webnovel

हसीन ख्वाब।

रामनाथपूर, उत्तर प्रदेश। 

आज रामनाथपुर की गलियों मे बड़ी खुशिया मनाई जा रही है। पुरा शहर दिवाली की रोशनी मे चमक रहा है। इस शुभ अवसर पर लोग मिठाइयों से मुह मिठा कर रहे है। 

'आज आशीष अवस्थी साब के घर मे भी दिवाली की रौनक देखने को मिल रही थी। अवस्थी साब शहर के सबसे बड़े डॉक्टर है। हार्ट सर्जन स्पेशालिस्ट है।' 

चलिए... आइये मिलते है अवस्थी साब से। 

"अरे कैसे है संजय शेखावत जी? 

(अवस्थी साब ने अपने पड़ोसी शेखावत जी को गले मिलते हुए पूछा।) 

" हम तो एकदम बढ़िया है, आप बताये? 

(संजय जी ने जवाब दिया।) 

"मै हेल्थी हूँ और फिट भी। 

(आशीष जी ने मुस्कुरा कर कहा।) 

" आप तो डॉक्टर है, तो ज़ाहिर सी बात है की, आप फिट ही रहते हो। 

(संजय जी ने उनकी फिटनेस देख कर कहा।) 

"जी बिल्कुल.. अच्छा संजय जी मै चलता हूँ। लक्ष्मी जी की पूजा करनी है। 

(आशीष जी ने कहा।) 

'जी ज़रूर आप जा सकते। 

(संजय जी ने आदर पूर्वक कहा।) 

[संजय जी अपने घर चले गए। और आशीष जी भी। आशीष जी घर मे इतनी खुशी का माहौल देख कर खुश हुए। वो सोफे पर पर बैठ गए। तभी एक औरत पूजा की थाल लेकर उनके पास आ रही थी। वो औरत आशीष जी के पास आकर बोली...]

"आप यहाँ बैठे हैं? यह लीजिये थाल, और चलिए पूजा भी करनी है।"

( सीमा जी ने पूजा की थाल उनकी ओर बढ़ाते हुए बोली।) 

[आशीष जी सीमा जी के साथ पूजा करने चले जाते है। घर मे बने मंदिर मे अवस्थी परिवार इकट्ठा है। आशीष और सीमा जी भी आ जाते है।]

[एक लड़की सीढ़ियों से नीचे आती हैं। गोरा रंग, गुलाबी होंठ, कमर तक लहराते उसके बाल, माथे पर छोटी सी बिंदी , गले मे डायमंड नेकलेस और घागरा चोली पहने बहुत ही सुंदर लग रही थी। आशीष जी और सीमा जी की नज़र उस लड़की पर गयी तो दोनो के चेहरे पर लम्बी मुस्कुराहट आ गयी। वो लड़की आशीष जी के पास आयी, और उनके पैर छुये साथ मे सीमा जी के भी पैर छुये।]

"हमेशा खुश रहो रिया बेटी।"

(आशीष और सीमा जी ने उसे आशीर्वाद देते हुए कहा।) 

"बहुत प्यारी लग रही हैं हमारी बेटी" किसी की नज़र ना लगे। 

(सीमा जी ने रिया को काजल का टिका लगाते हुए कहा।) 

"माँ आपके होते हुए, मुझे किसी की नजर लग ही नही सकती।" इसलिए इस काले टिके की कोई ज़रूरत नही है। आपकी ब्लेसिंग ही काफी है। 

 ( रिया ने सीमा जी को हग करते हुए कहा।) 

"चलो,अब पूजा करते हैं।" आओ। 

(आशीष जी ने कहा।) 

[सब लोग लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं। रिया भगवान के सामने हाथ जोड़े खड़ी है।]

"मैंने आज तक आपसे जो भी मांगा है, आपने वो दिया है। अच्छा परिवार, अच्छे मम्मी पापा , अच्छा भाई सब कुछ दिया। मै सिर्फ यही चाहती हूँ, की मेरे मम्मी पापा ऐसे ही खुश रहे। अब मेरा सपना है की मुझे कोई ऐसा मिले जो मुझे खुश रखे। 

(रिया ने भगवान को हाथ जोड़े अपने मन मे प्रार्थना की।) 

[रिया खत्म होने के बाद रिया ने सबको प्रशाद दिया। फिर पूजा की थाल सीमा जी को पकड़ा दी। और अपने भाई के पास आयी।]

"राघव भैया, क्या मुझे कल आपकी कार मिल सकती हैं?

(रिया ने अपने भाई से पूछा? जो अपने कमरे मे जा रहा था।) 

"कार? क्यु? तुझे कही जाना है क्या? 

