकत से उदास था की अचानक उसकी नजर केबिन से निकलते अदावन पर चली गई। इतनी जल्दी अदावन को कही जाता देख.... श्याम जल्दी से उसकी तरफ दौड़ गया और उसके आगे खड़ा हो गया। अचानक श्याम से इस एक्शन से एक पल को अदावन भी डर के दो कदम पीछे हो गया और उसे घूरने लगा। 

"ये क्या हरकत है श्याम! तुम मेरे आगे क्यू खड़े हो"?? अदावन की बात पर श्याम जल्दी से सॉरी बोल साइड हो गया और बोला, "बॉस आप इतनी जल्दी कहा जा रहे है और क्या अपने सारी फाइल पढ़ ली! क्योंकि कल आपको यूनिवर्सिटी भी तो जाना है"!??

श्याम की बात पर अदावन ने हा में सिर हिला दिया और उसे साइड कर बाहर निकल गया। अब अदावन इतनी जल्दी घर जा रहा था तो कंपनी का सारा वर्क लोड श्याम के कंधो पर ही आना था। वैसे तो श्याम काम करने से डरता नही था....लेकिन अदावन की गैरमौजूदगी में उसे ज्यादा काम करना पड़ता था! जिस वजह से उसकी हालत कुत्तों जैसी हो जाती थी। "चल बेटा श्याम,,, बॉस तो चले गए ! अब तुझे ही सारा काम करना है"! ये बोल श्याम अदावन के केबिन में चला गया। 

अदावन जैसे ही अपनी कार में आकर बैठा की पीयून ने सारी फाइल उसके बगल में रख दी और कार का डोर बंद कर साइड हट गया। ड्राइवर ने जल्दी से कार स्टार्ट की ओर घर की तरफ मुड़ गया। 

रेखा जी की कहने पर अराना तैयार हो गई, इस वक्त अराना ने व्हाइट क्रॉप टॉप और बैक स्ट्रेट पैंट पहनी थी, पैरो में हाई हील जूते! थोड़ी देर पहले की अराना अब एक हॉट लड़की में कन्वर्ट हो चुकी थी। जिसे देख एक पल को समय भी शॉक्ड हो गया,, की ये उसी की बहन है या नही। लेकिन रेखा जी अराना के कपड़े देख मुस्कुरा दी और अपना पर्स ले अराना के साथ शॉपिंग के लिए निकल पड़ी। 

जब युक्ता ने अपने कमरे का पूरा कबाड़ा कर दिया, तब जाकर कही उसका गुस्सा शांत हुआ और वो अपने बेड पर जाकर सो गई। गुस्सा शांत होने के बाद उसे अब थोड़ा अच्छा फील हो रहा था! लेकिन उस तोड़ फोड़ की सजा तो उसे शाम को ही मिलने वाली थी,, जब अदावन न घर आ उसकी क्लास लगाता। 

रेखा जी ने जल्दी से एक टैक्सी रुकवाई और उसमे बैठ शॉपिंग के लिए निकल गई। दूसरी तरफ तारा जी जैसे ही शिवानी को देखने के लिए पीछे मुड़ी की,,, वहा से शिवानी गायब थी! ये देख उन्होंने अपना सिर पीट लिया! क्योंकि भगाने में तो शिवानी का कोई मुकाबला ही नही कर सकता। 

"शिवानी..... जल्दी से कपड़े चंगे कर नीचे आ! क्योंकि कल तुझे कॉलेज जाना है,, और अभी तक उसकी शॉपिंग नही की हमने"। ये बोल तारा जी किचन की तरफ मुड़ गई। 

अराना की टैक्सी अचानक से ट्रैफिक लाइट पर रुक गई,, क्योंकि रेड लाइट जल रही थी! जिसका मतलब था की आगे जाना माना है। टैक्सी रुकते ही अराना की नजर एक बच्चे पर चली गई, जो रोड क्रॉस कर रहा था और उसके पीछे तेज रफ्तार से एक गाड़ी आ रही थी! जिसे देख अराना जल्दी से कार से निकली और उसे बच्चे की तरफ दौड़ पड़ी,,, इससे पहले की अराना उस बच्चे को बचाती की किसी और ने उस बच्चे को बचा लिया। जिसे देख अराना के आखों के समाने अंधेरा छा गया,,, इससे पहले की अराना जमीन पर गिरती की किसी ने उसे अपने बाहों में थाम लिया। 

किसने बचाई उस बच्चे की जान??? किसकी बाहों में अराना गिरी???

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