(राघव ने रिया से सवाल किया।) 

"हाँ भैय्या कल मुझे फ्रेंड्स के साथ शॉपिंग करने जाना है।" 

(रिया ने जवाब दिया।) 

"पर तूने तो पिछले हफ्ते ही दिवाली की शॉपिंग कर ली थी न? फिर दोबारा शॉपिंग क्यो करनी है तुझे? 

     (राघव ने पूछा।) 

" अरे मेरे भैया, मुझे शॉपिंग नही करनी है। बल्कि मेरे फ्रेंड्स लोगो को शॉपिंग करनी है। 

     (रिया ने कहा।) 

"ओह, अच्छा, फिर ठीक है। ले जा कार। 

     (राघव ने हाँ कर दी और कार की चाबी भी रिया को दे दी।) 

" थैंक यू भैया। आप बहुत अच्छे हो। "

(रिया ने खुशी से राघव को हग करते हुए कहा।) 

[रिया, सीमा को बाकी घर के कामो मे हाथ बटाने लगी। कुछ देर मे सब डाइनिंग टेबल पर डिनर करने बैठ गए। सीमा जी सबको खाना सर्व करने लगी।]

"रिया बेटी, राघव ने बताया की, तुम कल कहीं जा रही हो? 

 (आशीष जी ने हाथ की शर्ट स्लिव फोल्ड करते हुए कहा।) 

" जी पापा वो मेरी सहेली है न नीलम,उसको शॉपिंग करना है, उसके साथ जाने वाली हूँ। 

     (रिया ने आशीष जी से कहा।) 

"अच्छा बेटी ठीक है, पर कल घर जल्दी आ जाना। 

  (आशीष जी ने कहा। रिया ने हाँ मे सिर हिलाया। सब खाना खाने लगे।)

[सबने खाना खा लिया और अपने कमरे मे सोने चले गए। रिया ने बेडशीट ठीक किया और सो गयी। ]

.... 

" आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो। 

     ( लड़के ने रिया से कहा।) 

"अच्छा जी, लेकिन तुमने मुझमे ऐसा क्या देख लिया," जो तुम्हे लग रहा है की, मै बहुत खूबसूरत हूँ? 

(रिया ने उस लड़के से पूछा।) 

"क्युकी तुम मेरा प्यार हो, मेरी ज़िंदगी हो, जीने की वजह हो। मै तुमसे इसलिए प्यार नही करता की, तुम खूबसूरत हो... बल्कि इसलिए करता हूँ क्योकि तुम्हारा दिल खूबसूरत है, तुम अच्छी लगती हो मुझे। तुम्हारी बाते मुझे रात को सोने नही देती।"

   (लड़के ने रिया के करीब आकर उसकी आँखों मे देख कर कहा।) 

"बस... अब इसके आगे कुछ मत कहना। मै समझ गयी। मै जान गयी हूँ की तुम मुझसे कितना प्यार करते हो। 

(रिया ने उस लड़के के मुह पर हाथ रख कर कहा।) 

[लड़के ने रिया के हाथ को चूम लिया। और उससे दूर होने लगा। वो अपने कदम धीरे धीरे पीछे लेने लगा।]

" अरे कहा जा रहे हो तुम? रुको न प्लीज़! 

(रिया ने लड़के से पूछा।) 

[वो लड़का पीछे मुडा और जाने लगा। जाते जाते थोड़ी देर मे वो रिया की आँखो से ओझल हो गया। रिया को कुछ भी दिखाई नही दे रहा था। उसने आँखो को मसला, लेकिन कुछ दिखाई नही दिया। वो लड़का गायब हो गया था। रिया उसे ढूंढने लगी। रिया इधर उधर उस लड़के को ढूंढ रही थी,वो नही मिला। रिया चलते चलते किसी चीज से टकरा गयी और धडाम से नीचे गिर गयी।]

[रिया की आँख खुली। उसको थोड़ा पसीना भी आ रहा था। रिया ने खुद को देखा तो, वो अपने कमरे मे थी। वो बेड से नीचे गिरी हुई थी। रिया सपना देख रही थी। वो उठ कर खड़ी हुई और साइड मे रखा पानी का ग्लास उठाया और पानी पी लिया।]

"ओह, तो यह मेरा ख्वाब था। मै सपना देख रही थी। वैसे सपना बहुत ही प्यारा था। पता नही वो लड़का कौन था, जो अपना प्यार ज़ाहिर कर रहा था। कौन था? 

(रिया सपने के बारे मे सोचते हुए, खुद से बतियाने लगी।) 

...